डीएसपी पर सीएम के सहयोगी के साथ अवैध खनन में शामिल होने का शक,ईडी ने संपत्ति का विवरण मांगा
राँची।प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को साहिबगंज के डीएसपी राजेंद्र दुबे पर पंकज मिश्रा के अवैध पत्थर खनन में शामिल होने और सहयोगी होने का शक है। इसे लेकर ईडी ने उनकी संपत्ति और बैंक विवरण के साथ-साथ उनके रिश्तेदारों का विवरण मंगा है। उन्हें एक सप्ताह के भीतर ईडी को दस्तावेज उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। ईडी के पास कुछ सबूत हैं जिसके आधार पर उनकी संपत्तियों के साथ-साथ उनके रिश्तेदारों की भी जांच की जा सकती है। उनसे ईडी ने कुछ दस्तावेज भी प्रस्तुत करने को कहा है। जांच में यह बात भी आई है कि दुबे ने उन्होंने 10 अक्टूबर को न्यायिक हिरासत में रिम्स के पेइंग वार्ड में पंकज मिश्रा से बिना अनुमति लिए और संबंधित अधिकारियों को सूचित किए मुलाकात की थी।
इधर डीएसपी राजेंद्र दुबे से ईडी ने शुक्रवार को अवैध पत्थर खनन और झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के साथ संबंध के संबंध में पूछताछ की।कई घंटे की पूछताछ हुई है। शाम करीब सात बजे उनसे पूछताछ खत्म हुई।राजेंद्र दुबे पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच में हस्तक्षेप करने के लिए पंकज मिश्रा की ओर से कार्रवाई करने के आरोप लगे हैं। रिम्स के पेइंग वार्ड (जहां पंकज मिश्रा का न्यायिक हिरासत में इलाज चल रहा था) में बंद रहने के दौरान पंकज मिश्रा डीएसपी और अन्य अधिकारियों को फोन करते थे और उन्हें निर्देश देते थे।
ईडी ने उनसे पूछा कि 10 अक्टूबर को,राजेंद्र दुबे ने न्यायिक हिरासत में होने पर बिना किसी अनुमति के रिम्स में पंकज मिश्रा से मुलाकात की थी। ईडी ने उनसे पूछा कि क्या उन्हें इस कानून की जानकारी है कि न्यायिक हिरासत में बिना अनुमति के किसी आरोपी से मिलना अपराध है? और क्या उसे इस अपराध के लिए कार्रवाई किया जाना चाहिए या नहीं? डीएसपी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। उन्होंने कहा कि वह पंकज मिश्रा से एक व्यक्ति के रूप में मिले थे क्योंकि वह पंकज मिश्रा के शुभचिंतक हैं।