रूपा तिर्की मौत मामला:सीबीआई को हाथ लगी कथित ऑडियो,वीडियो, जिसमें विधायक बंधु तिर्की ने रुपा तिर्की के परिजनों को प्रलोभन दिया है
राँची।झारखण्ड के साहेबगंज की महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की की मौत के मामले में एक नया मामला सामने आया है।बताया जा रहा है इस मामले में सीबीआई को रूपा तिर्की के परिजनों से एक ऑडियो,वीडियो मिला है।जिसमें मांडर के विधायक बंधु तिर्की का नाम आया है। बंधु तिर्की मांडर से कांग्रेस के विधायक हैं।सीबीआई के द्वारा पूछताछ में रूपा तिर्की के परिवार ने सीबीआई को बताया है कि परिवार वालों से विधायक ने मुलाकात की और प्रलोभन दिया है। ताकि उसके परिजन मामले की सीबीआई जांच की मांग ना करे।बताया जा रहा है कि विधायक बंधु तिर्की ने कई तरह का लाभ दिलाने का प्रलोभन रूपा तिर्की के परिजनों को दिया।परिजनों ने बातचीत का एक ऑडियो भी सीबीआई को दिया है।जिसमें रूपा तिर्की के परिजनों और विधायक में बातचीत हुई है।
बता दें हाईकोर्ट के आदेश पर साहिबगंज की महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की की मौत मामले की जांच CBI कर रही है। साहिबगंज में मामले की जांच करने के बाद सीबीआई की टीम राँची में कैंप कर रही है और बीते दिन रातू थाना क्षेत्र स्थित रूपा तिर्की के परिवार वालों से पूछताछ की थी।सीबीआई ने रूपा के पिता देवानंद उरांव, बहन उर्मिला उरांव समेत अन्य परिजनों का बयान ले चुकी है।इस मामले की जांच के दौरान सीबीआई को कांग्रेस विधायक बंधु तिर्की का ऑडियो मिला है।
मिली जानकारी के अनुसार, विधायक बंधु तिर्की बीते 10 जून को रूपा तिर्की के परिजनों से मिलने उनके घर गए थे। इस दौरान बंधु तिर्की ने परिजनों को न्यायिक जांच से संतुष्ट होने के लिए मना रहे थे। जिसमें सम्मानजनक राशि, नौकरी और पेट्रोल पंप दिलाने की बात कर रहे थे। जानकारी के अनुसार ऑडियो में बंधु तिर्की बोल रहे हैं,कि मेरी हार्दिक इच्छा है, मामले पर न्याय हो, साथ ही सरकार क्षतिपूर्ति भी दे। परिजनों को मुख्यंमंत्री से मिलने के लिये भी सहमत करते सुने गये।
इधर इस बारे में बंधु तिर्की ने मीडिया को बताया कि मैं रूपा तिर्की के घर गया जरूर था।लेकिन मेरा उद्देश्य रूपा के परिवार वालों को कोई प्रलोभन देना नहीं था।साथ ही बंधु तिर्की ने कहा कि मैं तो चाहता था कि इस केस की जांच हो परिवार को मुआवजा भी मिले.उन्होंने कहा कि मैं ही वह पहला व्यक्ति हूं, जिसने सीएम हेमंत सोरेन को इस केस की जांच के लिए पत्र लिखा था।
क्या है 10 जून के ऑडियो और वीडियों में
(ऑडियो में जैसी बातचीत हुई है वैसा ही लिखा गया है)
बंधु- आज हम मुख्यमंत्री से मिले थे. मेरे से पहले राजेश कच्छप वहां कुछ काम से गए थे।न्यायिक जांच का आदेश दिया गया है. हम प्रैक्टिकल बात बता रहे हैं, कोई भी आदमी अपने घर में आग नहीं लगाएगा।अपनी सरकार है तो क्या जांच कराएगा वो सरकार के ऊपर ही है। मान लें अगर इसमें कोई बात भी हुई है तो, अगर सीबीआई जांच करती है.., सीबीआई इसके कंट्रोल में नहीं है. इसलिए किसी भी हाल में हम होते तब भी सीबीआई जांच नहीं कराते. इसे इस तरह से समझिये कि जैसे बहुत सारा बात आ रहा है, अगर सीबीआई जांच करेगी तो इसका पूरा ऑपरेशन करेगा…
हमारा जो सूचना है कि न्यायिक जांच का आदेश दिया है…. जो ज्यूडिशियरी होता है तो ये भी अच्छा होता है. हम राजीव जी की इंटरव्यू देख रहे थे कि न्यायिक जांच में क्या और कैसे होगा…तो ऐसा नहीं है न्यायिक जांच भी अच्छा होता है…
