निर्भया के गुनाहगार अक्षय ठाकुर का नया पैंतरा, सारे विकल्प खत्म होने पर भी फांसी से बचने के लिए फिर लगाई दया याचिका
नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में दोषी फांसी से बचने के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं। चारों दोषियों में से एक अक्षय ठाकुर के पास फांसी से बचने के सारे कानूनी विकल्प खत्म हो चुके हैं, जिसके बाद भी उसने शनिवार को दोबारा से दया याचिका दायर की है। इस याचिका में अक्षय ने कहा है कि पिछली बार दया याचिका पर सुनवाई के दौरान केस के हर बिंदु पर ध्यान नहीं दिया गया। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने अक्षय की दया याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा। फांसी की तारीख टाले जाने की मांग वाली दोषी अक्षय की याचिका पर तिहाड़ जेल प्रशासन को नोटिस भेजा गया है। कोर्ट ने मामले में सोमवार सुबह 10 बजे सुनवाई के लिए कहा है। दोषी ने राष्ट्रपति के पास संपूर्ण दया याचिका दायर करने के आधार पर यह मांग की है।
याचिका में यह कहा गया है
अक्षय ठाकुर के वकील एपी सिंह की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि पिछली बार जल्दबाजी में अधूरी याचिका दायर की गई थी। कहा गया है कि पहले की याचिका में दोषी अक्षय के हस्ताक्षर, शपथपत्र, आर्थिक स्थिति, आपराधिक रेकॉर्ड जैसे महत्वपूवर्ण दस्तावेज नहीं लगाए गए थे। न्यायहित में अक्षय ठाकुर की दया याचिका पर दोबारा सुनवाई की जाए। याचिका में अक्षय ने कहा है कि उसकी फांसी से उसकी पत्नी और उसका नाबालिग बच्चा भी प्रभावित होगा। उसके परिवार को सामाजिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, जबकि इसमें उनकी कोई गलती नहीं है।
अक्षय के सारे विकल्प खत्म हो चुके हैं
मालूम हो कि अक्षय ठाकुर फांसी से बचने के लिए पुनर्विचार याचिका, क्यूरेटिव याचिका और दया याचिका पहले ही दायर कर चुका है। इनमें से सारी याचिका खरिज हो चुकी है। निर्भया केस के सभी दोषियों को 3 मार्च को फांसी पर लटकाया जाना है।
दोषी पवन ने दायर की है क्यूरेटिव याचिका
इससे पहले शुक्रवार को दोषी पवन कुमार ने क्यूरेटिव याचिका दायर की है। क्यूरेटिव याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच 2 मार्च को सुनवाई करेगी। पवन ने अपनी अर्जी में कहा है कि वो घटना के वक्त नाबालिग था। इस मामले में उसकी रिव्यू अर्जी खारिज हो चुकी है।