टेरर फंडिंग मामला: अधिवक्ता ने आरोपियों को बताया पीड़ित, कहा अपनी जिम्मेदारियों से भाग रही एनआईए
रांची: चतरा के टंडवा स्थित आम्रपाली व मगध कोयला परियोजना से खनन,व्यवसाय व ट्रांसपोर्टिंग में टेरर फंडिंग मामले में पिछले करीब 14 महीने से जेल में बंद आधुनिक पावर के जीएम संजय जैन के अधिवक्ता प्रवीण गुप्ता और शुभम गुप्ता ने बुधवार को रांची प्रेस क्लब में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि,उद्योगपति एवं कारोबारियों को एनआईए दोषी नहीं माने यह व्यापारी पीड़ित हैं, बल्कि दोषी नहीं है.किसी भी विधि द्वारा शासित देश के लिए सबसे बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण बात यह होती है कि जब उसकी सबसे उत्कृष्ट जांच एजेंसी आतंकवादियों को ना पकड़कर. आतंकवाद व नक्सलवाद से पीड़ित व्यापारियों एवं उनके कर्मचारियों को पकड़ने में लग जाती है यह त्रासदी नहीं तो और किया अवैध वसूली के केस को टेरर फंडिंग का नाम दिया जाता है देश हित में काम कर रहे कारोबारियों को आतंकी घोषित कर दिया जाता है.
जिम्मेवारी से भागना चाह रही है एनआईए:-
संजय जैन के अधिवक्ता ने कहा कि एक व्यापारी अपनी जान पर खेलकर झारखंड के नक्सल प्रभावित राज्यों में दूरदराज के इलाकों में जाकर कारोबार शुरू करता है.वहां के आदिवासियों को रोजगार देता है. और भ्रष्टाचारी प्रशासन के रात दिन चक्कर काटता है और देश की जीडीपी में सहयोग करता है.जांच एजेंसी के बेबुनियाद आरोप है,कि वह आतंकी हैं दुर्भाग्य है कि आज उन्हीं व्यापारियों को दोषी बनाकर एनआईए केस को तुरंत बंद करना चाहती है. और जिम्मेदारी से भागना चाह रही है.
अधिकारियों के संज्ञान में मामला आने के बाद भी नहीं हुई कोई ठोस कार्रवाई:-
अधिवक्ता ने कहा कि एनआईए हमारे देश की सबसे उत्कृष्ट और जिम्मेदार एजेंसी मानी जाती है. इसमें देश के सबसे काबिल एवं योग अधिकारी काम करते हैं.इन अधिकारियों की काबिलियत और इमानदारी का सम्मान करते हुए हम भारत के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से अनुरोध करना चाहते हैं. कि उस पीड़ित व्यापारियों को दोषी या आतंकी ना समझा जाए. हम देश की अवस्था को सुचारू रूप से चलाने में मददगार होते हैं. आज जिन व्यापारियों को सरकार सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए थी. उन्हें आज दोषी और आतंकी माना जा रहा है.