60 दिन में कोर्ट में केस डायरी नहीं देने पर तीन साइबर अपराधियों को मिली जमानत…एसपी ने इंस्पेक्टर को किया निलंबित…

 

दुमका।झारखण्ड के दुमका जिले में जेल गए तीन साइबर अपराधियों के खिलाफ 60 दिन के अंदर अदालत में केस डायरी नहीं दाखिल करना साइबर इंस्पेक्टर वीरेंद्र कुमार को भारी पड़ गया।पुलिस के वरीय पदाधिकारियाें की जांच रिपोर्ट के आधार पर आज गुरुवार को इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया।इस कार्रवाई की जानकारी दुमका एसपी पीतांबर सिंह खेरवार ने दी है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार,दुमका जिला के मसलिया थाना की पुलिस ने लगभग ढाई माह पूर्व 9 मार्च 2025 को तीन साइबर अपराधियों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया था।खूंटोजोरी गांव के असलम अंसारी, इमामुददीन अंसारी और उस्मान अंसारी को उस समय घर से पकड़ा गया, जब वे लोगाें को अपने झांसे में लेने का प्रयास कर रहे थे।पुलिस ने तीनों के पास चार मोबाइल भी जब्त किए थे।

इस केस की जांच साइबर इंस्पेक्टर को दी गई।उन्हें 60 दिन के अंदर तीनों के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल करनी थी पर उन्होंने ऐसा नहीं किया। उनकी इस लापरवाही का फायदा बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने उठा लिया और उन्होंने 61 वें दिन 16 मई को अदालत में जमानत अर्जी लगा दी।अदालत ने केस डायरी के अभाव में तीनों साइबर अपराधियों को जमानत दे दी।

पुलिस के अधिकारियाें ने इसे बड़ी लापरवाही मानते हुए जांच कराई तो पता चला कि इंस्पेक्टर की उदासीनता की वजह से समय पर डायरी जमा नहीं की जा सकी, जिसका फायदा आरोपियों को मिल गया।इसी जांच रिपोर्ट को आधार मानते हुए इंस्पेक्टर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। साइबर अपराध में यह अनोखा मामला सामने आया है जब पुलिस की लापरवाही की वजह से जेल में रहने वाले साइबर अपराधी आसानी से जमानत पर छूट गए।

इस पूरे मामले पर दुमका एसपी पीतांबर सिंह खेरवार ने बताया कि साइबर इंस्पेक्टर वीरेंद्र कुमार ने समय पर अदालत में डायरी समर्पित नहीं की, जिस कारण गिरफ्त में आए तीन साइबर अपराधियों को आसानी से जमानत मिल गई। इसी कर्तव्यहीनता की वजह से इंस्पेक्टर के खिलाफ निलंबन की यह कार्रवाई की गई है।

error: Content is protected !!