EXCLUSIVE:सुषमा बड़ाइक गोलीकांड;कहानी पूरी फिल्मी है,पढ़िए कैसे रची गई साजिश चर्चित महिला सुषमा बड़ाइक हत्या की,कहाँ कहाँ हत्या करने पहुँचा..

-लखनऊ में ही बनी थी हाइ प्रोफाइल महिला की हत्या की योजना
–पहली बार नवंबर में आया था राँची हत्या के लिए
–बस से आया था फरहान और मुद्दसिर राँची
–डिलीवरी ब्वॉय बन रात में भी एक बार हत्या की कोशिश की
–हाई सिक्युरिटी जोन हाइकोर्ट के पास हत्या करने पहुँचा था
–एक सप्ताह 12 गोली और दो पिस्टल और चाकू लेकर शहर में आराम से घूमता रहा
–12 को पता चला 13 को जाने वाली है कोर्ट
–बस से तीनों बिहार के गया भागा,फिर लखनऊ
–योगी सरकार आते ही अपराधियों का धंधा बंद,20 से 25 लाख की महीने की रंगदारी उठात था फरहान

रोहित सिंह,राँची

कहानी पूरी फिल्मी है। एक राजनीतिक पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कैसे रची दूसरे राज्य में एक महिला की हत्या की साजिश।दानिश रिजवान का साला कुख्यात अपराधी फरहान खान ने पुलिस के समक्ष दिए बयान में कई अहम जानकारियां दी है। उसने बताया है कि वह लखनऊ में रहकर जमीन लेन देन से संबधित काम करता हैं। 21 मार्च 2020 को उसका निकाह अलीना और उसकी छोटी बहन अमरीन का निकाह बिहार के आरा के रहने वाले दानिश रिजवान के साथ हुई थी। दो तीन महीने पहले मेरी छोटी बहन अमरीन एवं बहनोई दानिश रिजवान मेरे घर लखनऊ आये थे जहाँ पर मुझे मेरे बहनोई दानिश रिजवान ने बताया कि राँची कि रहने वाली एक लड़की सुषमा बडाईक उर्ष पद्मा बडाईक के द्वारा उनके उपर यौन शोषन करने के आरोप में कांड दर्ज करायी है। जिसका सुनवाई उच्च न्यायालय राँची में चल रहा है। जिसमे सुषमा बडाईक के मेरे बहनोई दानिश रिजवान से एक बच्चा का भी विवाद चल रहा है। जिसमे दानिश रिजवान के द्वारा मुझे बताया गया कि मुझे जितने पैसे चाहिए वो मिलेगा लेकिन राँची में जाकर सुषमा बडाईक की हत्या कर देना है।फरहान ने पुलिस को बताया कि मैनें अपने बहनोई दानिश रिजवान को बोला कि मेरे लिए हथियार का व्यवस्था करा दो, तो ये काम मैं अपने दोस्तो के साथ जाकर कर दूँगा। मेरे बहनोई दानिश रिजवान भी इसके लिए तैयार हो गया। उसने मेरे दोस्तो से मिलने के लिए बोला। मैं अगले दिन अपने दोस्त मुद्दसिर जो कि लखनऊ के बाजारखाला के पास का रहने वाला है और अपना दोस्त गुड्डु उर्फ उमर जो बारुद खाना चिकमन्डी लखनऊ का रहने वाला है से दानिश रिजवान को मिलाया।

लखनऊ में ही बनी थी हत्या की योजना

पूछताछ में अपराधी फरहान ने बताया कि लखनऊ में दानिश रिजवान के साथ बैठकर प्लान बनाये कि राँची जाकर सुषमा बडाईक की हत्या करना है। दानिश रिजवान के द्वारा फरहान,मुद्दसिर और उमर को यह भी बताया गया कि इस काम को सफलतापूर्वक करना है और इसमें पकड़ाना नही है,नही तो वो काफी बदनाम हो जाएगा। उसी दिन सुषमा बङाईक के कुछ फोटो तथा विडियो दानिश रिजवान के द्वारा तीनो को दिया गया। उसके घर का पता भी लिख कर दिया गया। उसके बाद दानिश रिजवान और फरहान की बहन अपने घर बिहार के आरा चली गयी। बताया किबएक महीने बाद फरहान को दानिश रिजवान के द्वारा पटना बुलाया गया जहाँ पर फरहान को दानिश रिजवान के द्वारा दो पिस्टल तथा 12 गोली दी गयी तथा लगभग 30 हजार रुपये दिया।बताया कि पिस्टल तथा 12 अदद गोली लेकर लखनऊ आ गया।

