प्रजापति ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय जरीडीह बाजार शाखा ने मनाया शिव जयंती उत्सव
–महाशिवरात्रि पर्व के पावन अवसर पर सैंकड़ों लोग हुए शामिल और प्रसाद ग्रहण करने के उपरांत ब्रह्मा भोजन किया
–मुख्य अतिथि में मानवाधिकार के अनूप कुमार साव एवं जरीडीह पश्चिमी पंचायत की मुखिया देवंती देवी ने शिव बाबा का ध्वजारोहन करने के उपरांत केक काटकर दीए जलाए।
–बुधवार को महाशिवरात्रि की झांकी जरीडीह बाजार से लेकर जरंगडीह पंचायत से लेकर खेतको ग्राम के सभी बस्ती टोलों में निकाली गई, जिसमे सैकड़ों की संख्या में ब्रह्मा कुमारी संस्था के महिलाएं और पुरुष शामिल हुए।
जरीडीह बाजार/बेरमो :
जरीडीह ऊपर बाजार में प्रजापति ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय संस्था की और से शिव जयंती उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया गया।शिव संदेश के रूप में संस्था द्वारा शिव और शंकर ने महान अंतर को बतलाया गया। शिवलिंग, त्रिमूर्ति और त्रिदेव की रचना और सर्व आत्माओं के परम पिता परमात्मा के प्रति हमारा कर्तव्य बतलाया और शिवरात्रि का रहस्य पाठ सबको पढ़ाया।
संस्था के छोटेलाल साव भाई ने ब्रह्मा कुमारी की मुरली पाठ में शिव संदेश देते हुए कहा कि हमारे परमपिता परमात्मा आ चुके हैं। वर्तमान समय चारों ओर अत्याचार, भ्रष्टाचार, असत्य, हिंसा और अश्लीलता का बोलबाला है। अधर्म अपनी चरम सीमा पर है और पाप का बड़ा भर चुका है। हर मनुष्य दुःखी और अशांत है। काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार के वशीभूत मानव के कृत्यों से आज सारी धरती जल रही है। यही वह समय है जब स्वयं परमात्मा को बुराई और अधर्म का विनाश कर अच्छाई और सतधर्म की फिर से स्थापना करने हेतु इस धरती पर आना पड़ता है। सभी धर्मों का यही मानना है कि जब भी अधर्म बढ़ता है तब परमात्मा को इस धरती पर आना पड़ता है। वर्तमान समय हम युग परिवर्तन काल से गुजर रहे हैं जब कलियुग की समाप्ति और सतयुग का आरम्भ होता है। इस पावन बेला को संगमयुग कहा जाता है। यही समय है जब स्वयं परमात्मा इस धरा पर अवतरित होते हैं और मनुष्यात्माओं को पावन बनाकर सतयुग की पुनर्स्थापना करते हैं।
परमात्मा इस धरा पर आ चुके हैं
यह खुशखबरी हम आपको बताना चाहते हैं कि परमपिता परमात्मा इस धरती पर अवतरित हो चुके हैं।इस बात को शायद आप आसानी से न मानें परंतु यह सत्य है कि इस पुरानी पतित दुनिया को फिर से पावन बनाने के लिए स्वयं परमात्मा इस धरा पर अवतरित हो चुके हैं। सर्वशक्तिवान परमात्मा महान भारत देश के राजस्थान स्थित आबू पर्वत पर अवतरित हो चुके हैं और प्रजापिता ब्रह्मा बाबा के तन के माध्यम से गुम रीति से अपना अलौकिक कार्य कर रहे हैं। परमात्मा जिन्हें ईश्वर, भगवान, अल्लाह, गॉड आदि नामों से हम जानते हैं, निराकार ज्योतिबिन्दु रूप हैं। वे विश्व की सभी आत्माओं के परमपिता हैं। वे ज्ञान, पवित्रता, प्रेम, आनंद और शक्तियों के सागर हैं तथा जन्म-मरण के चक्र से न्यारे हैं। परमात्मा के आदेशानुसार यह शुभ संदेश जन-जन तक पहुंचाया जा रहा है।
परमात्मा क्या करने आए हैं ?
