राँची पुलिस ने स्कूल के पास किया मॉक ड्रिल, आंसू गैस की वजह से कई बच्चे हुए बेहोश, दो बच्चियां अस्पताल में भर्ती.….
राँची। पुलिस की लापरवाही स शनिवार को राजकीयकृत मध्य विद्यालय, पुलिस लाइन में अफरा तफरी मच गई स्कूल में आंसू गैस का धुआं पहुंचने से बच्चों की आंखों में जलन होने लगी।कई बच्चों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी। कुछ बच्चे बेहोश होने लगे।आनन फानन में दर्जन भर बच्चों को सदर अस्पताल ले जाया गया। फिलहाल, दो बच्चियों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है। पूरा घटनाक्रम स्कूल के पास मौजूद पुलिस लाइन में मॉक ड्रिल की वजह से हुआ है।स्कूल की प्रिंसिपल डॉ ज्योत्सना प्रसाद ने बताया कि अचानक एक धमाके की आवाज हुई और कुछ पल में ही क्लास रूम में आंसू गैस का स्मेल फैल गया। सभी को दिक्कत होने लगी।तुरंत सभी बच्चों को क्लास रूम से बाहर निकाला गया। इस बीच दूसरा धमाका होने पर स्कूल कैंपस के बगल में मौजूद पुलिस लाइन में पहुंची।वहां कई पुलिस वाले मौजूद थे।बताया गया कि आगामी पर्व त्योहार के दौरान आपात स्थिति से निपटने के लिए मॉक ड्रिल हो रहा था। वहां आंसू गैस के गोले दागे जा रहे थे, जिसका असर स्कूल तक पहुंच गया।लेकिन सूचना मिलते ही पुलिस के स्तर पर स्कूल में एंबुलेंस भेजा गया।प्रिंसिपल ने बताया कि फिलहाल दोनों बच्चियों की स्थिति बेहतर है।
इस घटना की जानकारी मिलते ही राँची के भाजपा विधायक सीपी सिंह सदर अस्पताल पहुंचे। वहां उन्होंने डॉक्टर और बच्चों के अभिभावकों से बात की। उन्होंने बताया कि मॉक ड्रिल के दौरान स्कूल में आंसू गैस का धुआं चला गया था।इसकी वजह से बच्चों को परेशानी होने लगीमउन्होंने कहा कि कुछ बच्चों को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया है, लेकिन दो बच्चों को ऑक्सीजन सपोर्ट दिया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस को ऐसी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए थी, क्योंकि स्कूल के बगल में मॉक ड्रिल करना बिल्कुल सही नहीं है। पुलिस को घनी आबादी से दूर इलाके में जाकर मॉक ड्रिल करना चाहिए। विधायक सीपी सिंह ने कहा कि दो बच्चियों को भर्ती कराया गया है।शेष बच्चों को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया है।
इधर राँची के सिटी एसपी राजकुमार मेहता ने बताया कि तमाम सुरक्षा मानकों का ख्याल रखकर ही मॉक ड्रिल किया जाता है।इसी बीच अचानक तेज हवा चलने की वजह से आंसू गैस का धुआं स्कूल कैंपस तक पहुंच गया।उन्होंने बताया कि स्कूल के ऊपरी माले के क्लास रूम की खिड़कियां खुली हुई थी इसी वजह से वहां तक स्मेल पहुंच गया। सिटी एसपी ने बताया कि सभी बच्चे ठीक हैं। उन्हें थोड़ा भी अंदेशा नहीं था कि मॉक ड्रिल स्थल से करीब 100 मीटर दूर मौजूद स्कूल तक गैस का असर पहुंच जाएगा।
वहीं,मॉकड्रिल के दौरान जवानों को यह भी बताया गया कि अगर स्थिति बिगड़ती है और उसमें लोग घायल होते हैं तो उन्हें कैसे तुरंत अस्पताल भेजा जाए और एंबुलेंस को कैसे भीड़ से निकालकर अस्पताल भेजा जाए।इस दौरान पुलिस के जवानों ने लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले छोड़ने, पानी की बौछार आदि को लेकर अभ्यास किया।काल्पनिक स्थिति पैदा कर उससे निपटने का भी अभ्यास किया गया। मॉक ड्रिल के दौरान ऐसा लग रहा था कि मानो पूरा क्षेत्र हुड़दंगियों के कब्जे में है और पुलिस इससे निपटने की कोशिश कर रही हैमपुलिस के जवानों ने प्रशिक्षण में दी गई जानकारी को आत्मसात करते हुए अपने अनुभव का प्रदर्शन किया।बड़ी संख्या में आम लोग भी मॉकड्रिल का हिस्सा बने हुए थे।
सिटी एसपी राजकुमार मेहता ने बताया कि रामनवमी, सरहुल और ईद को लेकर उनकी तैयारियां मुकम्मल है।सिटी एसपी के अनुसार मॉकड्रिल के जरिये पुलिस ने आसामाजिक तत्वों को यह बता दिया है कि अगर किसी ने भी माहौल बिगाड़ने की कोशिश की तो उनका क्या हाल किया जाएगा।