पहली बार नवंबर में आया था राँची हत्या के लिए

पुलिस पूछताछ में फरहान ने बताया कि योजना बनाने के बाद 22 नवंबर 2022 को राँची गुड्डु उर्फ उमर के साथ पहली बार आया। जहाँ पर दानिश रिजवान के द्वारा उसे सुषमा बड़ाईक के राँची मे प्लाजा चौक के पास प्रधानमंत्री आवास योजना में मिले घर का पता बताया गया। हरमु चौक के पास भी एक घर सुषमा बड़ाईक का है उसका भी पता बताया गया।पुलिस को फरहान ने बताया कि वो तथा गुड्डु दोनों राँची जाकर अच्छे से रेकी कर लिये तथा हर एक जगह को समझ लिए। उसके बाद फरहान और गुड्डु उर्फ उमर लखनऊ वापस आ गया। फिर कुछ दिन बाद फरहान ने गुड्डु को 12 हजार रुपये दिये और कहा कि एक मोटर साईकिल जुगाड करो।जिससे राँची में जाकर हत्या की घटना को आसानी से किया जा सके। उसके बाद गुड्डु के द्वारा चोरी किया हुआ एक हिरो होन्डा स्पेलण्डर मोटरसाईकील जिसका फर्जी नं0- UP53CH-1657 था। फिर फरहान और मुदस्सिर तथा गुड्डु प्लान बनाये कि मोटरसाईकिल जिसका फर्जी UPS3-CH-1657 को गुड्डु चलाकर लखनऊ से राँची ले जाएगा। वो और मुद्दसीर बस से राँची पहुँचेंगे।

बस से आया था फरहान और मुद्दसिर राँची

पुलिस को बताया कि 05 दिसंबर 2022 को वो और उसका दोस्त मुदसीर बस से राँची पहुँचे और गुड्डु मोटरसाईकिल जिसका फर्जी नं०- UP53-CH-1857 लेकर राँची आ गया।उसने बताया कि तीनो अपना मोबाईल को लखनऊ में ही बन्द कर के आये थे ताकि पुलिस लोकेशन का पता नहीं लगाया जा सके।बताया कि 5 दिसम्बर से 7 दिसम्बर तक एक होटल जो मेन रोड राँची में है उसमे रुका था लेकिन वो होटल बीच रोड में था। इसलिए तीनों वहाँ पर नहीं रुके।उसके बाद 7 दिसम्बर को मेन रोड के पास स्थित गली में एक होटल जिसका नाम मैक्स था,उसमें रूम लिया। जहाँ पर फरहान ने अपना आधार कार्ड का छाया प्रति तथा मोबाईल न होटल में उपलब्ध कराया था तथा मुद्दसीर ने भी अपना आधार कार्ड का छायाप्रति होटल में उपलब्ध कराया उसके बाद होटल में रहकर लगातार तीनों सुषमा बडाईक के प्लाजा चौक के पास वाले घर के पास निकलने का और हरमु स्थित घर जाने का तथा हाईकोर्ट जाने का इंतजार करते थे।

