राँची के आदिवासी युवती की पटना में संदेहास्पद मौत :चाइल्ड राइट्स फॉउंडेशन के सचिव बैद्यनाथ कुमार ने जांच की मांग की…
राँची।चाइल्ड राइट्स फॉउंडेशन के सचिव बैद्यनाथ कुमार ने कांके थाना क्षेत्र की रहने वाली आदिवासी युवती की पटना में संदेहास्पद मौत की जांच की मांग की है।इसको लेकर चाइल्ड राईट्स फॉउंडेशन के सचिव बैजनाथ कुमार ने सीआईडी डीजी,राँची जोनल आईजी, राँची रेंज के डीआईजी और राँची एसएसपी को पत्र लिखा है। बैजनाथ कुमार ने पत्र में लिखा है कि कांके थाना क्षेत्र के सुंदरनगर निवासी स्व.स्टीफन मिंज की पुत्री दुलारी मिंज की पटना में संदेहास्पद तरीके से मौत हो गयी। वह पटना में सतीश चंद्र नाम के व्यक्ति के घर में काम करती थी। सतीष चंद्र बीते गुरुवार की शाम एंबुलेंस से शव लेकर उसके घर पहुंचा।बताया जाता है कि दुलारी के चेहरे व पीठ पर जलने और आंख में गंभीर चोट के निशान थे। जिसको देखने के बाद परिजन सतीश चंद्र पर दुष्कर्म, मारपीट और हत्या का आरोप लगाया है।
जानकारी के अनुसार, दुलारी पिछले 15 साल से सतीश चंद्र के यहां काम कर रही थी।उस समय सतीश सिंह बीएयू के डीएसडब्लू विभाग में कार्यरत था और कैंपस में ही रहता था।लेकिन उसके बाद वह बेटे व बहू के साथ कांके में रहता था। दो माह पूर्व से वह पटना के उपरपुरा, टहलटोला, फुलवारी शरीफ में रह रहा था। अपने साथ वह दुलारी को भी ले गया था। दुलारी के परिजनों के पूछने जाने पर सतीश चंद्र ने बताया कि दुलारी को बुधवार की शाम लू लग गया था।उसको पटना में डॉक्टर आरएन पांडेय से दिखाया था। इलाज के एक घंटे के बाद दुलारी की मौत हो गयी।
महिला कर्मचारी ने भी यौन शोषण का लगाया था आरोप
सतीश चंद्र पर साल 2016 में एक महिला कर्मचारी ने भी यौन शोषण का आरोप लगाया था। उल्लेखनीय है कि मृतका दुलारी मिंज की भाभी एरेन तिग्गा ने 30 मई 2024 को अपनी ननद के साथ घटित घटना के संबंध में कांके थाना प्रभारी को आवेदन दिया था। लेकिन थाना प्रभारी ने कोई कार्रवाई नहीं की।वहीं इस मामले को लेकर जब समाजसेवी अर्चना बड़ा और तारामनी साहु थाना गयी और कार्रवाई की मांग की तो थाना प्रभारी ने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया।