विश्व रक्तदाता दिवस:रक्तदान की अहमियत का पता तब चलता है,जब हमारा कोई अपना रक्त के लिए मौत से जूझ रहा होता है,रक्तदान को बढ़ावा देने की जरूरत–रंजन कुमार

 

राँची।आज विश्व रक्तदाता दिवस है।स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देने के लिए आज दुनिया भर में विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जा रहा है। इस वर्ष विश्व रक्तदाता दिवस का थीम रखा गया है। ‘दान का जश्न मनाने के 20 साल…रक्तदाताओं का धन्यवाद ! विश्व रक्तदाता दिवस पर इस वर्ष दुनिया भर के वैसे रक्तवीरों को सम्मानित किया जाएगा जो रक्तदान कर मानव कल्याण के प्रहरी बने हैं।

झारखण्ड में भी वैसे रक्तदाताओं को सम्मानित किया जाएगा, जिन्होंने रक्तदान को महादान समझ कर जरूरतमंदों की जान बचाई।इस वर्ष विश्व रक्तदाता दिवस का उद्देश्य दुनिया के स्वास्थ्य और मानव कल्याण के लिए रक्तदान करने वालों को पहचानना और उनका सम्मान करना है। युवाओं में रक्तदान को लेकर बढ़ावा देना और उन्हें रक्तदान के लिए प्रेरित करना है।

रक्तदान महादान,रक्तदान जीवनदान के समान–रंजन कुमार,कनेक्टिंग होप संस्था,राँची

राजधानी में रक्तदान जागरूकता अभियान चला कर रक्तदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के साथ ही अब तक सौ से ज्यादा रक्तदान शिविर आयोजित कर सैंकड़ों यूनिट बल्ड उपलब्ध कराते हुए सैकड़ों लोगों को रक्त उपलब्ध कराकर जान बचाने का कार्य कर कनेक्टिंग होप संस्था के संचालक रंजन कुमार ने कहा कि रक्तदान करना जीवनदान के समान है , आए दिन रक्त के जरूरतमंद मरीजों के परिजनों द्वारा बताया जाता है कि रेयर निगेटिव बल्ड ग्रुप का रक्त बल्ड बैंक में उपलब्ध नहीं हो पाने के कारण मरीजों को इलाज कराने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बल्ड बैंक में सभी प्रकार के बल्ड समूह की मात्रा को उपलब्ध कराई जा सके इसके लिए सभी राजनीतिक,धार्मिक सामाजिक , व्यवसायिक , स्वयं सेवी संगठनों के सभी सदस्यों से रक्तदान शिविर आयोजित करने की पहल करने की आवश्यकता है।रंजन ने कहा कि रक्तदान की अहमियत का पता तब चलता है , जब हमारा कोई अपना रक्त के लिए मौत से जूझ रहा होता है ,उस वक्त हमें ऐसे शख्स की जरूरत पड़ती है जो अपना रक्त दान कर रक्त के जरूरतमन्द मरीज की जान बचा कर नया जीवन दे सके।राँची की सामाजिक संस्था कनेक्टिंग होप के संस्थापक रंजन कुमार ने कहा कि कनेक्टिंग होप संस्था 2018 से रक्तदान शिविर लगा रही है , अब तक 100 से अधिक रक्तदान शिविर लगा चुकी है । 3000 यूनिट से अधिक रक्त एकत्र कर रिम्स ब्लड बैंक को दे चुकी है । इसके साथ ही रंजन खुद ही अब तक 48 बार रक्तदान कर चुके हैं। इनका कहना है कि हमारी कोशिश है ज्यादा से ज्यादा लोगों को रक्तदान के साथ लिए जागरूक करें और रक्तदान कर और रक्त एकत्र कर लोगों को मदद कर सके। रंजन ने कहा कि रक्तदान महादान होता है ,धीरे-धीरे लोग इसका महत्व समझने लगे हैं , फिर भी बहुत सारे लोगों को जिनको अभी भी रक्तदान करने में डर लगता है, तो हमारा कर्तव्य हैं कि हम उन्हें भी रक्तदान के प्रति जागरूक करके रक्तदान करवा कर रक्त के जरूरतमंद लोगों की जान बचाने का कार्य करें।राँची के बल्ड बैंक में सभी बल्ड समूह की भरपूर मात्रा उपलब्ध हो सके और समय पर रक्त के जरूरतमंद मरीजों को रक्त उपलब्ध हो सके इसके लिए रंजन ने सभी राजनीतिक, सामाजिक ,धार्मिक, व्यवसायिक, स्वयं सेवी संगठनों से रक्तदान शिविर आयोजित कर रक्तदान करने का अपील किया है।रंजन कुमार को झारखण्ड स्वास्थ विभाग और रिम्स ब्लड बैंक राँची के तरफ से वर्ष 2022/2023 में पूरे झारखण्ड मे सबसे अधिक रक्तदान शिविर लगाने को लेकर समानित किया गया है।

