लॉकडाउन के दौरान 300 करोड़ रुपये के बोझ के तले दबे बस मालिक, सरकार से मदद की लगाई गुहार
राँची। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए केंद्र के निर्देश के बाद राज्य सरकार ने 23 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा की थी. इस लॉकडाउन से बस कारोबार काफी प्रभावित हुआ है. राज्य में चल रहे करीब 8000 बसों के मालिकों पर लॉकडाउन के दौरान 300 करोड़ रुपये का बोझ पड़ा है।
यह बोझ बसों पर लगनेवाले टैक्सों और बाकी खर्चों को लेकर पड़ा है। इनमें रोड टैक्स, इंश्योरेंस सहित ईएमआइ भी शामिल है।बोझ से परेशान इन बस संचालकों ने राज्य सरकार से उन्हें रियायत देने की गुहार लगायी है. बता दें कि पिछले 23 मार्च को राज्य सरकार ने पूरे राज्य में लॉकडाउन की घोषणा की थी. करीब 5 माह तक लगे लॉकडाउन के बाद धीरे-धीरे उद्योग-धंधों में रियायत दी जा रही है. लेकिन अब भी लंबी दूरी के बस संचालकों को सरकार की तरफ से किसी तरह की कोई रियायत नहीं दी गयी है।
300 करोड़ के बोझ के तले दबे
राज्य में करीब 8000 बसें चलती हैं. इन बसों के लिए तिमाही रोड टैक्स केवल झारखंड में 9000 रुपये है. यानी कोई बस झारखंड से बिहार चलती है, तो यह दोनों राज्यों में यह टैक्स अमूमन 9000+9000 यानी 18000 रुपये पड़ता है. इस हिसाब से रोड टैक्स पिछली दो तिमाही 18000*2 यानी 36,000 रुपये बनता है. यानी 8000 बसों के हिसाब से यह राशि करीब 28.80 करोड़ हो जाती है।
इंश्योरेंस को देखें, तो एक बस में सलाना यह 70,000 से 72,000 (प्रति माह 6000 रुपये) बनता है. 5 महीने के हिसाब से यह राशि 30,000 रुपये होती है. 8000 बसों के हिसाब से करीब 24 करोड़ रुपये इंश्योरेंस के मद में है।बसों की ईएमआइ की बात करें, तो एक माह में यह राशि प्रतिमाह करीब 50,000 रुपये तक आती है. इस हिसाब से 6 माह में करीब 3 लाख और 8000 बसों पर 2.40 अरब तक हो जाती है. कुल मिला कर तीनों टैक्सों पर यह राशि करीब 300 करोड़ के करीब पहुंच जाती है।
कम से कम रोड टैक्स ही माफ कर दें मुख्यमंत्री : अनीश बुधिया
अनीश बुधिया ने बस संचालकों पर पड़ रहे आर्थिक बोझ को देख मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से एक बार फिर मदद की गुहार लगायी है. उन्होंने कहा है कि इंश्योरेंस और ईएमआइ में रियायत देने का अधिकार तो उनके पास नहीं है. लेकिन सरकार से यह अपील है कि रोड टैक्स को वे पूरी तरह से माफ कर दें. इसके अलावा एक अन्य फरियाद यह भी है कि लॉकडाउन के बाद जब अधिकांश उद्योग धंधों को खोलने की छूट दी गयी है, तो हमें भी बस को चलाने की छूट मिले.
नियमासंगत है रोड टैक्स माफ करना, हेमंत सरकार करे पहल : कृष्ण मोहन सिंह
वहीं राँची बस ऑनर्स एसोसिएशन के अध्य़क्ष कृष्ण मोहन सिंह ने भी हेमंत सरकार से नियमसंगत रियायत देने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि पूरे लॉकडाउन के दौरान बस सड़कों पर चली ही नहीं है. वहीं झारखंड को छोड़ कर सभी राज्यों ने रोड टैक्स को माफ कर दिया है. ऐसे में झारखंड सरकार को भी चाहिए कि वे भी बस संचालकों की स्थिति को देख यह पहल करे।