#RANCHI:ऐतिहासिक बड़कागढ़ घूरती रथयात्रा,तीनों विग्रहों का गर्भगृह में सिंहासनारूढ़ के साथ समापन..
राँची।ऐतिहासिक बड़कागढ़ ईस्टेट जगन्नाथपुर मंदिर में घूरती रथयात्रा की सांकेतिक पूजा ले साथ समापन हो गया।भगवान श्री जगन्नाथ,बहन सुभद्रा और भाई बलराम की व्यवहारिक पूजा की गई शाम पांच बजे पूजा शुरू हुई,इसके बाद विग्रहों को स्नान मंडप से गर्भगृह में सिंहासनारूढ़ किया गया। देर शाम में 7:30 बजे महाप्रभु की पुजा अर्चना,108 दीप मंगल आरती और विष्णु अष्टकम का पाठ कर तीनों विग्रहो का शयन किया गया।
विदित है कि कोरोनावायरस विश्व व्यापी महामारी के कारण,329 वर्षों में पहली बार जगन्नथपुर मंदिर रथयात्रा पारम्परिक स्वरूप में आयोजन नहीं किया जा सका।23जुन को चलती रथयात्रा स्थगित करना पड़ा था।मौसी बाड़ी जगन्नथ स्वामी नहीं जा सके थे,सांकेतिक रूप से रथ यात्रा धार्मिक अनुष्ठान जगन्नथपुर मंदिर का कपाट बन्द कर संपन्न किया गया था चुंकि पारम्परिक स्वरूप में भगवान मौसी बाड़ी नहीं गये थे इसलिए घुरती रथ यात्रा भी सांकेतिक रूप से संपन्न हुआ।
अंत में उपस्थित लोगों के बीच प्रसाद का वितरण किया गया।इस तरह नौ दिनों तक चलने वाला ऐतिहासिक रथ यात्रा कार्यक्रम पूरे विधि विधान,329वर्षों की परंपरा कोरोना महामारी के बीच सम्पन्न हो गया।आज के घुरती रथ यात्रा कार्यक्रम में मुख्य रुप से जगन्नाथपुर मंदिर के सेवाईत प्रथम सेवक ठाकुर नवीन नाथ शाहदेव,जगन्नाथपुर मंदिर के पुजारीगण और समिति के सदस्यगण मौजूद थे।जिला प्रशासन के द्वारा दिए गए दिशा निर्देश का पालन मास्क,सैनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग के माध्यम से किया गया।
जय जय जगन्नाथ