मानव तस्करी के आरोपी महिला आशा देवी को जगन्नाथपुर से नामकुम पुलिस ने किया गिरफ्तार।
राँची: नामकुम थाना क्षेत्र से मानव तस्करी की शिकार 24 वर्षीय युवती मामले में आरोपी महिला आशा देवी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। डीजीपी कमल नयन चौबे के प्रयास से राँची पुलिस की टीम ने आरोपी महिला तस्कर आशा को पकड़ा है। आरोपी आशा को जगरनाथपुर स्थित मौसीबाड़ी के पास से पकड़ा है। रांची पुलिस की टीम आरोपी आशा से गुप्त स्थान पर पूछताछ कर रही है। हालांकि, कोई भी अधिकारी तस्कर आशा की गिरफ्तारी की पुष्टि नही कर रहे है।
13 साल से दिल्ली में कर रही दाई का काम
नामकुम थाना क्षेत्र के तेतरी गांव की रहने वाली मानव तस्करी की शिकार 24 वर्षीय युवती पिछले 13 वर्षों से दिल्ली में बंधक है। युवती को जबरन दिल्ली में बंधक बना कर दाई का काम कराया जा रहा है। इस मामले में युवती के पिता मुंशी मुंडा की शिकायत पर नामकुम थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। प्राथमिकी दर्ज करने के बाद पुलिस टीम बरामदगी के लिए दिल्ली रवाना हो गयी थी। इससे पूर्व बताया गया कि सितंबर, 2006 में आशा देवी ने दाई का काम करने के लिए दिल्ली ले गयी थी। नवंबर 2007 में बेटी तीन-चार दिनों के लिए घर आयी। फिर दोबारा वह महिला उसे ठग कर दिल्ली ले गयी। मुंशी मुंडा ने जब अपनी बेटी को वापस पाने के लिए उस महिला से संपर्क किया, तो वह उन्हें दिल्ली ले जाने के लिए तैयार हो गयी। एक दिन वह उस महिला के साथ दिल्ली बेटी से मिलने ट्रेन से गये। मगर, बीच रास्ते में वह महिला भाग गयी।
दिल्ली पहुंचे मुंशी मुंडा ने कई दिनों तक मजदूरी कर बेटी को ढूंढा और नहीं मिलने पर वह थक हार कर गांव लौट आये और वर्ष 2018 में मुंशी मुंडा के घर एक अनजान व्यक्ति आया और एक मोबाइल नंबर दिया। जब मुंशी मुंडा ने मोबाइल नंबर पर फोन किया। तब उनकी बात अपनी बेटी से हुई। वह अपने पिता से कहने लगी मुझे यहां से घर ले जाइये। मैं फरीदाबाद में हूं। यहां पर बहुत सारे लड़के- लड़कियां हैं, जिनको रजिया नामक महिला ने बंधक बना कर रखा है। युवती को दिल्ली ले जानेवाली महिला से भी अब मुंशी मुंडा का संपर्क नहीं हो पा रहा है। बेबस मुंशी मुंडा ने दिल्ली में बंधक बनी अपनी बेटी को वापस पाने के लिए आशा संस्था की पूनम टोप्पो और बाल अधिकार कार्यकर्ता बैद्यनाथ कुमार से संपर्क किया। इसके बाद 16 जनवरी को मुंशी मुंडा वरीय पदाधिकारियों के पास पहुंचे और आपबीती बतायी थी।