विधायक जयराम महतो समेत 7 पर केस दर्ज, सीसीएल क्वार्टर पर कब्जा और चोरी का लगा आरोप….

 

राँची/बोकारो।झारखण्ड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) के विधायक जयराम महतो और उनके 6 समर्थकों सहित कई अज्ञात लोगों पर सीसीएल क्वार्टर पर कब्जा करने और चोरी का मुकदमा दर्ज किया गया है।झारखण्ड के डुमरी विधायक जयराम महतो और उनके समर्थकों पर बोकारो जिले के चंद्रपुरा थाना में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।मामला सीसीएल ढोरी प्रक्षेत्र की मकोली सेंट्रल कॉलोनी में क्वार्टर नंबर डी/02 पर अवैध रूप से कब्जा करने और चोरी का है।सीसीएल ढोरी क्षेत्र के सुरक्षा पदाधिकारी सुरेश कुमार सिंह ने चंद्रपुरा थाना में एक आवेदन दिया है,जिसमें कहा है कि 25 दिसंबर 2024 की शाम साढ़े 5 बजे सूचना मिली कि मकोली स्थित क्वार्टर पर अज्ञात लोग कब्जा कर रहे हैं। क्वार्टर में रह रहे प्रशिक्षु पदाधिकारियों के सामान हटाकर पदाधिकारियों को आवास से भगाया जा रहा है।

सूचना के आधार पर सीसीएल ढोरी के सुरक्षा पदाधिकारी ने सीसीएल के सुरक्षा पदाधिकारी शीलचंद, प्रधान सुरक्षा प्रहरी कृपाल सिंह, अनाम वारिश और माणिक दिगार, होमगार्ड जितेंद्र कुमार रजक, सीआईएसएफ इंस्पेक्टर एके सिंह के साथ वहां पहुंचे, तो देखा कि 25-30 अज्ञात लड़के क्वार्टर के अंदर घुसे हैं।हल्ला-गुल्ला कर रहे हैं। क्वार्टर में रह रहे प्रशिक्षु पदाधिकारी विनय वर्मा, राहुल राज, प्रद्युम्न कुमार काफी भयभीत और परेशान लग रहे थे। बार-बार इन अज्ञात लड़कों से बचाने का अनुरोध कर रहे थे।

उन्होंने आगे लिखा है, ‘बातचीत के क्रम में इन लोगों से पता चला कि सभी लड़के झारखण्ड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) पार्टी के कार्यकर्ता हैं।डुमरी के विधायक जयराम महतो के आदेश पर यहां आकर क्वार्टर में हंगामा कर रहे हैं। इसकी सूचना मैने स्थानीय पुलिस व सीसीएल प्रबंधक को दी।मकोली ओपी प्रभारी संजय कुमार सिंह ने लड़कों को समझाया-बुझाया।अनुरोध किया कि वे चले जाएं, लेकिन वे मानने को तैयार नहीं हुए।

इस बीच, चंद्रपुरा थाना प्रभारी अमन कुमार, नावाडीह थाना प्रभारी अमित सोनी, गांधीनगर ओपी थाना प्रभारी पिंटू महथा, बोकारो झरिया ओपी प्रभारी श्रीनिवास कुमार सिंह पहुंचे। उनके समझाने पर भी लोग नहीं माने। बाद में बेरमो इंस्पेक्टर सहित कई थाने की पुलिस वहां पहुंची। लड़कों से क्वार्टर से जाने का अनुरोध किया, लेकिन वे बदतमीजी करते हुए हल्ला-गुल्ला करने लगे। गाली-गलौज भी की

बेरमो प्रखंड के आवासीय दंडाधिकारी को इसकी सूचना दी गई।गाली-गलौज करने वाले 30-40 लड़कों में विनोद चौहान, राहुल पासवान, संजीत कुमार, नितेश कुमार, तिलक महतो और संदीप महतो शामिल थे। रात करीब 2 बजे उपद्रवियों के सहयोग से विधायक जयराम महतो उस क्वार्टर में आए और उपद्रवी लड़कों का सहयोग करते हुए खुद भी पुलिस के साथ अभ्रद व्यवहार करने लगे। सरकारी काम में बाधा भी पहुंचाई।