डिलीवरी ब्वॉय बन रात में भी में एक बार हत्या की कोशिश की

पूछताछ में फरहान ने बताया कि एक दिन मुदसिर और गुड्डू उर्फ उमर के साथ रात में करीब 9 बजे सुषमा बड़ाईक के घर के पास पहुँचे तथा फरहान पिस्तौल लेकर उसके फ्लैट पहुँचा एवं वहाँ पर अगल-बगल के फ्लैटों का पहले दरवाजा बाहर से बंद कर दिया ताकि कोई बाहर नहीं निकल सके और सुषमा बड़ाईक के दरवाजा के पास जाकर खटखटाया और अपने आप को डिलेवरी ब्वाय बोला लेकिन अंदर से कई तरह का पुछताछ करने लगे जिसका जवाब फरहान ने नहीं दे पाया तो अंदर से वे लोग दरवाजा नहीं खोले। फिर लौटकर तीनों होटल आ गए।बताया कि इसी क्रम में एक दिन दानिश रिजवान ने सूचना दी कि सुषमा बड़ाईक हाईकोर्ट गई है।उसके बाद चाकू लेकर फरहान हाईकोर्ट पहुँचा।

हाई सिक्युरिटी जोन हाइकोर्ट के पास हत्या करने पहुँचा था

सुषमा की हत्या करना कितना जरूरी था कि इस बात से पता चलता है। पुलिस पूछताछ में अपराधी फरहान खान ने बताया कि एक दिन सुषमा बड़ाईक के हाइकोर्ट में होने की सूचना मिली थी।उसके बाद हाइकोर्ट पहुँच गया।फरहान ने बताया अगर हाइकोर्ट के पास मिल जाती तो उसे चाकू मारकर उसकी हत्या कर देता। बताया कि चाकू को मौजा में छिपाकर ले गया था। इस तरह से सुषमा बडाईक की हत्या करने का लगातार कोशिश कर रहे थे। जिसके क्रम में तीनो रोज सुषमा बडाईक के दोनों घर तथा हाईकोर्ट के आस पास बाइक जिसका फर्जी नं0- UP53CH-1657 से घुमते रहते थे,लेकिन सुषमा बडाईक का हत्या करने का मौका नही मिल पा रहा था क्योंकि हमेशा उसके साथ वर्दी में एक अंगरक्षक होता था।

एक सप्ताह 12 गोली और दो पिस्टल और चाकू लेकर शहर में आराम से घूमता रहा

राजधानी राँची शहर के चौक चौराहे पर आप हमेशा देखेंगे कि बाहर का नम्बर देखते ही यातायात पुलिस वाले तुरन्त वाहन रोक देते हैं फिर क्या जांच करते हैं ये तो वही लोग बता पाएंगे।इधर एक सप्ताह तक तीन कुख्यात अपराधी दो पिस्टल,चाकू और 12 गोली एवं चोरी को बाइक में लगा यूपी का फर्जी नम्बर शहर में घूमता रहा लेकिन नहीं पकड़ाया।या तो अपराधी शातिर था या राँची पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था चौपट है ?

12 को पता चला 13 को जाने वाली है कोर्ट

फरहान ने पूछताछ में बताया कि 12 दिसंबर को दानिश रिजवान के द्वारा मुझे बताया गया कि 13 तारिख को सुषमा बडाईक हाईकोर्ट जाने वाली हैं उस दिन काम कर के निकल जाना। उसके बाद तीनों फरहान ,मुद्दसीर और गुड्डु तीनों 13 तारीख को सूबह में ही सुषमा बड़ाईक के प्लाजा चौक वाले प्रधानमंत्री आवास योजना वाले घर के आगे खड़ा हो गये और रेकी करने लगे। उस दिन फरहान मोटरसाईकल चला रहा था तथा मुद्दसिर एक पिस्टल लोड कर अपने पास रखा था और बीच में बैठा हुआ था तथा गुड्डु एक पिस्टल लोड कर मोटरसाईकील पर पीछे बैठा हुआ था। लगभग सुबह 08.30 बजे के बाद सुषमा बड़ाईक अपने साथ एक छोटा लड़का जो बाइक के बीच में बैठा हुआ तथा एक बॉडीगार्ड के बाइक पर घर से निकली तथा प्लाजा चौक होते हुए हरमु वाले घर गयी। फिर जब हरमु वाले घर से सुषमा बडाईक अपने बॉडीगार्ड के साथ घर से बाहर निकले। हरमु चौक की ओर जाने लगी।बताया कि तीनो भी तेजी से बाइक से आगे बढ़े हरमु चौक से थोड़ा सा आगे बढ़ने पर फरहान ने अपना बाइक सुषमा के बाइक से सटा दिया और सुषमा बडाईक को निशाना बनाते हुए मुद्दसीर के द्वारा पिस्टल से तीन फायर किये गये तथा गुड्डु के द्वारा दो फायर किया गया । गोली लगने पर सुषमा बडाईक वही पर गीर गयी।बताया कि तीनों वहाँ से बाइक से बड़ा तालाब के पास पहुँचे तथा गुड्डु को वही उतार दिया।

बस से तीनों गया भाग गया फिर लखनऊ,हर घटना के बाद ऐसे ही अपराधी भाग निकलता है और राँची पुलिस देखते रह जाता है !

