कौन बिगाड़ रहा माहौल,पहले बेड़ो थाना पर हमला,अब लापुंग थाना प्रभारी सहित अन्य पुलिसकर्मियों पर हमला… पूर्व नक्सली का भी नाम आया सामने..!

 

राँची।झारखण्ड की राजधानी राँची के बेड़ो थाना पर हमले के बाद अब लापुंग में भी राज्य के बाहर से आकर कुछ असामाजिक तत्व और कुछ पूर्व नक्सली जमीन को लेकर ग्रामीणों को भड़का रहे हैं।बेड़ो थाना पर हमले के बाद लापुंग थाना प्रभारी के ऊपर हुए जानलेवा हमले में भी बाहरी लोगों की संलिप्तता सामने आ रही है।इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है।लापुंग थाना प्रभारी संतोष कुमार यादव सहित तीन पुलिसकर्मियों के हमले के आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई है। ग्रामीण एसपी प्रवीण पुष्कर के नेतृत्व में रैफ की कंपनी और जिला पुलिस के जवानों के साथ भारी संख्या में पुलिस की टीम लापुंग के कोइनारा गांव पहुंची।

कोइनारा ही वह गांव है जहां मंगलवार की सुबह लापुंग थाना प्रभारी सहित तीन पुलिसकर्मियों पर हमला किया गया था।जैसे ही पुलिस फोर्स गांव के बाहर पहुंची तो देखा कि गांव में अभी-भी ग्राम सभा चल ही रही थी। पुलिस को देखकर हरवे हथियार से लैस ग्रामीण पुलिस के सामने आ गए।मौके पर मौजूद पुलिस अफसरों ने जब ग्रामीणों को यह समझाने की कोशिश की। उन्हें बाहरी और नक्सल आंदोलन से जुड़े लोग गलत राह पर ले जाने की कोशिश कर रहे है तो उनकी इस बात को लेकर पुलिस से नोक झोंक भी हुई।वहीं जिनलोगों पर थाना प्रभारी सहित अन्य पुलिसकर्मियों पर मारपीट का आरोप है।उन्हें भी खोजने के लिए गांव में तलाशी ली गयी।लेकिन वे गांव में नहीं मिले।

इधर लापुंग की घटना के पीछे अब तक जो कहानी निकल कर आई है वो हैरान कर देने वाली है। बताया जा रहा है कि जिस जमीन पर ग्रामीण खेती कर रहे हैं वो जमीन किसी और की है। लेकिन अब बाहर से आए पहड़ा समाज के लोग ग्रामीणों को उस जमीन का मालिक बनने की राय दे रहे है ताकि उस जमीन पर कब्जा किया जा सके।

इस मामले में पूर्व नक्सली पुनिया उरांव का भी नाम सामने आया है।जिस जमीन को लेकर ग्राम सभा बुलाई गयी थी उसमें भी पुनिया शामिल था। उसी ने पुलिस पर हमले के लिए ग्रामीणों को उकसाया भी था।राँची के ग्रामीण एमपी प्रवीण पुष्कर ने बताया की पुनिया पर भी एफआईआर की जा रही है।

सबसे खतरनाक बात यह है कि राज्य के बाहर से आए असामाजिक तत्व भोले-भाले आदिवासियों को बरगलाने की कोशिश कर रहे हैं। इस मौके पर पत्रकारों की टीम ने ग्रामीणों से भी बातचीत की कोशिश की लेकिन पुलिस पर हमले को लेकर उन्होंने किसी भी तरह की कोई जानकारी होने से इनकार कर दिया।उल्टा कुछ ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि ग्राम सभा के दौरान उनके एक साथी को गोली मारी गई है।

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