बता दें राज्य के ब्लड बैंकों पर नजर रखने वाली संस्था झारखण्ड स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी (JSACS) के अनुसार राज्य में पहली बार पिछले वित्तीय वर्ष में रक्तदान का आंकड़ा 3.51 लाख के पार पहुंचा है।स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह के अनुसार राज्य में पिछले वित्तीय वर्ष (2023-24) में 3 लाख 51 हजार 530 यूनिट रक्त संग्रह किया गया है।यह वर्ष 2022-23 की तुलना में लगभग 9 प्रतिशत ज्यादा और वर्ष 2021-22 से लगभग 25 प्रतिशत ज्यादा है। झारखण्ड राज्य एड्स कंट्रोल सोसाइटी के परियोजना निदेशक पवन कुमार ने बताया कि डब्ल्यूएचओ के स्टैंडर्ड के अनुसार किसी राज्य या देश की कुल आबादी को 01% खून की जरूरत पड़ती है।

वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार झारखण्ड की आबादी सवा तीन करोड़ से अधिक है. 2021 में होने वाली जनगणना अभी तक नहीं हुई है लेकिन राष्ट्रीय आयोग द्वारा प्रस्तुत की गई तकनीकी समूह की रिपोर्ट के अनुसार, 1 जुलाई 2024 तक झारखंड की जनसंख्या 4 करोड़ 1 लाख 29,000 होने का अनुमान है. ऐसे में राज्य के हर जरूरतमंद को समय पर ब्लड उपलब्ध हो सके, इसके लिए 4 लाख यूनिट ब्लड की जरूरत होगी, जबकि पिछले वर्ष की उपलब्धता 3.5 लाख ही रही है।

झारखण्ड राज्य एड्स कंट्रोल सोसाइटी के अनुसार वित्तीय वर्ष 2024-25 के अप्रैल महीने में 28127 यूनिट ब्लड कलेक्शन हुआ, जो पिछले वर्ष अप्रैल महीने में हुए 28844 यूनिट संग्रह से कम था. इस कमी को दूर करने के लिए मई महीने में 33400 यूनिट ब्लड संग्रह किया गया।यह पिछले वर्ष की तुलना में 5207 यूनिट अधिक है।

वित्तीय वर्ष रक्त संग्रह (यूनिट)
2020-21 218154
2021-22 257878
2022-23 320294
2023-24 351530
2024-25 (अप्रैल-मई तक ) 61527

विश्व रक्तदाता दिवस पर आज 14 जून को राज्य के स्वास्थ्य मुख्यालय में रक्तदाता सम्मान समारोह आयोजित किया जाएगा, जिसमें रक्तदान के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने वाले 55 से अधिक संस्थानों और स्वैच्छिक रक्तदाताओं को सम्मानित किया जाएगा. इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह भी शिरकत करेंगे।