शिकायतकर्ता ने आगे लिखा, ‘हमलोगों ने आवासीय दंडाधिकारी और पुलिस पदाधिकारी के माध्यम से विनम्रतापूर्वक डुमरी विधायक को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे उल्टे आग बबूला हो गए।अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए गाली-गलौज करने लगे तथा आवासीय दंडाधिकारी व पुलिसकर्मियों को औकात में लाने की बात बोलने लगे। इस पर आवासीय दंडाधिकारी ने भीड़ को नाजायज भीड़ (मजमा) घोषित किया गया और पुलिस को क्वार्टर में घुसे उपद्रवियों को बाहर निकालने का निर्देश दिया।

शिकायतकर्ता ने कहा है कि विधायक और उनके समर्थकों ने पुलिस से ही झंझट करना शुरू कर दिया।विधायक की शह पाकर कोई भी उपद्रवी क्वार्टर से नहीं निकला।पुलिस ने कोई बल प्रयोग नहीं किया।अगर पुलिस ने बल प्रयोग किया होता, तो हिंसा की नौबत आ सकती थी।भीड़ में कई लड़के शराब के नशे में थे। पुलिस ने इस मामले में बीएनएस कांड संख्या 137/24 के तहत मामला दर्ज किया है।सभी 7 आरोपियों के खिलाफ बीएनएस की धारा 191(2), 190, 223, 126 (2), 115 (2), 333, 303 (2), 132, 308 (3), 308 (5), 352, 351 (2) लगाई गई है।

इस मुद्दे पर जयराम महतो ने भी अपनी सफाई दी है।उन्होंने कहा कि यहां स्थानीय व ग्रामीण लोगों के स्वाभिमान की लड़ाई है। साढ़े पांच हजार ऐसे क्वार्टर हैं, जिन पर कब्जा है।इसी को लेकर ग्रामीण लगातार आवाज उठा रहे हैं।अगर सही रास्ते से काम नहीं निकल रहा है, तो उंगली टेढ़ी करें। खुद प्रबंधन और प्रशासन आयेगा। मुझे क्वार्टर की किसी वस्तु की जरूरत नहीं है। पुलिस प्रशासन स्थानीय लोगों के साथ गलत व्यवहार कर रहा था। इसलिए मैं रात को 2 बजे आया। दूसरे दिन बेरमो एसडीएम आकर मनमानी कर रहे थे।तब मुझे फिर आना पड़ा।पुलिस और प्रशासन आम जनता को नहीं पहचानते। इसलिए इस काम में अपने कार्यकर्ताओं को मेरे नाम से यह कार्य करने के लिए कहा था।

जयराम महतो ने कहा कि सीसीएल अवैध कब्जा वाले क्वार्टर को खाली करवाये, नहीं तो मैं स्थानीय ग्रामीणों को राजा हरिश्चंद्र बनने की सलाह नहीं दूंगा।सीसीएल और प्रशासन संवैधानिक बात नहीं कर रहे हैं। संविधान की धारा आम व्यक्ति तक ही क्यों है।यहां कई माफिया टाइप लोग हैं, जो 7-8 क्वार्टर कब्जा करके बेच रहे हैं। सीसीएल के अधिकारी संवैधानिक तरीके से सीसीएल कर्मी के अलावा जो भी क्वार्टर का अवैध कब्जाधारी है, उसे खाली करवाये। गांव का कोई आदमी क्वार्टर में जाता है, तो उसे दुत्कारा जाता है।माफिया के लोग जाते हैं, तो उन्हें सम्मान दिया जाता है. ग्रामीणों की बातों को सही तरीके से कोई सुन नहीं रहा था।

उन्होंने कहा, ‘हम मानते हैं कि रास्ता गलत है, पर मामले को हाइलाइट करने के लिए यह करना जरूरी था। प्रशासन का एक विधायक के प्रति इस तरह का रवैया है, तो आम लोगों के साथ किस तरह का होगा, यह सोचा जा सकता है।यह देखकर साफ जाहिर होता है कि प्रशासन ने महिलाओं और कार्यकर्ताओं पर लाठियां बरसायीं हैं। इन लोगों के पक्ष में मैं विधायक के रूप में बात करने आया था, तब मैनेजमेंट को चाहिए था कि वह सामने से आकर शांतिपूर्ण बात करता।जहां भी ऐसे गैरकानूनी काम होंगे, वहां आंदोलन किया जायेगा। रास्ता टेढ़ा है, पर मजबूरी में हमलोगों को बाध्य होकर ऐसा कदम उठाना पड़ रहा है।