दुखहर्त्ता – सुखकर्त्ता परमात्मा आए हैं विश्व की सभी दुःखी आत्माओं को दुःखों से मुक्त करने, इस पुरानी पतित कलियुगी सृष्टि को फिर से नई पावन सतयुगी सृष्टि बनाने और विकारी मनुष्यों को फिर से श्रेष्ठाचारी देवता बनाने। परमपिता परमात्मा इस समय विश्व की सभी आत्माओं को पावन बना कर फिर से अपने घर ब्रह्मलोक ले जाने आए हैं। परमात्मा ज्ञान के सागर हैं जो वर्तमान समय हम आत्माओं को आध्यात्मिक ज्ञान और सहज राजयोग की शिक्षा दे रहे हैं। सहज राजयोग एक ऐसी ध्यान साधना है जिससे आत्मा के सभी पाप समाप्त हो जाते हैं और आत्मा फिर से पावन सतोप्रधान बन जाती है। राजयोग के माध्यम से मनुष्यात्मा फिर से देवात्मा बन जाती है। इस योग का अभ्यास कोई भी मनुष्य बड़ी आसानी से कर सकता है।
पुरानी कलियुगी दुनिया का विनाश:
परमात्मा के अनुसार निकट भविष्य (कुछ वर्षों) में इस पुरानी कलयुगी दुनिया का विनाश होने वाला है। प्रकृति के पाँचों तत्व अपना विकराल रूप दिखाएंगे। भयंकर बाढ़,भूकम्प, तूफान, अकाल आदि प्राकृतिक आपदाओं के कारण लाखों लोग एक साथ काल के मुंह में जाएंगे। इन सब के साथ तीसरा परमाणु विश्वयुद्ध भी होगा जिसमे भी लाखों लोग मारे जाएंगे। भारत में विशेष गृहयुद्ध के कारण खून की नदियां बहेगी। इस महाविनाश में इस पतित और तमोप्रधान श्रृष्टि का विनाश हो जायेगा। वर्तमान समय को भी यदि हम देखें तो पाएंगे कि सारे विश्व के हालात बिगड़ते जा रहे है, सारे विश्व में प्राकृतिक आपदाएं बढ़ती जा रही है और कई देशों में युद्ध की स्थिति बनती जा रही है।
आप भी परमात्मा से मिल सकते हैं
जिस परमात्मा को पाने के लिए आपने इतनी भक्ति की, जप-तीर्थ किये, व्रत-उपवास किये, अब जबकि वह स्वयं धरती पर आया हुआ है तो आप भी उनसे मिलन मना सकते हैं और जीवन को सुख, शान्ति, आनन्द से भर सकते हैं। कोटों में कोई और कोई में भी कोई मनुष्यात्मा ही साधारण तन में आये हुए परमात्मा को पहचान पाती है। आप भी उन कुछेक भाग्यशाली आत्माओं में से एक हो सकते हैं। परमात्मा से मिलन मनाने तथा आने वाली सतयुगी दुनिया में देवी-देवता पद पाने के लिए अपने निकटवर्ती ब्रह्माकुमारी सेवाकेन्द्र पर जाकर आध्यात्मिक ज्ञान और राजयोग की पढ़ाई पड़ सकते हैं तथा अपने वर्तमान और भविष्य को श्रेष्ठ बना सकते हैं।
नई सतयुगी सृष्टि की स्थापना:
परमात्मा बता रहे है कि कलियुग की समाप्ति के बाद फिर से सतयुग आरंभ होगा अर्थात आने वाले महाविनाश के बाद फिर से नई स्वर्णिम सृष्टि की स्थापना होगी जहां एक धर्म, एक राज्य और एक भाषा होगी। हर मनुष्य पवित्र और देवी-देवता होगा। सौ प्रतिशत शान्ति होगी। प्रकृति भी सतोप्रधान और सुखदाई होगी। शेर और गाय एक घाट पर पानी पीयेंगे। उस समय को हम स्वर्ग, हैविन, बैकुंठ, खुदा का बागीचा, पैराडाइज आदि अनेक नामों से जानते हैं। उस स्वर्णिम युग में श्री लक्ष्मी और श्री नारायण का राज्य होगा। उस युग में केवल वे ही मनुष्य जा पाएंगे जो वर्तमान समय परमात्मा द्वारा बताई गई श्रीमत पर चलेंगे ।
अभी नहीं तो कभी नहीं
समय बहुत तीव्र गति से आगे जा रहा है। बहुत जल्द ही महाविनाश होने वाला है। कोई भी श्वास आपका अंतिम श्वास हो सकता है। यदि यह अमूल्य समय आपने गंवा दिया तो बाद में आपको पछताने का भी मौका नहीं मिलेगा। अतः परमात्मा का सत्य परिचय प्राप्त करने और परमात्मा द्वारा बताए दिव्य ज्ञान को समझने के लिए अपने समीप के ब्रह्माकुमारी सेवाकेन्द्र पर अवश्य जाएं। इस ईश्वरीय संदेश को पढ़कर भी अगर आप इसे अनदेखा करते हैं तो अंत समय में यह उलाहना न देना कि परमात्मा इस धरती पर आया और हमें किसी ने बताया नहीं। याद रहे अभी नहीं तो कभी नहीं। परमात्मा इस धरती पर आ चुका है और बहुत जल्द समय परिवर्तन होने वाला है।
शिव जयंती के अवसर पर प्रदीप साव, संतोषी साव, छोटेलाल साव, ब्रह्मदेव भाई,पवन श्रीवास्तव, पवन गोस्वामी, सुनील सोनी, अजय भगत, सूरज साव, गौरी भाई, पुरुषोत्तम साव, सूरज साव, बसंती माता, रेखा माता, रिंकी बहन, खुशबू बहन, सिमरन, अंशु, तन्नू, नेहा, शांति माता, रीता माता, चंपा माता, सरस्वती माता, नीलू बहन, मुस्कान, सावित्री माता, पुष्पा माता, लालमुनि माता, गीता माता, चंपा माता एवं अन्य ग्रामीण उपस्थित रहें।
रिपोर्ट:अनूप कुमार