Ranchi:मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने जा रहे सहायक पुलिसकर्मियों पर लाठीचार्ज, कई लोग चोटिल…

राँची।झारखण्ड की राजधानी राँची में सहायक पुलिसकर्मियों पर राँची पुलिस ने शुक्रवार को लाठियां बरसाई हैं।आंदोलनकर्मी सुरक्षा घेरा तोड़कर अलग रास्तों से सीएम आवास का घेराव करने पहुंचे थे।सुरक्षा बल के जवानों ने उन्हें रोकने की कोशिश तो वह बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ गये। इस दौरान पथराव हो गया। जिससे दोनों पक्षों की ओर से कई लोग घायल हो गये। इसके बाद राँची पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।

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दरअसल सुबह में सहायक पुलिस कर्मियों का एक प्रतिनिधिमंडल झारखण्ड के वरीय अधिकारियों के साथ वार्ता करने गये था। जहां 1 साल अनुबंध बढ़ाने और वेतन बढ़ोतरी पर सहमित बनी।बैठक से वापस लौटने के बाद सहायक पुलिसकर्मी सभी उठकर सीएम आवास का घेराव करने पहुंच गये।जहां उनकी पुलिस के साथ झड़प हो गयी।इस दौरान सुरक्षा बलों के जवानों ने जब उन्हें रोकने की कोशिश की तो वह उनसे उलझ गए। इस दौरान वहां पर पथराव हो गया जिसमें दोनों पक्षों के कई लोग घायल हो गए।वहीं सहायक पुलिसकर्मियों में समर्थन में घेराव करने पहुँचे जेबीकेएसएस पार्टी के नेता देवेन्द्रनाथ महतो को भी चोट लगी है।जिसे रिम्स में भर्ती कराया गया है।

सीएम आवास के नजदीक पहुंच गए

अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे सहायक पुलिस कर्मियों ने सरकार के साथ हुई वार्ता को असफल बताते हुए सीएम आवास का घेराव करने निकल गए।इस दौरान राँची पुलिस के वरीय पुलिस अधिकारियों के द्वारा सहायक पुलिसकर्मियों को रोकने की पूरी कोशिश की गई। लेकिन वह सुरक्षा घेरे को तोड़कर आगे बढ़ने लगे,अलग-अलग झुंड बनाकर अलग-अलग रास्तों से सीएम आवास पहुंचने की कोशिश करने लगे।

इसके बाद कोई चारा न देख पुलिस वालों ने लाठी चार्ज कर दिया। लाठीचार्ज और भगदड़ में कई सहायक पुलिसकर्मी और पुलिस वाले घायल भी हुए हैं। सैकड़ों की संख्या में सहायक पुलिसकर्मियों के सड़क पर उतर जाने की वजह से राजधानी राँची में जाम लग गया है।स्कूल बसें जाम में फंसी हुई है बच्चों को काफी तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है। लाठीचार्ज के बाद भी सहायक पुलिसकर्मी रोड पर ही बैठ गए हैं और नारेबाजी कर रहे हैं।

गौरतलब है कि सहायक पुलिसकर्मी लंबे समय से आंदोलनरत हैं। इससे पहले भी उन्होंने विशेष सत्र के दौरान विधानसभा के बाहर अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया था। उनकी बहाली उस वक्त की तत्कालीन सरकार रघुवर दास के समय साल 2017 में हुई थी। इसका मकसद राज्य के 12 नक्सल प्रभावित जिलों में विधि व्यवस्था दुरुस्त रखने में पुलिस कर्मियों की सहायता करना था। तब से लेकर आज तक उन्हें दस हजार रुपये ही मिलता है।उनकी मांग है कि सहायक पुलिस कर्मियों की सेवा स्थायी की जाए और उन्हें पुलिस सेवा में समायोजित कर दिया जाए।

इधर एडीजी ने बताया कि सहायक पुलिसकर्मियों और सरकार के बीच हुई वार्ता में सहायक पुलिसकर्मियों का अनुबंध 1 साल बढ़ाने और पुलिस बहाली में आरक्षण देने पर सहमति बनी।झारखण्ड पुलिस के एडीजी मुख्यालय आरके मलिक ने बताया कि सहायक पुलिसकर्मियों को आश्वासन दिया गया है कि 9 अगस्त से समाप्त हो रहा उनका अनुबंध 1 साल के लिए और बढ़ाया जाएगा।उनके वेतन भत्ते में 20% की बढ़ोतरी की जा रही है। इसके अलावा झारखण्ड पुलिस में होने वाली बहाली में उन्हें आरक्षण दिया जाएगा।