राँची के सिटी एसपी ने आंदोलन कर रहे पारा शिक्षकों से कहा-आप मेरे भाई बहन हैं,हम नहीं चाहते हैं लॉ एंड ऑर्डर के मामले में आप सभी पर लाठीचार्ज हो……आंदोलन स्थगित किया गया….

राँची। मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने जा रहे पारा शिक्षकों पर शनिवार को पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठी चार्ज किया।पांच वर्ष बाद पारा शिक्षक (सहायक अध्यापक) फिर आंदोलन के लिए राँची में जमा हुए।वह वेतनमान और सरकारी कर्मी का दर्जा देने की मांग कर रहे थे।जानकारी के अनुसार, राज्य भर के शिक्षक मुख्यमंत्री आवास के अनिश्चितकालीन घेराव को लेकर मोरहाबादी मैदान में जमा हुए थे।वहां से शिक्षक जुलूस की शक्ल में मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने के लिए रवाना हुए। जुलूस मोरहाबादी निबंधन कार्यालय की ओर से आगे बढ़ा।जब पुलिस ने जुलूस को आगे बढ़ने से रोका, तो पारा शिक्षकों ने बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ने का प्रयास किया इस दौरान पुलिस की शिक्षकों के साथ झड़प हो गयी इस पर आगे बढ़ने से रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़ और लाठी चार्ज कर दिया। इसके बाद शिक्षक इधर-उधर भागने लगे।फिर कुछ समय के बाद मुख्यमंत्री आवास घेरने जा रहे शिक्षक फिर मोरहाबादी मैदान में जमा हो गये।

वहीं राज्य के शिक्षा मंत्री बैद्यनाथ राम से मुलाकात के बाद समाप्त हो गया है। 25 जुलाई को एक बार फिर पारा शिक्षकों की शिक्षा मंत्री के साथ बैठक होगी। इस दौरान पारा शिक्षकों के समस्या पर विचार विमर्श किया जाएगा। 5 अगस्त को विभागीय अधिकारियों और मंत्री के साथ फिर से पारा शिक्षकों की बैठक होगी।उनके सभी मांगों पर सरकार विचार करेगी।फिलहाल पारा शिक्षकों ने आंदोलन रोकने का निर्णय लिया है।

सिटी एसपी ने आंदोलन कर रहे लोगों को समझाया…

इधर मोरहाबादी मैदान के पास जब सैकड़ों पारा शिक्षक जुटे उसके बाद मंच पर राँची के सिटी एसपी राज कुमार मेहता पहुँचे।उन्होंने ने आंदोलन कर रहे लोगों से कहा आप लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन कीजिये आपका अधिकार है।लेकिन अगर आप इस तरह लॉ एंड ऑडर का उल्लंघन करेंगे तो हमें मजबूरन सख्ती दिखाना होगा।इसलिए आप सभी अपने बातों को लोकतांत्रिक तरीके से सरकार के प्रतिनिधियों के पास रखें।आपकी बातों को सरकार तक पहुंचाया जाएगा।आप सब मेरे अपने भाई बहन हैं और अगर आपलोग इस तरह बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ना, पुलिसकर्मियों से उलझेंगे तो पुलिस क्या करेगी।पुलिस भी अपना काम करेगी।इसलिए आपलोग शांतिपूर्ण आंदोलन करें या सरकार के पास अपनी बातों को शांति पूर्ण तरीके से रखें ।सरकार आपकी मांगों पर विचार करेग

बता दें मोर्चा की मुख्य मांगों में सहायक अध्यापकों को वेतनमान व बिहार की तर्ज पर राज्यकर्मी का दर्जा देना, शिक्षकों को इपीएफ का लाभ देना, राज्य में द्वितीय आकलन परीक्षा का आयोजन जल्द करना और दिव्यांग एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थी को प्रावधान के अनुरूप अंक में छूट देना शामिल है। मोर्चा सहायक अध्यापक सेवा शर्त नियमावली के अनुरूप सहायक अध्यापक के आश्रित को अनुकंपा पर नौकरी देने के प्रावधान में बदलाव करने की मांग कर रहा है। साथ ही शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की उम्र सीमा 60 से बढ़ाकर 65 वर्ष करने और सीटेट सफल शिक्षकों को जेटेट सफल शिक्षक के समतुल्य दर्जा देने की मांग कर रहा है