सीआईडी:धनबाद गांजा तस्करी में बेकसूर को फंसाने के मामले में सीआईडी तीन मुख्य साजिशकर्ता को गिरफ्तार किया,कई बड़े अधिकारी बेनकाब हो सकते हैं!
राँची।धनबाद में ईसीएल कर्मी को गांजा तस्कर बताकर जेल भेजने के मामले की जांच लगभग पूरी हो चुकी है। इस मामले में सीआईडी ने शुक्रवार को कार्रवाई करते हुए तीन मुख्य साजिशकर्ता को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार हुए लोगों में नीरज कुमार तिवारी, रवि कुमार ठाकुर और सुनील कुमार चौधरी शामिल है।इन तीनों की भूमिका मुख्य साजिशकर्ता के रूप में सामने आयी है।
इस मामले की जांच कर रही सीआइडी की जांच टीम के द्वारा जल्द ही सीआइडी के एडीजी को इसकी जांच रिपोर्ट सौंपी जाएगी।मिली जानकारी के अनुसार, सीआइडी जांच में पूछताछ के दौरान निरसा के एसडीपीओ व निरसा के सस्पेंड इंस्पेक्टर उमेश सिंह ने कहा है कि एसएसपी के निर्देश पर रेड की गयी थी।
इधर ये बात सामने आई कि कोयला तस्करी में रुकावट बने ECL कर्मी को फंसाने के लिए रची थी साजिश।गांजा तस्करी के फर्जी मामले में निर्दोष ईसीएल कर्मी चिरंजीत घोष को जेल भेजने के मामले की जांच लगभग पूरी हो गयी है।इस कांड की जांच का प्रभार तत्काल प्रभाव से सीआइडी ने अपने जिम्मे लेने के बाद इसमनें तेजी लायी।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जांच में यह खुलासा हुआ है कि जिस कार में 39.300 किलो गांजा रखा गया था. वो कार पलामू के एक कबाड़ी कारोबारी की थी।पूरी योजना एक पुलिस अधिकारी की देखरेख में बनायी गयी थी।ताकि कोयला तस्करी के रास्ते में रुकावट बने चिरंजीत को रास्ते से हटाया जा सके सीआइडी जांच में यह खुलासा हुआ कि दो लड़के नीरज तिवारी और रवि ठाकुर ने कार में गांजा रखा था।
कार को कबाड़ी वाले के एक चालक ने धनबाद पहुंचाया।उसके बाद वहां एक पुलिस अधिकारी के कहने पर निरसा में कार को पकड़ा गया था।गांजा तस्करी के फर्जी मामले में निर्दोष ईसीएल कर्मी चिरंजीत घोष को धनबाद पुलिस ने जेल भेज दिया था. 20 मई को इस कांड की जांच का प्रभार तत्काल प्रभाव से सीआइडी ने अपने जिम्मे ले लिया था. मामले में धनबाद के पुलिस अफसरों पर आरोप है कि किसी के कहने पर इसीएल कर्मी को फर्जी मामले में फंसाया गया था।सवाल उठ रहा है कि किसके कहने पर? एक सवाल यह भी उठ रहा है कि आखिर गांजा कहां से लाया गया? पुलिस ने खुद रखा या किसी दूसरे तस्कर से मंगाया?इस कांड के अनुसंधान के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है।जिसका नेतृत्व डीएसपी रैंक के पदाधिकारी कर रहे हैं।इंस्पेक्टर, दारोगा और एएसआइ रैंक के पदाधिकारी इस कांड में सहयोग कर रहे हैं।
क्या है मामला
25 अगस्त, 2019 को धनबाद के निरसा में पुलिस ने एक सेवरले गाड़ी से 39.300 किलो गांजा बरामद किया था। इस मामले में धनबाद पुलिस ने ईसीएल कर्मी चिरंजित घोष को गांजा तस्करी का किंगपिन बताते हुए आरोपी बनाया था।धनबाद पुलिस ने इस मामले में चिरंजीत को गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया था।चिरंजीत के जेल भेजे जाने के बाद उसकी पत्नी ने तत्कालीन डीजीपी केएन चौबे समेत राज्य पुलिस के अन्य अधिकारियों से मुलाकात कर इंसाफ की गुहार लगायी थी।
चिरंजीत की पत्नी के मुताबिक, उसके पति को बंगाल पुलिस के एक अधिकारी ने साजिश कर फंसाया था।जिसके बाद मुख्यालय स्तर से मामले की जांच करायी गयी।जांच में यह साबित हुआ था कि चिरंजीत को गलत तरीके से फंसा कर जेल भेजा गया था. पुलिस ने पोल खुलने के बाद कोर्ट में तथ्यों की भूल बताते हुए चिरंजीत को रिहा कराया था।