कोयले के अवैध खदान में फंसे तीन लोग,सांसद ने प्रशासन पर उठाए सवाल

 

हजारीबाग।झारखण्ड के हजारीबाग जिले में अवैध कोयले का काला खेल खूब चल रहा है। जिले के केरेडारी थाना क्षेत्र के कंडाबेर और बारियातु सीमावर्ती क्षेत्र स्थित खावा नदी के किनारे कोयले की अवैध खदान की चाल में तीन ग्रामीण फंस गए हैं। खदान की चाल में फंसने वालों में कंडाबेर गांव निवासी रीतलाल के बेटे 45 वर्षीय प्रमोद साव, शंभू साव के 25 वर्षीय बेटे उमेश कुमार और ट्रैक्टर चालक बदरुद्दीन मियां के बेटे 25 वर्षीय नौशाद आलम शामिल हैं।पिछले 24 घंटे से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी तीनों लोगों का अब तक कोई अता पता नहीं है। जिनकी खोजबीन जारी है।घटना बुधवार की दोपहर तीन बजे की है।घटना के बारे में बताया गया अचानक वर्षा होने के कारण खावा नदी में जल स्तर बढ़ गया। नदी के किनारे स्थित कोयले की अवैध खदान में नदी का पानी घुसने लगा।उसी क्रम में खदान से पानी की मशीन निकालने के चक्कर तीनों खदान के अंदर ही फंस गए।

बरियातु के खावा जंगल में स्थित कोयले की अवैध खदान में लापता लोगों के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। नौशाद की पत्नी अजमेरी खातून के अलावे तीन पुत्र एक पुत्री है।वहीं प्रमोद साव की पत्नी मंजू देवी के अलावे दो पुत्र हैं।जबकि उमेश साव को पत्नी के अलावे एक पुत्र है।लापता लोगों के परिजन काफी परेशान हैं।घटना के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। घटना स्थल पर खुद अंचल अधिकारी राम रतन वर्णवाल, प्रखंड विकास पदाधिकारी विवेक कुमार और थाना प्रभारी मौजूद रहे।

कोयले के अवैध खनन और तीन लोगों के फंसे जाने को लेकर जिला प्रशासन किसी भी तरह की टिप्पणी करने से बच रही है। वहीं हजारीबाग सांसद मनीष जायसवाल ने इस घटना के बारे में बताया कि तीन लोगों का पता अब तक नहीं लग पाया है।ऐसा प्रतीत होता है कि तीनों की जल समाधि हो गई है। सांसद ने कहा कि पूरी घटना अवैध माइनिंग से जुड़ी हुई है।उन्होंने कहा कि जिस तरह से कोयला का अवैध उत्खनन हो रहा है और तीन लोग फंसे हैं, यह प्रशासनिक विफलता की निशानी है।

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