बैंक मैनेजर ने गिरोह के सदस्यों के साथ मिलकर उर्जा विभाग की राशि बैंक में जमा कराने के लिए तैयार किया था फर्जी दस्तावेज, फिर राशि को किया फर्जी खाते में ट्रांसफर
–सीआईडी ने उर्जा विभाग के खाते से 107 करोड़ रुपए फर्जी खातों में ट्रांसफर करने के मामले में बैंक मैनेजर सहित तीन के विरुद्ध दाखिल किया चार्जशीट, अबतक 900 खातों में गए पैसे
राँची।झारखण्ड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड व झारखण्ड ऊर्जा उत्पाद निगम लिमिटेड के खाते से करीब 107 करोड़ रुपए फर्जी खातों में हुए ट्रांसफर मामले में सीआईडी ने (कांड संख्या 43/24 में) तीन के विरुद्ध सोमवार को चार्जशीट दाखिल किया है। इनमें सेंट्रल बैंक अॉफ इंडिया बिरसा चौक शाखा का ब्रांच मैनेजर लोलस लकड़ा, उसका सहयोगी लोकेश्वर साहू और समीर कुमार शामिल है। सीआईडी की ओर से दाखिल चार्जशीट में बताया गया है की बैंक में झारखण्ड स्टेट इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज मास्टर ट्रस्ट की राशि थी। जिसे बैंक में सिर्फ ब्याज पाने के लिए रखा गया था। उक्त राशि को सेंट्रल बैंक की इसी शाखा में ही रखा जाए इसके लिए साजिश रची गई। बैंक मैनेजर लोलस लकड़ा ने अभियुक्तों के साथ मिलकर फर्जीवाड़ा किया। उर्जा विभाग को उसी शाखा में उच्च ब्याज दर देने के लिए फर्जी कागजात तैयार किए। विभाग को लगा कि उच्च दर पर बैंक ब्याज राशि दे रहा है इस लिए राशि उसी शाखा में जमा करा दिए। इन अभियुक्तों ने उर्जा विभाग की राशि को हड़पने के लिए पहले फर्जी खाते खोले। उक्त सभी खातों को पूरा गिरोह ही एक्सेस करता था। बैंक में खोले गए एकाउंट का चेक, सिग्नेचर, पासबुक सब इनके पास था। इस लिए ये आसानी से राशि का उक्त फर्जी एकाउंट से दूसरे फर्जी एकाउंट में लगातार ट्रांसफर करते चले गए। इस बात की उर्जा विभाग को भनक तक नहीं गई। जब जानकारी मिली करोड़ों रुपए निकाले जा चुके थे। इसके बाद विभाग की ओर से पहले धुर्वा खाना में केस दर्ज कराया गया। जिसे सीआईडी ने टेकओवर किया।एसआईटी बनाई गई, जो अनुसंधान कर रही है।
बड़ी राशि शेयर ट्रेडिंग के लिए खोले गए फर्जी खातों में गए, 900 खातों में हुई राशि ट्रांसफर
सीआईडी ने चार्जशीट में बताया है कि अभियुक्तों ने उर्जा विभाग की राशि का उपयोग शेयर ट्रेडिंग के लिए खोले गए फर्जी खातों में किए। अबतक ऐसे 900 खातों के बारे में एसआईटी ने जानकारी जुटाई है जिनमें उर्जा विभाग की राशि को ट्रांसफर किया गया। अनुसंधान में यह जानकारी भी सामने आई कि इन फर्जी खातों से ऐसे लोगो को भी राशि ट्रांसफर की गई, जो वैध तरीके से शेयर ट्रेडिंग करते थे। ऐसे लोगो के एकाउंट को भी एसआईटी ने फ्रीज कर दिया। जब उन लोगो से एसआईटी ने पूछताछ की तो पता चला कि उनके खाते में उर्जा विभाग की राशि को ट्रांसफर किया गया है। अब ऐसे वैध कई खातों में जो उर्जा विभागी राशि गई है जिसकी जानकारी एसआईटी को जांच में मिली है उनके खाते तो अन फ्रीज कर दिए गए है लेकिन उक्त राशि के ट्रांजेक्शन पर रोक लगा दी गई है।
एसआईटी 47.20 करोड़ रुपए की राशि करा चुका है फ्रिज
एसआईटी ने अबतक के अनुसंधान के बाद करीब 47.20 करोड़ रुपए विभिन्न खातों में फ्रिज कराए है। वहीं अब तक कुल 06 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गई है। इनमें जेटीडीसी के तत्कालीन लेखापाल सह कैशियर गिरजा प्रसाद सिंह, केनरा बैंक हटिया के तत्कालीन शाखा प्रबंधक अमरजीत कुमार, साजिशकर्ता बोकारो के रूद्र सिंह उर्फ समीर कुमार, राँची के डिबडीह निवासी लोकेश्वर साह उर्फ लोकेश, राँची के बिरसा चौक स्थित सेंट्रल बैंक आफ इंडिया शाखा के प्रबंधक लोलस लकड़ा व इलाहाबाद बैंक के अमर कुमार शामिल है। एसआईटी ने इन अभियुक्तों के पास से अबतक कुल 1,23,20,30 रुपये नकद और 16,70,000 रुपये के गहने भी बरामद किए गए हैं।