अभी बहुत सारे लोग आपके पास आएंगे और बोलेंगे कि सीबीआई जांच करवाईये…. तो निर्णय आपको लेना है… इसमें. क्योंकि मुख्यमंत्री तो बोल दिये हैं न्यायिक जांच करवाएंगे तो वो तो सरकार करवाएगी. अब आप मानिये या न मानिए. हम न्यायिक जांच के लिए मुख्यमंत्री से भी मिले. मामले में एसपी लोग भी हमसे मिला और बोला कि आप न्यायिक जांच करवाएं….सीबीआई में ये होगा वो होगा। टाइम लगेगा. ये वाला मामला को क्योंकि केंद्र में बीजेपी की सरकार है तो सीबीआई जांच को क्या एंगल दे दिया जाएगा….ये तो शायद देने के बाद ही पता चलेगा।हमको कुछ अच्छे-अच्छे एसपी लोग भी बताये कि न्यायिक जांच ठीक रहेगा।अगर इसको पहले करता, मिट्टी देने से 10-15 दिन में तो लाश को निकालता।ज्यूडिशियरी लैब में जांच करता। लेकिन अब तो लाश निकालने की स्थिति में नहीं है।
दूसरा व्यक्ति – नहीं 50 दिन तक लाश निकाला जा सकता है।
बंधु- पर लाश निकालेगा तो दाग सब हट गया होगा।
दूसरा व्यक्ति- हां दाग सारे हट गए होंगे पर और जानकारी मिल सकती है।
बंधु- न्यायिक जांच में ये होगा. हमारे जैसे लोगों को भी आपको सही सजेशन देना चाहिए। निर्णय आप लोग को भी उसी तरह से लेना चाहिए।बिना किसी के प्रेशर में आये।हम मुख्यमंत्री को एक पेट्रोल पंप का अनुशंसा करने के लिए बोले हैं।आश्रित परिवार में किसी को नौकरी और सम्मानजनक राशि उपलब्ध करा दिजिये… ये हम प्रस्ताव दिये हैं. विचार करने के लिए बोले. हमको मुख्यमंत्री की बातों से लगा कि अगर हम तरीके से जाएंगें तो…. मतलब मामला को सरकार के हिसाब से करते हैं तो वो इसको कर सकते हैं। क्योंकि चाहे जो कारण हो अब रुपा को तो कोई वापस नहीं ला सकता।ये संभव नहीं है लेकिन रास्ता क्या होगा।उसदिन भी हम घर में बोले कि हमको आप लोग से कोई राजनीति नहीं करना। इससे हमको किसी तरह का कोई राजनीतिक फायदा भी नहीं होगा। हम जो रास्ता बता रहे उसपर आप विचार करें।
हम शुरू दिन से आपको मुख्यमंत्री से मिलने बोल रहे हैं. अपना बात रखने बोल रहे हैं।आप उनकी बात मानें न मानें पर मिलकर अपनी बात आप रख सकते हैं…. जो सही दिशा में जा रहा है तो आपको भी उसी दिशा में चलना चाहिए। हठधर्मिता कर के कोई फायदा नहीं. अगर पूरे मामले में पोलिटिकल एंगल ले लिया….आप बताइए हम मुख्यमंत्री रहते तो क्या बीजेपी के कहने से सीबीआई जांच करवाएंगें। उसका कहने से नहीं होगा।
ये सारा पॉलिटिकल एंगल भी चल रहा है। ऐसे में कई लोग आंएंगे-जाएंगे. कल 12 बजे हम मुख्यमंत्री से समय लिये हैं। आप लोग कौन-कौन जाएगा इसको तय कर लिजिए। 5-6 लोग चलिए. कुछ संगठन के लोग हों।पहले ये निर्णय कर लें कि आपको जाना है कि नहीं जाना है। तो कौन-कौन जाना चाहता है।
महिला- सीबीआई जांच मांग रहे हैं सर. क्योंकि हमको सीबीआई जांच चाहिए. जो भी किया है वो पकड़ा जाये.
बंधु- देखिए जैसे वो एसआईटी अपना लोग जांच किया. इसको पूरा कर लेने दिजिए. आपको रिजल्ट सही नहीं मिलेगा तब न आप कहेंगे. जांच तो करने दिजिये.
महिला- बहुत ज्यादा लेट नहीं हुआ है.
बंधु- अगर न्यायिक जांच भी हो रहा है. जांच सही दिशा में जाएगा. कुछ गड़बड़ हुआ तो हम सब तो हैं ही…. हम जो आपको बता रहे हैं, कृपा करके आप इसपर विचार करें. हम विनती करते हैं….हम उमेश कच्छप का भी लड़ाई लड़े थे.
कुछ बातों को आपको समझना होगा. मुख्यमंत्री के पास जाकर बोलिए कि हमें न्याय कैसे मिलेगा. आपको न्याय ही न चाहिए. आप सरकार हैं कैसे दिलाईये न्याय हमको. दोषी पर कार्रवाई होना चाहिए. कड़ा से कड़ा सजा दिलवाइये.
दूसरी ओर से (फोन पर)- शुरू से आपने भी सीबीआई जांच के लिए जोर दिया फिर अभी एक महीना हो रहा है आप ऐसा बोल रहे हैं.
बंधु- हमलोग सीख लिये कि न्यायिक जांच भी खराब नहीं है.
