रील बनाने के लिए 100 फीट की ऊंचाई से खदान के पानी में लगाई छलांग,कई घंटे बाद युवक की मिली लाश…
साहिबगंज।झारखण्ड के साहिबगंज जिला के करम पहाड़ पर बंद खदान के पानी में डूबे युवक का शव बरामद कर लिया गया है।पुलिस ने मंगलवार को शव का पोस्टमार्टम करा कर परिजनों के सुपुर्द कर दिया है। वहीं शव बरामद होने के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।जानकारी के अनुसार जिरवाबाड़ी थाना क्षेत्र के मजहर टोला निवासी युवक तौसीफ अंसारी सोमवार की शाम अपने चार-पांच दोस्तों के साथ करम पहाड़ स्थित बंद खदान के पानी में स्नान करने के लिए गया था।इस दौरान तौसीफ अंसारी ने अपने एक दोस्त को अपना मोबाइल रील बनाने के लिए दे दिया और उसे ऊंचाई से कूदने का वीडियो बनाने के लिए कहा। इसके बाद तौसीफ ने लगभग 100 फीट की ऊंचाई से खदान के पानी में छलांग लगा दी।इतनी ऊंचाई से कूदने के कारण तौसीफ अंसारी को पानी के अंदर चोट लगी और देखते ही देखते वह 10 सेकेंड में पानी के अंदर में डूब गया।यह देख स्नान कर रहे बाकी के दोस्तों ने उसकी तलाश करने की काफी कोशिश की। लेकिन उसका कुछ पता नहीं चल सका था।वहीं पानी की अत्यधिक गहराई के कारण किसी की ज्यादा गहराई में उतरने की हिम्मत नहीं हुई।
इसके बाद तौसीफ के दोस्तों ने उसके परिजनों को घटना की जानकारी दी। परिजनों ने तुरंत पुलिस को मामले की सूचना दी। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची स्थानीय गोताखोरों के मदद से पानी में डूबे युवक को खोजने का प्रयास किया, लेकिन रात होने की वजह से परेशानी होने लगी। इसके बाद जेनरेटर की व्यवस्था की गई।गोताखोरों की मदद से सोमवार देर रात खदान में जमा पानी के अंदर से युवक का शव बाहर निकाला जा सका।
दोस्तों ने शूट किया गया वीडियो पुलिस को सौंपा
इसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। मंगलवार को शव का पोस्टमार्टम होने के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है।वहीं तौसीफ के दोस्तों ने रील बनाने के दौरान हुए शूट किया गया वीडियो पुलिस को सौंपा दिया है, ताकि सच्चाई का पता चल सके।
इस संबंध में मुख्यालय डीएसपी विजय कुशवाहा ने बताया कि मृत युवक के शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया गया है। रील बनाने के लिए युवक ने 100 फीट ऊपर से खदान के पानी में छलांग लगाई थी। पानी के अंदर चोट लगने की वजह से उसकी मौत हुई है।पुलिस आगे की प्रक्रिया में जुट गई है।
स्थानीय लोगों के अनुसार करम पहाड़ स्थित खदान वर्षों से बंद पड़ा है।करीब 100 फीट से अधिक नीचे तक पत्थर निकालकर खदान को यूं ही छोड़ दिया गया था।इस कारण बारिश का पानी खदान में जमा हो जाता है। जिसमें आसपास के लोग स्नान करते हैं।