फरहान ने बताया कि कुछ देर बाद मुदस्सिर के साथ वो बाइक से ही मेन रोड के पास पहुचे तथा बाइक पार्किंग में खड़ा कर दिया। फिर तीनों वहाँ पर मिले तथा वहाँ से बस स्टैण्ड गया। वहाँ से बस पकड़कर गया (बिहार) गये फिर उसके बाद बस से बनारस और बनारस से लखनऊ पहुँचा।यहाँ बता दें शहर में कई ऐसे घटना घटी है।जिसमें अपराधी राँची पुलिस को चकमा देकर भाग निकला है।किसी भी घटना के बाद अपराधी को राँची में पुलिस घेराबंदी कर नहीं पकड़ पाई है।हर बाद घटना को अंजाम देकर शहर से अपराधी भाग निकलता है।बाद में पुलिस सीसीटीवी और तकनीकी जांच में जुटी रहती है।

गोली मारने के बाद दानिश को बताया पूरी कहानी

इधर फरहान ने पुलिस को बताया कि लखनऊ आने के बाद उसने अपने बहनोई दानिश रिजवान को घटना की पूरी सूचना व्हॉटसप कॉल करके दिया। जब सुषमा बडाइक के बारे दानिश रिजवान को पता चला कि वह जिंदा बच गई है तो वह काफी चिंतित हो गये।

दानिश पटना से लखनऊ पहुँचा

बताया कि घटना के दो-तीन बाद दानिश रिजवान पटना से लखनऊ फरहान के घर आये और उसके घर में आकर कई दिन रहा जिसमे दानिश रिजवान ने फरहान और मुदसिर को पुलिस से बचने के लिए क्या क्या करना है। किस तरह से रहना है सारी बात विस्तार से बतलाया और खर्च के लिए पैसे भी दिया।

कई बार जेल जा चुका है

फरहान ने पुलिस को बताया कि पूर्व में भी लखनऊ से कई बार जेल जा चुका हैं। घटना करने में जो हथियार और गोली उपयोग किया गया है वो हथियार और गोली फरार अपराधी गुड्डू के पास छिपाकर रखने के लिए दे दिया।बताया कि गुड्डू उर्फ उमर पकड़ाने पर हथियार भी मिल जायेगा।

योगी सरकार आते ही अपराधियों का धंधा बंद,20 से 25 लाख की महीने की रंगदारी उठता था फरहान

फरहान खान एक कुख्यात अपराधी है।बीकॉम करने वाले कुख्यात अपराधी फरहान लखनऊ में चर्चित है।योगी सरकार से पहले इस अपराधी ने शहर में खलबली मचाकर रखा था।पुलिस सूत्रों से जानकारी मिली कि फरहान ने बताया है कि जब से योगी सरकार उत्तरप्रदेश में आई उसके बाद से लखनऊ में रंगदारी लेना बंद करना पड़ा है।उससे पहले महीने के 20 से 25 लाख की रंगदारी वसूली कर लेता था।वहीं जमीन पर कब्जा दिलवाने का भी धंधा करता था।लेकिन योगी सरकार आने के बाद सब बन्द हो गया था।पुलिस सूत्रों की माने तो फरहान का अपना ही गैंग है और बहुत शातिर अपराधी है।

