नाबालिग के अपहरण मामले में जेल में बंद युवक की मौत,परिजनों ने गंभीर आरोप लगाए..

 

पलामू।झारखण्ड के पलामू में केंद्रीय कारा में बंद कैदी कुंदन कुमार पांडेय की बुधवार की सुबह तबीयत बिगड़ने से मौत हो गयी।मृतक कैदी शहर थाना क्षेत्र के रेड़मा का रहने वाला था।वह 6 सितंबर 2024 को नाबालिक के अपहरण मामले में जेल में बंद था।

प्राप्त जानकारी के अनुसार बुधवार की सुबह चार बजे के करीब कैदी कुंदन की जेल में तबियत खराब हो गई। इसके बाद उसे सुबह 5.14 बजे मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के भर्ती कराया गया।जहां चिकित्सकों ने जांच के बाद आरोपी को मृत घोषित कर दिया। जेल प्रशासन के अनुसार कैदी कुंदन की तबीयत जेल में सुबह चार बजे अचानक बिगड़ गयी।जिसके बाद जेल प्रशासन ने उसे तत्काल अस्पताल पहुंचाया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी।

आरोपी कुंदन की मौत के बाद इसकी जानकारी उसके परिजनों को दी गई।जानकारी मिलने के बाद परिजन आनन-फानन में अस्पताल पहुंचे। कुंदन के निधन के बाद से उसके परिवार में मातम छाया हुआ है।वहीं मेडिकल टीम गठित कर मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में पोस्टमार्टम किया गया है।

इधर परिजनों का आरोप है जिस समय कुंदन को अस्पताल लाया गया था।उसकी मौत हो चुकी थी।तो फिर आखिर बीपी का जांच इसमें कैसे लिखा गया है। परिजनों का आरोप है कि कुंदन के साथ मारपीट की गयी है। कैदी कुंदन के अचानक मौत से उसके परिजन काफी आक्रोशित हैं। इस संबंध में मृतक के चचेरे भाई राकेश कुमार पांडेय ने बताया कि कुंदन ने यदि जुर्म किया था।तो उसे सजा होनी चाहिए थी, लेकिन जेल की पुलिस ने पीट-पीटकर उसकी हत्या कर दी। ऐसे लोगों पर सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। बताया जा रहा है कि कुंदन अपने पिता का एकलौता पुत्र था।वह बाहर में प्राइवेट कंपनी में काम करता था। 10 दिन पहले ही घर आया था।

वहीं मृतक की बहन प्रीति तिवारी ने मांग की है कि पोस्टमार्टम सही ढंग से किया जाए। उसके विसरा की जांच करवाकर रिपोर्ट दिखायी जाए।

कैदी कुंदन कुमार पांडेय की मौत को लेकर पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी भी अस्पताल पहुंचे थे।उन्होंने कहा कि अस्पताल के रिकॉर्ड में लिखा है कि उसकी मौत हो गयी है। उन्होंने कहा कि इसकी जांच करायी जाए।इसके मामले में दोषी पर कार्रवाई होनी चाहिए।