राँची पुलिस ने दो बाइक चोर गिरोह के सात अपराधियों को दबोचा…चोरी के पाँच बाइक,एक स्कूटी और एक पिस्टल बरामद….

 

राँची।राजधानी राँची पुलिस को बड़ी सफलता मिली है।दो बाइक चोर गिरोह का खुलासा करते हुए गिरोह के सात अपराधियों को गिरफ्तार किया है।साथ ही चोरी की पांच बाइक और एक स्कूटी एवं एक पिस्टल बरामद किया है।

सिटी एसपी के निर्देश पर सीट डीएसपी के नेतृत्व में लालपुर पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की मदद और स्थानीय लोगों के सहयोग से बाइक चोरी कर उन्हें कम कीमत में बेचने वाले गिरोह के सात अपराधियों को गिरफ्तार किया है।गिरफ्तार अपराधी में गुरफान उर्फ भी शामिल है, जो पुलिस के लिए मोस्ट वांटेड बना हुआ था।बाइक चोर गिरोह का खुलासा और अपराधियों के पकड़ने वाली टीम को सिटी एसपी राजकुमार मेहता ने किया सम्मानित।टीम में लालपुर थाना प्रभारी सह इंस्पेक्टर रूपेश सिंह सहित अन्य पुलिस पदाधिकारी शामिल थे।

राँची के सिटी एसपी राजकुमार मेहता ने लालपुर थाना परिसर में प्रेसवार्ता में बताया कि हाल के दिनों में कई बाइक चोरी की वारदातों को अंजाम दिया गया था।इसी बीच आम लोगों के द्वारा यह सूचना दी गई कि लालपुर इलाके से चोरी की गई बाइक को सन्त अन्ना स्कूल गली चोर लेकर भाग रहे हैं। जिसके बाद स्थनीय लोगों की मदद से पुलिस ने दो चोरों को गिरफ्तार कर लिया और फिर गिरफ्तार चोरों की निशानदेही पर अन्य पांच को भी धर दबोचा। गिरफ्तार अपराधियों के पास से चोरी के छह बाइक और स्कूटी भी बरामद किए गए हैं।

 

प्रेसवार्ता में जानकारी देते हुए सिटी एसपी

जिन सात अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें वांटेड अपराधी गुरफान अंसारी उर्फ छोटु, तनवीर आलम के अलावा अर्जुन महतो, वासुदेव शाह, रोशन दास, भरत दास और आमिर अंसारी शामिल हैं।

सिटी एसपी राजकुमार मेहता ने बताया कि गुरफान एक कुख्यात अपराधी है।पुलिस ने जब गुरफान को गिरफ्तार किया, तब उसने अपने पास मौजूद पिस्टल को नाले में फेंक दिया। हालांकि बाद में पूछताछ के दौरान पुलिस को जब जानकारी मिली तब नाले से पिस्तौल को बरामद कर जब्त कर लिया गया।वहीं तनवीर आलम खूँटी के कर्रा इलाके का रहने वाले है।फिलहाल राँची में रहता है।

गिरफ्तार अपराधियों ने पुलिस की पूछताछ में खुलासा किया है कि वे लोग हर दिन दो से तीन बाइक चुराते थे।बाइक की चोरी कर सबसे पहले उसका नंबर बदल दिया करते थे और फिर सोशल मीडिया के जरिए 4000 से 5000 में एक बाइक को बेच देते थे. ग्रामीण इलाकों में रहने वाले युवा सबसे ज्यादा बाइक खरीदते थे।क्योंकि ग्रामीण इलाकों में बाइक की चेकिंग कम होती है। ऐसे में चोरी की बाइक आसानी से खप जाती थी।