Ranchi:सरहुल पर्व के मौके पर सिरमटोली सरना स्थल पूजा करने पहुंचे मुख्यमंत्री का हुआ विरोध,काली पट्टी बांधकर की नारेबाजी…

 

राँची।राजधानी राँची के सिरमटोली में सरना स्थल के मेन गेट के सामने से फ्लाईओवर रैंप को लेकर उपजा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। आज सरहुल पर्व के मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी पत्नी कल्पना सोरेन के साथ दिन के 11.35 बजे मुख्य सरना स्थल पूजा अर्चना करने पहुंचे।मुख्यमंत्री पूजा अर्चना कर ही रहे थे कि पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव के नेतृत्व में विरोधी गुट ने विरोध में जमकर नारेबाजी करने लगे। विरोधी गुट के लोग सिर और हाथों पर काला पट्टी बांधे हुए थे। हेमंत सोरेन ने पत्नी और बच्चों के साथ सरना स्थल पर पूजा अर्चना की और वहां से तुरन्त निकल गए।मुख्यमंत्री वहां से निकल रहे थे और एक गुट के लोग विरोध में काली पट्टी बांधकर जमकर नारेबाजी करते रहे।मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ना तो वहां मंच पर गए ना ही कुछ बोले।नारेबाजी करते देखकर वहां से चलते बने।

इस दौरान आदिवासी नेता अजय तिर्की और सिरमटोली बचाव संघर्ष मोर्चा का नेतृत्व कर रहीं पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव के बीच तीखी बहस हुई।गीताश्री उरांव ने कहा कि विरोध करना उनका संवैधानिक अधिकार है। अपने अधिकारों की रक्षा भी कर सकते हैं। ऐसा करने से कोई नहीं रोक सकता।दोनों ओर से बहसबाजी,गाली गलौज होते होते मारपीट की नौबत आ गई।हालांकि पुलिस प्रशासन ने दोनों पक्षों को समझाकर शांत कराया।

इस बीच कुछ पल के लिए सिरमटोली स्थित सरना स्थल का माहौल तनावपूर्ण हो गया।दोनों पक्ष के लोग आमने-सामने थे। लेकिन पुलिस और प्रशासन ने धैर्य का परिचय देते हुए हालात बिगड़ने नहीं दिया। मौके पर खुद राँची के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री, एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा, एसडीओ,एसडीएम लॉ एंड ऑर्डर,सिटी डीएसपी और चुटिया थानेदार मौजूद थे।

वहीं केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की ने सरना धर्मावलंबियों से अपील की है कि वे प्रकृति पर्व सरहुल को धूमधाम से मनाएं।शोभा यात्रा के दौरान माहौल बिगड़ने की संभावना पर अजय तिर्की ने कहा कि अपने ही बीच के कुछ लोग जानबूझकर विवाद पैदा कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि पूरी साजिश विरोधी दल के इशारे पर हो रही है। आज सरहुल का त्योहार संपन्न होते ही कल से पुलिस की कार्रवाई शुरू हो जाएगी, ये लोग जेल जाएंगे।उन्होंने खुद पर लग रहे आरोपों पर कहा कि मुझे चोर-दलाल कहा जा रहा है। इसका प्रमाण दिया जाना चाहिए।अगर कोई प्रमाण देगा तो मैं राँची-झारखण्ड छोड़ दूंगा। उन्होंने कहा कि हंगामा करने वाले लोगों के खिलाफ अगर प्रमाण देंगे तो क्या वे लोग राँची छोड़ेंगे।

बता दें कि 30 मार्च को गीताश्री उरांव के नेतृत्व में कुछ लोगों ने रैंप को पूरी तरह से हटाने की मांग को लेकर पुलिस बैरिकेडिंग को तोड़ दिया था।पुलिस के साथ धक्का-मुक्की की गई थी। इस मामले में दंडाधिकारी के आवेदन पर चुटिया थाना में गीताश्री उरांव समेत 24 नामजद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।इससे पहले बजट सत्र के दौरान राँची बंद भी बुलाया गया था।

दरअसल, फ्लाईओवर के रैंप को लेकर आदिवासी संगठनों की अपनी-अपनी दलील है। एक पक्ष का कहना है कि रैंप को हर हाल में हटाना चाहिए। जबकि दूसरे पक्ष का कहना है कि रैंप की वजह से सरना स्थल की व्यवस्था पर कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है। रही बात सरहुल की शोभा यात्रा के दौरान उमड़ने वाली भीड़ की तो इसके लिए वहां अतिरिक्त व्यवस्था की गई है।रैंप की लंबाई को थोड़ा छोटा कर दिया गया है।इस बीच रैंप विवाद को लेकर राजनीति जोर-शोर से हो रही है।

 

सिरमटोली मुख्य सरना स्थल पर पूरे विधि विधान से हुआ पूजा।मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन और उनकी पत्नी भी पहुँचे सरना स्थल पर पूजा करने।पूजा करने के दौरान ही एक गुट के कुछ लोगों ने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन करने लगे।इसी बीच मुख्यमंत्री पूजा कर वहां से चले गए।उसके बाद दो गुटों में तू तू मैं मैं भी हुआ।हालांकि पुलिस प्रशासन ने मामला शांत कराया।देंखे पूरी वीडियो…

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