अपराधी मुदस्सिर के परिजनों ने गुमशुदी का मामला दर्ज कराया

अपराधी मुदस्सिर ने पुलिस को बताया कि लखनऊ के रहने वाले हैं और फरहान के साथ मिलकर आपराधिक घटना को अंजाम दिया करता है।फरहान के कहने पर ही वो यूपी से राँची हत्या करने पहुँचे थे।फिलहाल वो लखनऊ में एक दुकान चलाता है।फरहान ने कहा था कि इस घटना में भारी रकम मिलेगा।उसके बाद दानिश से मिलवाया था।बताया कि घर से बिना बताए वो चल दिया था।इसलिए घर वाले लोकल थाना में उसकी गुमशुदी कि रिपोर्ट दर्ज करा दिया था।पूछताछ में बताया कि जब राँची से लखनऊ पहुँचे तब पता चला कि गुमशुदी की रिपोर्ट दर्ज है।उसके बाद वो थाना गया और रिपोर्ट खत्म कराया।बताया कि उसे फरहान ने कुछ पैसे दिए थे।लेकिन जब सुषमा की मौत नहीं होने की खबर आई तो फरहान ने उससे कहा कैसे दानिश से पैसा मांगेंगे।महिला नहीं मरी है।उसके बाद तीन दिन बाद दानिश लखनऊ पहुँचा और कैसे बचा जाए उसके सम्बन्ध में समझाने लगा।

हाइ प्रोफाइल पैरवी ना काम आया और राँची पुलिस आरा से लेकर दानिश को चल दिया

दानिश रिजवान का आपराधिक रिकार्ड रहने के बाद राजनीतिक पार्टी से इसलिये जुड़ा की उसे लाभ मिले और पुलिस पर धौंस दिखा सके।सूत्रों की माने तो जब राँची पुलिस ने आरा पुलिस के सहयोग से दानिश रिजवान को गिरफ्तार किया तो दानिश को छोड़ने के लिए हाइप्रोफाईल लोगों ने पैरवी की।लेकिन मामला भी हाइप्रोफ़ाइल होने के कारण आरा पुलिस ने राँची पुलिस पर छोड़ दिया।राँची पुलिस ने दानिश को छोड़ने से मना कर दिया और आरा से राँची लेकर आ गया।सूत्रों की माने तो इसलिए राँची पुलिस ने दानिश को राँची लाते ही कुछ घण्टे के बाद कोर्ट में प्रस्तुत कर दिया।

इधर पुलिस की माने तो जांच में अभी कई खुलासे होने हैं।एक अपराधी अभी फरार है।वहीं दानिश और फरहान,मुदस्सिर को रिमांड में लेकर पूछताछ की जायेगी।उसके बाद राँची के कुछ लोग हैं जो होटल दिलवाने और राँची शहर की गतिविधियों की जानकारी दी गई थी।फिलहाल अनुसंधान जारी है।

बता दें राँची पुलिस ने यूपी एसटीएफ के साथ मिलकर राँची की बहुचर्चित घटना जिसमें सुषमा बड़ाईक को पुलिस सुरक्षा में होने के बावजूद दिनदहाड़े गोली मारकर फरार होने वाले सलीम, शोहराब व रुस्तम गैंग के दो शूटरों को लखनऊ के पारा थानाक्षेत्र से 5 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। जिनकी पहचान फरहान खान पुत्र समीउल कदर खाँ निवासी दुबग्गा बरौरा हुसैन बाड़ी थाना ठाकुरगंज और मो. मुद्दसिर पुत्र अतीक अहमद निवासी बाजारखाला नियर चारमिनारी मस्जिद धोबीसराय थाना बाजारखाला लखनऊ के रूप में हुई थी। इनकी गिरफ्तारी राँची पुलिस व एसटीएफ के सहयोग से हुई हैं। दीपक कुमार सिंह पुलिस उपाधीक्षक एसटीएफ के पर्यवेक्षण में निरीक्षक हेमंत भूषण सिंह के नेतृत्व में हेड.का. हरीश सिंह चौहान, मु.आ पवन सिंह विशेन, आलोक रंजन, सुनील कुमार यादव, आरक्षी राम सिंह द्वारा की गई। पूछताछ पर अभियुक्त फरहान ने बताया कि हम कई वर्षों से सलीम, शोहराब व रुस्तम गैंग के लिए काम कर रहे हैं