विवाहिता से रात में बातचीत और उसके पति को धमकी देने वाले डीएसपी प्रदीप कुमार को मुख्यमंत्री ने किया सस्पेंड,विभागीय कार्यवाही संचालित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी…

राँची।जेपीएससी के छठे बैच के टॉपर रहे प्रदीप कुमार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने निलंबित कर दिया है। प्रदीप कुमार वर्तमान में चतरा के सिमरिया एसडीपीओ के पद पर पोस्टेड हैं। एटीएस में पोस्टिंग के दौरान बिहार के एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी से अवैध संबंध होने का आरोप लगाते हुए प्रदीप कुमार के खिलाफ एटीएस, पुलिस मुख्यालय में शिकायत दर्ज करायी थी। पुलिस मुख्यालय में शिकायत मिलने के बाद एडीजी सुमन गुप्ता को जांच का आदेश दिया गया था। एडीजी की जांच रिपोर्ट में प्रदीप गुप्ता को दोषी पाया गया, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने एटीएस के तत्कालीन डीएसपी प्रदीप कुमार को निलंबित करते हुए उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही संचालित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। राज्य सरकार के द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि प्रदीप कुमार के आचरण तथा कृत्यों से पुलिस की गरिमा तथा छवि पर विपरीत प्रभाव पड़ा है जिस वजह से उनके विरुद्ध कार्रवाई करने का आदेश मुख्यमंत्री ने दिया है।

औरंगाबाद के युवक ने लगाए गंभीर आरोप

बिहार के औरंगाबाद के एक युवक ने आरोप लगाया था कि डीएसपी प्रदीप प्रणव उर्फ प्रदीप कुमार का उसकी पत्नी से नजदीकी संबंध है। वह विरोध करता है तो उसे जान मारने की धमकी देते हैं। जाति सूचक शब्द का प्रयोग कर अपशब्द बोलते हैं। पीड़ित युवक ने यह शिकायत उसने गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग व पुलिस मुख्यालय से की थी।उसने यह भी आरोप लगाया था कि डीएसपी उसे उसकी पत्नी को छोड़ देने के लिए दबाव बना रहे हैं। ऐसा नहीं करने पर अंजाम भुगतने की धमकी देते हैं। डीएसपी की धमकी से वह शारीरिक व मानसिक रूप से परेशान था। उसने लिखा था कि उसका उसका दांपत्य जीवन टूटने के कगार पर पहुंच गया है।

हालांकि, उक्त आरोपों पर डीएसपी ने बताया था कि वे राँची में विभिन्न कोचिंग संस्थानों में मोटिवेशनल स्पीच देते रहे हैं। जिस लड़की को लेकर उनपर आरोप लगा है, उससे वे मोटिवेशनल स्पीच के दौरान 2021 में केवल पांच मिनट के लिए मिले थे। वे जहां जाते थे, छात्र-छात्राएं उनके साथ फोटो भी लेते थे।उन्हें बदनाम करने के लिए ऐसी शिकायत की गई है। उनका दूर-दूर तक उस युवक व उसकी पत्नी से कोई वास्ता नहीं है। जांच में उनका यह तर्क गलत साबित हो चुका है, जिसके बाद ही उनपर कार्रवाई हुई है।

एडीजी सुमन गुप्ता की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय टीम कर रही थी जांच

पीड़ित युवक की शिकायत पर राज्य सरकार ने डीएसपी के विरुद्ध एक तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की थी। जांच समिति की अध्यक्ष एडीजी प्रशिक्षण सुमन गुप्ता बनी थीं। समिति में सीआईडी के आईजी असीम विक्रांत मिंज व राँची के तत्कालीन डीआईजी अनूप बिरथरे (अब आईजी एसटीएफ) को शामिल किया गया था। जांच में डीएसपी पर लगे आरोप सही पाए गए हैं। इसके बाद ही उनके विरुद्ध कार्रवाई की अनुशंसा की गई थी, जिसपर मुख्यमंत्री ने यह कार्रवाई की है।

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