भाई-बहन हत्याकांड:ओला कार से आया था और घटना को अंजाम देकर फिर ओला कार से भागा,पढ़ें सनकी प्रेमी अर्पित का कबूलनामा..….
rohit singh, ranchi.
राँची।राजधानी राँची में बीते दिनों हुए भाई बहन की हत्याकांड का पुलिस ने सोमवार (27 जून) को खुलासा कर लिया है।लेकिन अब भी इस दोहरे हत्याकांड की अनसुलझी पहलुओं की जानकारी आना बांकी हैं।इधर आरोपी अर्पित अर्णब ने पुलिस के समक्ष जो कबूला है।उससे ये पता चलता है कि बेटा बेटी के हत्यारे अर्पित अर्नब को माँ चंदा देवी अच्छी तरह से पहचानती थी।क्योंकि सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अर्पित और स्वेता की दोस्ती की जानकारी चंदा देवी को थी।सवाल ये उठ रहा जब बेटा-बेटी के हत्यारे को जब माँ पहचानती थी तो फिर घटना के बाद अस्पताल में मुख्य आरोपी का नाम ना लेकर दूसरे युवक का नाम क्यों लिया ?वहीं मृतकों के मामा ने भी तीन से चार युवकों के नाम से मामला दर्ज करवा दिया।आखिर चंदा देवी मुख्य आरोपी का नाम क्यों नहीं ली।वहीं क्या अर्पित ने अकेले तीनों पर हमला कर दिया ? कई सवाल बना हुआ है?जिसका जबाब मिलेगा या नहीं।ये तो आगे चलकर पता चलेगा।हो सकता है आने वाले दिनों में कुछ और खुलासा हो सकता है ! इधर मृतकों के परिजनों का ये भी आरोप है कि पुलिस घायल चंदा देवी का बयान बदलवाने के लिए दबाब बना रही है।परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि पुलिस ने परिवार के लोगों को थाना में बैठाकर कहा की बयान में सिर्फ ये देना है कि घटना के समय सिर्फ अर्पित मौजूद था।
आइये आपको भाई -बहन की हत्या औए माँ को घायल करने के वाला आरोपी अर्पित का पुलिस के समझ किए कबूलनामा बतातें हैं।झारखण्ड न्यूज की exclusive खबर….
कैसे एक छात्र ने शहर में सनसनीखेज घटना को अंजाम दिया !
19 वर्ष के अर्पित अर्नब ने कहा कि मैं अपनी पढाई पहली कक्षा में डीएवी पब्लिक स्कूल,हेहल से 2009 से शुरू किया था। जब 6th क्लास ( 2015)में मुझे कम अंक प्राप्त हुआ,जिसके कारण मुझे मेरे पापा ने डॉटा था. जिससे गुस्सा होकर मैं अपने घर में बिना बताये लालपुर चौक के एक होटल में 3 दिन रहा,उसके बाद मैं अपने घर गया।जिससे परेशान हो कर मेरे माँ और पिता ने मेरा नामांकन चैतन्या टेक्नो स्कूल विशाखापत्तनम में करवा दिये। जिसके बाद मैं वहाँ 2016 से 2019 तक कक्षा 7 वीं से कक्षा 9 वी तक पढाई किया और 2020 में लॉकडाउन हो जाने के कारण मैं वापस अपने घर माँ आनंदमयी नगर,रातू राँची आ गया।उसके बाद मैं 2020 में लोरेंस पब्लिक स्कूल झारखण्ड बोर्ड में नामांकन करवा लिया और वही पढाई करने लगा।
इस्ट्राग्राम पर लड़की से दोस्ती हुई
अर्पित ने बताया कि 2020 में ही मेरा संपर्क स्वेता सिंह (मृतिका) से इंस्ट्राग्राम में माध्यम से हुआ और धीरे धीरे मेरे और स्वेता के बीच करीबी बढने लगा।करीब 2-3 महीने में ही हम दोनों को प्यार हो गया और मैं अक्सर उसके घर मिलने जाने लगा।आगे बताया कि मिलने के क्रम में अर्पित ने उसके साथ शारीरिक संबंध भी बनाता था।कहा कि मैं अक्सर स्वेता सिंह से मिलने जब उसकी मम्मी सुबह 3 बजे मंदिर जाती थी।तभी उसके घर जाता था। स्वेता सिंह की मम्मी सप्ताह में शनिवार को ही 3 बजे मंदिर जाती थी।जिस वजह से स्वेता सिंह मुझे मिलने शनिवार को ही बुलाती थी।
राँची से बाहर गया था
अर्पित ने कहा कि मैं 23 मई 2022 को अपने दोस्त के पास बिलासपुर चला गया था। मेरा 11वीं का परिक्षा 16.06.2022 को शुरू हो रहा था।जिस वजह से मैं अपने एक दोस्त कमलेश नवरत्ना के साथ अपने घर राँची के लिए 15 जून 2022 को विलासपुर से ट्रेन पकड़ लिया।राँची रेलवे स्टेशन पर रात्री करीब 12-01 बजे पहुॅचा। पहुंचने के बाद मेरे पापा अपने कार से हम दोनों को घर ले जाने के लिए आये और हम दोनो कार में अपने पापा के साथ घर चले गये।
