@PHONE:372 नंबरों की हुई थी टैपिंग, सारे नंबर अपराधियों के,किसी नेता के फोन टैप होने का अब तक सुराग नहीं,जांच जारी है..
राँची।पूर्व मंत्री सरयू राय के बाद अब आप नेता डॉ अजय कुमार ने रघुवर दास पर फोन टैपिंग का सनसनीखेज आरोप लगाया है। डॉ अजय के आरोप के मुताबिक केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और उनके करीबियों के भी फोन टैप होते थे। वर्तमान में राज्य सरकार के पूर्व मंत्री व वर्तमान में जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय के फोन टैपिंग के आरोपों की सीआईडी जांच चल रही है। लेकिन जांच में आई अब तक कि सच्चाई नेताओं के आरोप से उलट है। सीआईडी की अबतक की जांच में यह तथ्य सामने आया है कि पूर्व एडीजी अनुराग गुप्ता के कार्यकाल में 372 मोबाइल नंबरों की टैपिंग हुई थी। सीआईडी के तकनीकी सेल के द्वारा तक फोन टैप किया जाता था। अबतक की जांच में यह बात सामने आया है कि किसी भी राजनीतिज्ञ या अधिकारी का मोबाइल नंबर टैप नहीं किया गया था। हालांकि सीआईडी काफी संजीदगी से पूरे मामले की जांच कर रही है। सीआईडी यह जांच रही है कि जिन नंबरों की टैपिंग हुई उसमें क्या बातचीत की गई थी। एक एक नंबर की जांच सीआईडी के द्वारा की जा रही है।
फोन टैपिंग के आधार पर हुआ था केस ।
सीआईडी के फोन टैपिंग के आधार पर पूर्व में दुमका जेल में बंद गैंगेस्टर अनिल शर्मा व घाघीडीह जेल में बंद सुजीत सिन्हा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। दोनों के द्वारा जेल के भीतर रहते हुए मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया जाता था। साथ ही रंगदारी की मांग भी जेल के भीतर से की जाती थी। सीआईडी के द्वारा पशु तस्करों, साइबर अपराधियों के मोबाइल नंबर भी सविलांस पर रखे जाने की बात सामने आयी है। लेकिन सीआईडी के द्वारा पूर्व में टैपिंग में रहे सारे नंबरों की सूक्ष्मता से जांच की जा रही है। किसी तरह की गड़बड़ी मिलने पर इसकी रिपोर्ट राज्य सरकार व डीजीपी से की जाएगी।
सीआईडी में अब बस अनुसंधान, टैपिंग बंद
सीआईडी में अब अनुसंधान पर जोर दिया जा रहा है। सीआईडी एडीजी अनिल पाल्टा ने फोन टैपिंग की प्रकिया पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है।सीआईडी एडीजी के द्वारा लंबित कांडों का त्वरित अनुसंधान टीम बनाकर करवाया जा रहा है। सीआईडी में लंबित रहे 40 से अधिक कांडों की समीक्षा बीते 12 अप्रैल के बाद हुई है। सीआईडी में अब अनुसंधान की बेहतर कार्यशैली विकसित किए जाने का काम हो रहा है।
1 मई को सरयू राय ने लिखी थी डीजीपी को चिट्ठी
सरयू राय ने 1 मई को राज्य के डीजीपी एमवी राव को पत्र लिखा था। पत्र लिख के सरयू राय ने पूर्ववर्ती सरकार में अपनी जासूसी का आरोप लगाया था। सरयू राय की शिकायत के बाद ही सीआईडी में फोन टैपिंग की जांच शुरू की गईं है। हालांकि सीआईडी में अब तक कि जांच में सरयू राय के फोन टैपिंग की जांच की पुष्टि नहीं हुई है। जल्द ही सीआइडी अपनी जांच रिपोर्ट सरकार को सौपेगी।
एसआईटी बनाकर जांच की भी मांग
सरयू राय के आरोपों पर स्पेशल ब्रांच में भी जांच की जा रही है। एक रिपोर्ट में समानांतर स्पेशल ब्रांच के दफ्तर चलने की जानकारी सरकार को दी गयी है। गौरतलब है कि सरयू राय ने एसआईटी बनाकर जांच करने की मांग भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से की है। सरकार के स्तर से फिलहाल एसआईटी गठित नहीं की गई है।
सरकार बदलने के बाद से ही हमलावर रहे हैं राय
झारखण्ड में रघुवर सरकार की हार के बाद से ही सरयू राय लगातार हमलावर हैं। जनवरी महीने में भी सरयू राय ने सीआईडी, स्पेशल ब्रांच व सचिवालय में महत्वपूर्ण विभागों की फाइल जलाने का आरोप लगाया था। साथ ही उन्होंने अपनी जासूसी भी स्पेशल ब्रांच के द्वारा किये जाने का आरोप लगाया था। सरयू राय के आरोप की प्रशासनिक हलकों में भी खूब चर्चा रही थी।