एक फोन कॉल…एक दर्जन से ज्यादा पुलिस पदाधिकारी व कर्मी एक्टिव….2 घंटे की ताबड़तोड़ कार्रवाई…बच गई एक व्यक्ति की जान…!

राँची।राजधानी राँची के नामकुम थाना क्षेत्र में 15 दिसंबर को कवाली रिंगरोड में दिनदहाड़े हुए लाल मधुसूदन राय की गोली मारकर हत्या के 13 दिन बाद भी हत्यारों का पता नहीं चल पाया है।वहीं दूसरी ओर नामकुम इलाके के खरसीदाग ओपी क्षेत्र में अपराधियों द्वारा एक बड़ी घटना को अंज़ाम देने के फिराक में थे।इसी बीच राँची के एक पुलिस अधिकारी के निर्देश पर खरसीदाग ओपी पुलिस और स्पेशल टीम के त्वरित कारवाई पर बड़ी घटना होने से बच गया है।पुलिस ने वारदात होने से कुछ ही घण्टे पूर्व कार्रवाई करते हुए आधा दर्जन लोगों को हिरासत में लिया है।जिनसे पूछताछ की जा रही है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ओपी क्षेत्र में रहने वाले एक व्यक्ति से ढहु टोली स्थित जमीन पर पोजिशन एवं पैसे के लेन-देन को लेकर एक युवक से विवाद चल रहा है,जिसे लेकर उस व्यक्ति की हत्या करने के लिए सुपारी देकर युवक ने कुछ अपराधियों को बुलाया था।लेकिन घटना से पूर्व राँची के एक पुलिस अधिकारी को इसकी पूरी प्लानिंग की गुप्त सूचना मिल गई।सूचना देने वालों ने बताया था कि अपराधी घटना को अंजाम देने पहुँच गए हैं।किसी भी वक्त बड़ी घटना को अंजाम दे सकता है।जिसके बाद पुलिस अधिकारी ने तत्परता दिखाते हुए दो तीन टीमें बनाकर कार्रवाई शुरू कर दी।सूत्रों की माने तो पुलिस ने सबसे पहले राँची पहुँचे युवकों को दबोचा। वहीं पकड़े गए युवक के निशानदेही पर पुलिस ने करीब आधा दर्जन लोगों को हिरासत में लिया है।सूचना है कि हिरासत में लिए गए लोगों में मुख्य साजिशकर्ता,शूटर,सहित अन्य युवक शामिल है।वहीं हथियार सप्लायर फरार है। जिसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस प्रयासरत हैं।सूत्रों की माने तो अगर पुलिस समय रहते त्वरित कार्रवाई नहीं करती तो एक से ढेड़ घण्टे बाद उस व्यक्ति पर अपराधी गोली चला देता।

सूत्रों के मुताबिक हिरासत में लिए गए लोगों के तार उग्रवादी/आपराधिक संगठन या हथियार तस्कर से भी जुड़े हो सकते हैं। गिरफ्तार लोगों के अपराधिक इतिहास की जांच कर रही है। हालांकि फिलहाल पुलिस इस सम्बंध में कुछ भी बताने से इंकार कर रही है। संभवतः एक दो दिन में पुलिस प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरी जानकारी दे सकती है।