लड़की ने फोन कर बुलाया
अर्पित ने बताया कि 16 जून 2022 को मेरा परीक्षा था,सुबह 08:00 बजे मेरे पापा मुझे परीक्षा दिलवाने ले गये और वापस भी साथ लेकर आये।अगले दिन 17 जून 2022 को परीक्षा नही था,जिस वजह से मैं और मेरा दोस्त कमलेश नवरत्न अपने घर में ही थे।मुझे स्वेता सिंह ने फोन कर अपने घर रात को अपने घर जनकनगर रोड नम्बर-04 आने के लिए बोली.इस बात का जनकारी मैं अपने दोस्त कमलेश को भी दिया था की मुझे अपनी दोस्त स्वेता सिंह से मिलने जाना है, उसने मुझे बुलायी है।उसी दिन रात्री करीब 22:00 बजे मैं और नवरत्न अपने घर में खाना खाया और एक ही रूम में एक ही चौकी में हम दोनो एक साथ सोये।मेरा दोस्त कमलेश नवरत्न जल्दी ही सो गया था।
देर रात लड़की के घर ओला कार से पहुँचा
अर्पित ने बताया कि मैं बिना किसी को बताये अपने घर से करीब 23:30 बजे स्वेता सिंह से मिलने के लिए अपने घर से निकला। मैं ओला कार करके ओटीसी मैदान के बलग से साहदेवनगर होते हुए अंतिम छोर पर उतर गया।उसके बाद वहाँ से खेत होते हुए स्वेता सिंह के घर 18 जून 2022 समय देर रात करीब 12:30 बजे पहुँच गया। स्वेता सिंह के घर के पिछे पेड़ के सहारे स्वेता सिंह के घर के उपर चढ़ गया।
पेड़ के सहारे घर में दाखिल हुआ था
बताया कि देर रात करीब साढ़े बारह बजे पेड़ के सहारे घर के पीछे से लड़की के घर दाखिल हुआ।जहां स्वेता सिंह ने अपने घर के उपर का गेट का ताला खोल कर रखी थी।जैसे ही मैं उपर चढा स्वेता बोली सब सौया हुआ है।जूता का आवाज से कोई उठ नही जाये जिस वजह से स्वेता ने मेरा जूता उपर ही खुलवा दिया।
सीढ़ी के पास आपत्तिजनक स्थिति में लड़की की माँ ने देख लिया
अर्पित ने कहा कि मैं और स्वेता करीब 02 से 2.5 घंटे छत की सिढी पर ही बैठ कर बातचीत प्यार एवं शारीरिक संबंध बना रहा था।इसी कम में स्वेता की माँ चंदा देवी उठ गयी और उठने के बाद अपने घर का स्कूटी घर के बाहर निकाल कर फिर अंदर आयी।और आचानक से मुझे और स्वेता सिंह को सीढ़ी पर आपत्तिजनक स्थिति में देख ली और मुझे मारने लगी और हल्ला करने लगी। हल्ला सुन कर मैं डर गया।सीढ़ी पर रखा चाकू को उठा कर उस पर वार कर दिया।जैसे ही दो-तीन बार वार किया।इसी कम में चाकू टूट गया और उसकी के गाल से बहुत खुन निकलने लगा और उसकी माँ मेरे उपर हामला करने लगी।
हथौड़ी से मारकर हत्या की
बताया कि जब घायल चंदा देवी मुझसे भीड़ गई तो मैं उसी समय वही सीढ़ी के बलग में रखा फ्रिज के उपर लोहे का हथौड़ी मिल गया।उसी हथौड़ी से उसकी माँ के उपर जोर से वार कर दिया।जिससे स्वेता की माँ वहीं बेहोश हो कर गिर गयी।आवाज सुनते ही स्वेता का भाई प्रविण कुमार सिंह उर्फ ओम भी एक रॉड लेकर मुझे मारने के लिए आ गया।मैं प्रवीण का रॉड पकड़ कर उसे लोहे के हथौड़ा से उसके सिर में 3 से 4 बार वार कर दिया।जिससे प्रवीण के सिर से खून गिरता देख स्वेता भी मेरे उपर हमला करने लगी,जिससे गुस्से में उसे भी लोहा के हथौड़ी से सिर के उपर 2-3 बार हामला कर दिया।स्वेता भी वही गिर गयी।तीनों के सर से बहुत ज्यादा खुन बहने लगा।खून देख कर मैं डर गया।मेरे कपड़े में खून का छीटा/दाग लग गया था। जिसके छुपाने के लिए स्वेता के घर में ही रखा काला दुपट्टा लेकर जिस तरह घर के अन्दर आया था उसी तरफ उसके छत के पिछे से पेड़ एवं छज्जा के सहारे उतर कर खेत की तरफ से भाग गया।
ओला कार बुक किया और कार से भागा
