कुख्यात सोनू-मोनू गैंग ने मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह पर ताबड़तोड़ फायरिंग की,बाल बाल बचे…पूरा इलाका पुलिस छावनी में तब्दील
मोकामा।बिहार के मोकामा प्रखंड के नौरंगा-जलालपुर गांव में मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह और कुख्यात अपराधी सोनू-मोनू गैंग के बीच जमकर फायरिंग हुई।इस फायरिंग में मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह बाल-बाल बच गए।फायरिंग की घटना के बाद नौरंगा गांव को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है।बाढ़ एएसपी राकेश कुमार मौके पर ही मौजूद हैं।सोनू-मोनू गैंग ने गांव के एक परिवार को जमकर पीटा था।उनके परिवार के सभी लोगों को घर से बाहर कर ताला जड़ दिया।इस मामले की सूचना पाकर अनंत सिंह भी सोनू मोनू के घर जा धमके। अनंत सिंह को घर पर देख दोनों भाई फायरिंग करते हुए मौके से फरार हो गए।बाढ़ एएसपी राकेश कुमार ने सोनू-मोनू के घर पर ही फायरिंग की बात स्वीकार की।पुलिस ने मौके से कई खोखा भी बरामद किया है। इस गोलीबारी में छोटे सरकार बाल बाल बच गए हैं।फायरिंग की घटना से गांव में दहशत है।गांव में कई थाने की पुलिस कैंप कर रही है।
बताया जाता है कि पंचमला थाने में दूसरे पक्ष के द्वारा कई महीनों से मामला दर्ज करने के लिए आवेदन दिया गया था, लेकिन थाना अध्यक्ष ने इस पर कोई सुनवाई नहीं की।इसके बाद यह सभी लोग बाढ़ ASP ऑफिस पहुंचे थे। ASP राकेश कुमार ने पंचमहला थाना अध्यक्ष को फोन कर मामला दर्ज करने की हिदायत दी थी।इसके बाद यह सभी लोग मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह के पास अपनी शिकायत लेकर पहुंचे थे। इसके बाद अनंत सिंह अपने काफिले के साथ नौरंगा-जलालपुर गांव पहुंचे थे।तभी सोनू मोनू गैंग ने उन पर फायरिंग करते हुए भाग गए।
छोटे सरकार के नाम से मशहूर मोकामा के अनंत सिंह पर हमले के रूप में बुधवार की शाम बिहार की राजनीति में बड़ी घटना हुई है।इस घटना से मोकामा थाने ही नहीं, राज्य पुलिस मुख्यालय में भी हड़कंप मच गया है।हर कोई हैरान है और यह जानना चाहता है कि बिहार में ऐसा कौन सा बदमाश पैदा हो गया, जिसने छोटे सरकार पर हाथ डालने की कोशिश की है।इसके साथ ही देश भर में कभी अपराध की नर्सरी रहे बिहार के मोकामा में एक बार फिर से गैंगवार शुरू होने का अंदेशा जताया जा रहा है।
आखिर उस बदमाश के बारे में भी जान लिया जाए, जिसने इस दुसाहस को अंजाम दिया है।मोकामा पुलिस सूत्रों के मुताबिक छोटे सरकार पर हमला किसी और ने नहीं, बल्कि उन्हीं के चेलों ने किया है।ये चेले सोनू-मोनू हैं। करीब 10-12 साल पहले तक ये दोनों अनंत सिंह के साथ ही थे और उन्हीं की नर्सरी में अपराध का ककहरा सीखा था। हालांकि अनंत सिंह के जेल जाने तक ये दोनों कभी पनप नहीं पाए।
वहीं जब अनंत सिंह की पहली बार गिरफ्तारी हुई तो इन दोनों को मौका मिल गया और इन्होंने अनंत सिंह का गिरोह छोड़ कर अपना खुद का गिरोह बना लिया।हालांकि अनंत सिंह के जेल में रहते इन लोगों ने उनसे कभी टकराने की कोशिश नहीं की।इस दौरान ये लोग छोटे मोटे अपराध करते और रंगदारी वसूल कर जीते खाते रहे। इधर, पिछले साल 16 अगस्त को अनंत सिंह जेल से बाहर आ गए और वह फिर से अपनी खोई पहचान हासिल करने लगे। ऐसे में सोनू-मोनू को उनसे खतरा महसूस होने लगा था।
इसकी वजह से इनके बीच अनबन हो गई और इसी क्रम में इस गैंग ने आज अनंत सिंह को अपने रास्ते से हटाने की कोशिश की है। स्थानीय सूत्रों की माने तो सोनू-मोनू के गिरोह में बहुत कम लोग हैं।बावजूद इसके, इस गिरोह ने अनंत सिंह की नाक में दम कर दिया था।मोकामा थाना पुलिस के मुताबिक इस गैंग ने कई संगीन अपराधों को अंजाम दिया है। इस गैंग से जुड़े बदमाशों की हिम्मत का अंदाजा इतने से ही लगाया जा सकता है कि जब अनंत सिंह पर हमला हुआ तो उनके साथ कम से कम 20 से 25 हथियारबंद लोग थे।
जब सोनू-मोनू गैंग की ओर से फायरिंग हुई तो अनंत सिंह के लोगों ने भी फायर खोल दिया। दोनों ओर से करीब आधे घंटे तक फायरिंग होती रही।पुलिस खुद दावा कर रही है कि 70 राउंड फायरिंग हुई है।हालांकि स्थानीय लोग बता रहे हैं कि 100 से अधिक राउंड फायर हुए हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक सोनू-मोनू गैंग ने मोकामा, बख्तियारपुर समेत करीब दर्जन भर थाना क्षेत्रों में अपराधों को अंजाम दिया है और इन सभी क्षेत्रों में इनकी खूब दहशत है।