Jharkhand:थानों के पुलिसकर्मियों को नये साल से सप्ताह में एक दिन की छुट्टी मिलेगी,डीजीपी ने दी स्वीकृति..
राँची।झारखण्ड पुलिस ने नए साल में पुलिसकर्मियों को तोहफा दिया है।नए वर्ष में एक जनवरी से झारखण्ड के सभी थानों में पदस्थापित पुलिसकर्मियों को सप्ताह में एक दिन की छुट्टी मिलेगी। इस संबंध में सभी जिले के एसएसपी, एसपी को जल्द पुलिस मुख्यालय के द्वारा आदेश जारी गया है।एक जनवरी से राज्य से सभी थाना में पदस्थापित पुलिसकर्मियों को सप्ताह में एक दिन की छुट्टी मिलनी शुरू हो जाएगी।प्रभारी डीजीपी एमवी राव ने इसकी स्वीकृति दे दी है।डीजीपी ने कहा कि जनवरी एक जनवरी से थाना में पदस्थापित पुलिसकर्मियों को सप्ताह में एक दिन कि छुट्टी मिलेगी। पूरे जनवरी महीने इसका ट्रायल चलेगा इस दौरान देखा जाएगा क्या क्या परेशानी आ रही है. इसके बाद इसको दूर किया जाएगा। फरवरी महीने से ये सुचारू रूप से शुरू हो जाएगा।
थानों के पुलिसकर्मियों को मिलेगा वीकऑफ
सिर्फ थानों में पदस्थापित पुलिसकर्मियों को ही मिलेगी सप्ताह में एक दिन की छुट्टी।इसको लेकर डीजीपी एमवी राव ने बताया कि ये राज्य के सभी थानों में पदस्थापित पुलिसकर्मियों को सप्ताह में एक दिन की छुट्टी दी जाएगी. ताकि वो अपने परिवार के साथ समय बिता सके या इसके अलावा अपने निजी काम को भी कर सकें. पुलिसकर्मियों को रोस्टर के आधार पर सप्ताह में एक दिन की छुट्टी दी जाएगी. एक जनवरी महीने से पुलिस कर्मियों को एक दिन की छुट्टी मिलनी शुरू हो जाएगी।
थानों में कितने घंटे ड्यूटी कर रहे जवान
थानों में मुंशी सुबह आठ बजे से लेकर रात के 10 से 11 बजे तक ड्यूटी करते नजर आ रहे हैं।थानेदार के बॉडीगार्ड सुबह आठ बजे या थानेदार के निकलने के अनुसार, रात के दो बजे या पूरी रात तक ड्यूटी कर रहे हैं। विशेष छापेमारी में निकले पुलिसकर्मी एक से दो दिनों तक बाहर रहते है. वहीं पेट्रोलिंग में लगे जवान 10 से 12 घंटे की ड्यूटी कर रहे हैं।
पूर्व डीजीपी डीके पांडेय के द्वारा बीते 6 फरवरी 2019 को घोषणा किया गया था कि सिपाही और हवलदार स्तर के पुलिसकर्मियों से रोजाना आठ घंटे और सप्ताह में छह दिनों की ड्यूटी ली जाएगी।हालांकि पूर्व डीजीपी डीके पांडेय की घोषण को अमल नही किया गया।अब देखना प्रभारी डीजीपी एमवी राव के इस आदेश का पालन कहाँ तक होता है।
गौरतलब है कि ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ने देशभर के 23 राज्यों व दो केंद्रशासित प्रदेशों में जाकर रिसर्च किया था।इस दौरान जो तथ्य सामने आए थे, उसके मुताबिक 90 फीसदी पुलिसकर्मी आठ घंटे से अधिक काम करते हैं. वहीं 73 फीसदी पुलिसकर्मी ऐसे हैं जो एक महीने में एक बार भी साप्ताहिक अवकाश नहीं लेते. ऐसे में इसाका कर्मचारियों के मांसिक स्थिति पर असर पड़ रहा था. लिहाजा डीजीपी की पहल पर फिलहाल सिर्फ थानों में पदस्थापित पुलिसकर्मियों को सप्ताह में एक दिन की छुट्टी देने का निर्णय लिया गया है।