अर्पित ने पुलिस को बताया कि घटना को अंजाम देने के बाद वह रातू रोड आकर ओला वाले को फोन कर बुलाया और उससे वापस रातू तालाब के पास आ गया।कहा कि रातू तालाब के बलग में मेरे दुकान में काम करने वाले स्टाफ के घर पर जाकर कपड़ा माँगा।मेरे स्टाफ ने मुझसे पुछा गया कि क्यों चाहिए कपड़ा तो मैने उन्हें बताया कि मेरा दुर्घटना हो गया है।जिस वजह से मेरा कपड़ा फट गया है।जिसके बाद स्टाफ ने मुझे एक टीशर्ट और एक हाफ पैन्ट दिये।
खून लगा कपड़ा फेंक दिया
कहा कि मैं खून लगा कपड़ा बदल लिया और खून का छिट्टा/दाग लगा हुआ काला टी शर्ट,सफेद जिन्स पैंट और काला रंग का चुन्नी को खोल कर एक प्लास्टिक के थैला में डाल कर वही पास के एसएनएल बेयरिंग लिमिटेड कम्पनी के चाहरदिवारी के अंदर फेक दिये।वहाँ से भाग गया।
हटिया रेलवे स्टेशन पहुँचा
कहा मैं हटिया रेलवे स्टेशन पहुँच गया।हटिया रेलवे स्टेशन पहुँचकर कर में अपने पिता और माँ को फोन पर श्वेता एवं उसके परिवार के लोगों के साथ मारपीट हो जाने की बात बताया।इसी बात पर मेरे माँ बोली तुमको कहीं नहीं जाना है। मैं माँ से जिद करने लगा की नहीं मैं नही रहूँगा में वापस विलासपुर जा रहा हूँ,तुम मेरा दोस्त कमलेश नवरत्न को मेरा कपड़ा बैग में डाल कर स्टेशन भेज दो।
पिता स्टेशन पहुँचा था और लेकर रातू आया था
कहा कि ठोड़ी देर में मेरे पापा अपने बलेनो कार से हटिया रेलवे स्टेशन आ गये और मुझे जबरदस्ती अपने घर ले जाने लगा।मैं अपने पापा से घर नहीं जाने का जिद्द करने लगा।मेरे पापा मुझे स्टेशन से संगम रेस्टोरेंट,रातू के पास लाये।मैं वही पर बहुत जिद्द करने लगा तभी उसने वही गाडी रोक दिया।उसके बाद मैं अपने पापा के मोबाइल से अपनी माँ को फोन कर कमलेश नवरत्न को अपना कपडे वाला बैग लेकर संगम रेस्टोरेंट लाने को कहा।जैसे ही कमलेश नवरत्न अपना और मेरा बैग लेकर संगम रेस्टोरेंट के पास आया हम दोनों वहां से ऑटो पकड़ कर हटिया रेलवे स्टेशन चले गए।
ट्रेन से राउरकेला भागा
अर्पित ने कहा हटिया स्टेशन से से लोकल ट्रेन को पकड़ कर राउरकेला स्टेशन आया।जहाँ से गीतांजलि सुपरफास्ट ट्रेन को पकड़ कर दूसरे दिन 19 जून 2022 को बिलासपुर पहुँचा और वहाँ से मैं अपने किराये के घर और कमलेश नवनरत्न अपने घर चले गये ।
मोबाइल पर न्यूज देखा ,तब पता चला कि स्वेता और प्रवीण की मौत हो गई
अर्पित ने कहा कि घटना के दूसरे दिन 20 जून को मैं एक चैनल के ऑनलाईन मोबाईल पर देखा तो श्वेता और भाई की मौत हो जाने की खबर देखा और पुलिस के डर से बिलासपुर से विशाखापट्टनम् अवस्थित अपने चैतन्या कॉलेज के लिए भाग गया।कहा कि विशाखापट्टनम् स्थित चैतन्या कॉलेज में मैं दो वर्ष पहले हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करता था इस कारण में चैतन्या कॉलेज के हॉस्टल के वार्डन को विश्वास में लेकर उसके घर पर में रूक गया।
न्यूज देखकर फिर भागा
कहा कि इस बीच मैं अपने मोबाईल पर एक न्यूज चैनल देखने पर पता चला कि पुलिस विशाखापट्टनम मुझे गिरफ्तार करने आने वाली है तो मैं विशाखापट्टनम् से हावडा मेल ट्रेन पकड़ कर हावडा पहुँच गया और अपना मोबाईल एयरप्लेन मोड में रख दिया।हावड़ा पहुंचने के बाद वहाँ से जमालपुर कवि गुरू एक्सप्रेस ट्रेन पकड़ कर भागलपुर आ गया।इसी बीच मैंने अपना मोबाईल को एयरप्लेन मोड में रख दिया।फिर भागलपुर से पटना इंटरसिटी ट्रेन पकड़ कर अपने नाना के घर फतुहा,बिहार अवस्थित आवास पहुँचा।
अर्पित ने बताया कि वो फतुहा से 26 जून की दोपहर अपने रातू राँची स्थित आवास पहुँचने ही वाला था कि मुझे रातू काली मंदिर के पास पंडरा पुलिस आई और मुझसे पूछताछ करने लगी।फिर मुझे गिरफ्तार कर थाना लाया गया।