राज्यसभा से भी पारित हुआ नागरिकता संशोधन विधेयक, बिल के पक्ष में पड़े 125 वोट, विपक्ष में 105
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन विधेयक को राज्यसभा से भी मंजूरी मिल गई है। उच्च सदन में इस बिल के पक्ष में 125 वोट पड़े, जबकि 105 सांसदों ने इसके खिलाफ मतदान किया। बिल पर वोटिंग से पहले इसे सेलेक्ट कमिटी को भेजने के लिए भी मतदान हुआ, लेकिन यह प्रस्ताव गिर गया। सेलेक्ट कमिटी में भेजने के पक्ष में महज 99 वोट ही पड़े, जबकि 124 सांसदों ने इसके खिलाफ वोट दिया। इसके अलावा संशोधन के 14 प्रस्तावों को भी सदन ने बहुमत से नामंजूर कर दिया। अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह बिल ऐक्ट में तब्दील हो जाएगा। इस बिल को सोमवार रात को लोकसभा से मंजूरी मिली थी।
शिवसेना, बीएसपी ने किया सदन से वॉकआउट
दिलचस्प बात यह रही कि लोकसभा में बिल का समर्थन करने वाली शिवसेना के तीन सांसदों ने राज्यसभा से वॉकआउट कर दिया। बता दें कि लोकसभा में बिल का समर्थन करने को लेकर महाराष्ट्र में उसके साथ सरकार चला रही कांग्रेस ने शिवसेना से ऐतराज जताया था। इसके अलावा बीएसपी के दो सांसदों ने भी वोटिंग का बहिष्कार किया।
धर्म के आधार पर न बंटता देश तो न आता बिल’
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यदि देश का धार्मिक आधार पर बंटवारा न होता तो यह बिल न लाना पड़ता। अमित शाह ने कांग्रेस पर वार करते हुए कहा कि आखिर जिन लोगों ने शरणार्थियों को जख्म दिए हैं, वही अब जख्मों का हाल पूछ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘यदि कोई सरकार पहले ही इस समस्या का समाधान निकाल लेती तब भी यह बिल न लाना पड़ता।’
जानें, किन शरणार्थियों को मिलेगी नागरिकता
पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को इस बिल में नागरिकता देने का प्रस्ताव है। इस बिल में इन तीनों देशों से आने वाले हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के शरणार्थियों को नागरिकता का प्रस्ताव है।
गृह मंत्री अमित शाह ने बताया, क्यों नहीं दी मुस्लिमों को बिल में जगह
नागरिकता संशोधन विधेयक पर विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि तीनों पड़ोसी देशों में मुस्लिम बहुसंख्यक हैं इसलिए उनपर अत्याचार की संभावनाएं बहुत कम हैं। इसीलिए उन्हें विधेयक में जगह नहीं दी गई।
नागरिकता संशोधन विधेयक पर राज्यसभा में विपक्षा के सवालों का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि इस विधेयक में मुसलमानों को क्यों नहीं शामिल किया गया? उन्होंने कहा कि बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में मुस्लिम बहुसंख्यक हैं इसलिए उनपर अत्याचार की संभावनाएँ बहुत कम हैं।
गृह मंत्री ने कहा कि विपक्ष 6 धर्मों के लोगों को शामिल करने के लिए प्रशंसा नहीं कर रहा है बल्कि उसका पूरा ध्यान मुस्लिमों पर ही टिका है।
आप कब तक लोगों को मूर्ख बनाएंगे?
रोहिंग्या पर गृह मंत्री का जवाब
गृह मंत्री ने कहा कि रोहिंग्या म्यांमार से सीधे नहीं आते बल्कि बांग्लादेश के रास्ते भारत में घुसपैठ करते हैं इसलिए उन्हें विधेयक में जगह नहीं दी गई। गृह मंत्री ने कहा कि क्या कश्मीर में हिंदू या बौद्ध नहीं रहते हैं? उन्होंने कहा, ‘कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाया गया है तो सभी के लिए हटाया गया है चाहे वे किसी भी धर्म के हों।’