विधानसभा उपचुनाव 2020:दुमका से डॉ लुईस मरांडी और बेरमो से योगेश्वर महतो को भारतीय जनता पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है.
राँची।झारखण्ड में दो सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव में भाजपा ने पुराने प्रत्याशियों पर ही दांव लगाया है।आज रविवार को भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति ने बेरमो और दुमका पर होने वाले उपचुनाव के लिए प्रत्याशियों के नाम घोषित किए हैं। दुमका से डॉ लुईस मरांडी और बेरमो से योगेश्वर महतो को पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है।दुमका से पूर्व मंत्री लुइस मरांडी का नाम पहले ही तय माना जा रहा था। भाजपा ने बेरमो से एक बार फिर योगेश्वर महतो बाटुल को ही मैदान में उतारा।
भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति ने प्रत्याशियों की घोषणा आज रविवार को की। उपचुनाव में बेरमो सीट पर प्रत्याशी को लेकर भाजपा में कुछ ऊहापोह की स्थिति बनी हुई थी लेकिन इस सीट पर यूपीए के प्रत्याशी के तौर पर जयमंगल सिंह के नाम की घोषणा के साथ यह संशय दूर हो गया। योगेश्वर महतो के नाम घोषित करने की वजह भी है। महतो ने वर्ष 2014 के चुनाव में इस सीट से जीत हासिल की थी।2019 के विधानसभा चुनाव में वे कांग्रेस के राजेंद्र सिंह से हार गए थे लेकिन उन्हें सम्मानजक वोट हासिल हुए थे। जातिगत समीकरण में भी बाटुल फिट बैठते हैं, क्योंकि उपचुनाव में मुकाबला आमने-सामने का है। प्रदेश के अधिकतर शीर्ष नेता भी महतो के पक्ष में थे। हालांकि इस सीट के लिए केंद्रीय नेतृत्व को तीन नामों का पैनल भेजा गया था जिसमें योगेश्वर महतो बाटुल के अलावा मृगांक शेखर और और गिरिडीह से पांच बार के सांसद रहे रवींद्र पांडेय का नाम भी शामिल था।
मृंगाक शेखर नया नाम होने के कारण रेस में कुछ पिछड़ गए। हालांकि उनके पैरोकारों की भी कमी नहीं रही। रवींद्र पांडेय को प्रदेश नेतृत्व का उतना सपोर्ट नहीं मिला जितनी उन्होंने अपेक्षा की थी। वहीं, दुमका सीट को लेकर कोई विवाद ही नहीं दिखा। लुइस मरांडी के नाम पर एकमत से सभी सहमत थे।
बता दें दुमका सीट पर भाजपा 2019 में हुए चुनाव में 13,188 वोट से हारी थी,वहीं बेरमो सीट 25 हजार से ज्यादा वोट से हार हुई थी।पिछली चुनाव में बेरमो सीट पर आजसू ने भी 16 हजार से ज्यादा वोट लाएं थे।वहीं जेवीएम को भी कुछ वोट मिली थी।