महिला- पूछिये कि वो लोग सीबीआई जांच के लिए मांग कर रहे हैं।
बंधु- हम नहीं बोलेंगे. मेरा विनती है कि जो लोग आंदोलन कर रहे हैं उनके साथ जाकर मुख्यमंत्री से बात करें. आपको हम बताना चाहते है कि यही लोग अंतिम दम तक खड़े रहेंगे.
व्यक्ति- लेकिन न्यायिक जांच में फिर वहीं कर देगा.
बंधु- आपको जो संदेह है सीएम को सीधे बोल देना चाहिए… इससे पहले तो आमंत्रित नहीं किया था. अब कल जाने की बात है तो जाएंगे. मिलने की बात है तो मिलेंगे.
बंधु- हमारा बस यही है कि जो दोषी है किसी भी हाल में उसको सजा होना चाहिए. 5-7 लोग से ज्यादा मत चलिएगा. एक हम भी होंगे.
बंधु- सब मिलकर सहमति बनाईये. … मिलने के लिए बुला रहे है तो जाएंगे. जाना है तो हम बता दें. ये नहीं कि सुबह नहीं जाना है.
बंधु – जो बात स्पष्ट है बता दिजिए. हम कंफर्म कर दें. किसी को भी पता न चले. बाहर में मीडियावाला लगा होगा, जो बोलना है बोल दिजिएगा. बात खत्म हो जाएगा. तो हम जाने के लिए सहमत हो गए न कि जाएंगे.
दूसरा व्यक्ति… सबसे बात कर लेते हैं. सुबह बता देंगे.
बंधु- तो हमको सुबह मत बोलिएगा. हम टाइम नहीं दे पाएंगे. हमको पलामू जाने का प्लान था.
तीसरा व्यक्ति – मेरा है कि सरकार ने न्यायिक जांच का आदेश तो दे दिया पर संवेदना अभी तक प्रकट नहीं किया है.
बंधु- वो तो जाकर आप बोल सकते हैं. पर बताइए कि इन्हें मुख्यमंत्री से मिलने जाना चाहिए या नहीं।
तीसरा व्यक्ति – अगर मुक्यमंत्री बुला रहे हैं तो जाना तो चाहिए.
… – अगर न्यायिक जांच करना ही था तो पहले ही करते. यह बात छोटा-मोटा नहीं है. चाहे हम जिस एंगल में ले. बात बहुत बड़ा है.
… – न्यायिक जांच तो हमें लगता है आनन-फानन में कर दिया।
…. – जितने भी संगठन हैं हम जो संघर्ष कर रहे है. हम जो उम्मीद लेकर लड़ाई लड़ रहे हैं. ऐसे ही दो महीना बीतने वाला है. न्यायिक जांच में 6 महीना लगेगा.
बंधु- आप इन्हीं बातों को रखिएगा. न्यायिक जांच क्यों करवा रहे हैं. हम नहीं चाह रहे हैं न्यायिक जांच. अपना बात रखिए।
…. – सीबीआई जांच के लिए आपने की कहा था।
बंधु – पर जो बात है रखिए सामने. उनका जो कहना है वो भी सुन लिजिए। वहां जाकर ऐसा नहीं है कि वो जो बोल दिया वही करना है। आप जो बोल रहे हैं कि पहले नहीं बुलाया, ये भी सही आप बोल रहे हैं।
Note- ऑडियो में हुई बातचीत के अनुसार खबर लिखा गया है।
सीबीआई की फॉरेंसिक टीम ने घटना को किया रीक्रिएट
रूपा तिर्की की मौत की गुत्थी सुलझाने के लिए सीबीआई की फॉरेंसिक टीम दिल्ली-फरक्का एक्सप्रेस ट्रेन से गुरुवार ( 16 सितंबर) को साहिबगंज पहुंची थी. जिसके बाद फॉरेंसिक टीम के द्वारा मजिस्ट्रेट संजय कुमार की देखरेख में रूपा तिर्की के सील बंद कमरे को खोला गया. फॉरेंसिक टीम जिला प्रशासन से करीब चार अन्य लोगों, जिसमें एई और जेईई को भी शामिल किया गया था. इस टीम में रूपा तिर्की की मौत के बाद सबसे पहले वहां पहुंचने वाले और देखने वाले पुलिसकर्मी को भी साथ में रखा गया था. फॉरेंसिक टीम के द्वारा सबसे पहले क्वार्टर का दिशा यंत्र चालित मशीन से निरीक्षण किया गया. उसके बाद टीम ने बंद कमरे को खोलकर घटना को रीक्रिएट किया था।
तीन मई को बरामद हुआ था शव
पुलिस लाइन स्थित गंगा भवन सरकारी क्वार्टर में US-1 में संदिग्ध अवस्था में रूपा तिर्की का शव तीन मई को बरामद हुआ था. सीबीआई के द्वारा इस केस से जुड़े 6 से अधिक लोगों को चिन्हित कर उसके क्वार्टर के आसपास के लोगों से पूछताछ की गयी थी. गौरतलब है कि रूपा तिर्की मौत मामले में एक सितंबर को झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने सीबीआई को अविलंब केस लेकर जांच करने का निर्देश दिया था. सीबीआई ने इस मामले में कांड संख्या आरसी 0922021S0002 मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू की है.