राहुल गाँधी की संसद सदस्यता रद्द,लोकसभा सचिवालय ने जारी किया नोटिफिकेशन
नई दिल्ली।राहुल गांंधी की संसद सदस्यता को रद्द कर दिया गया है। आज लोकसभा सचिवालय ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए इसकी जानकारी दी।गुरुवार (23 मार्च) को सूरत की एक अदालत ने आपराधिक मानहानि के एक मामले में उनको दोषी ठहराते हुए दो साल कैद की सजा सुनाई थी और 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था। हालांकि मामले की सुनवाई के दौरान ही कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी। राहुल गांधी केरल के वायनाड से लोकसभा सांसद थे। वह पहली बार 2004 में अमेठी लोकसभा सीट से निर्वाचित हुए थे और 2019 तक वह वहां पर सांसद रहे थे। 2019 के लोकसभा चुनावों में वह केंद्रीय मंत्री स्मृती ईरानी के हाथों अपनी पारंपरिक सीट अमेठी से चुनाव हार गए थे, लेकिन उन्होंने वायनाड से चुनाव जीत कर अपनी संसद सदस्यता बरकरार रखी थी।
इधर राहुल गांधी की सदस्यता जाने से विपक्षी खेमे में खलबली मच गई है।विपक्षी को समझ नहीं आ रहे आगे वे लोग क्या क्या करें।वहीं भाजपा का साफ तौर पर कहना है कि ये कानून के हिसाब से हुआ है।कानून सबके लिए बराबर है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार,एक एक्सपर्ट ने इस बारे में बताया है कि कानून के प्रावधानों के मुताबिक, राहुल गांधी लोकसभा या विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए आठ वर्षों तक अयोग्य रह सकते हैं। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, चुनाव आयोग के एक पूर्व अधिकारी और चुनावी कानूनों के विशेषज्ञ ने बताया कि जब तक एक हायर कोर्ट राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक नहीं लगा देता, वह आठ वर्षों तक लोकसभा या विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य रहेंगे।
विशेषज्ञ ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 (Representation of the People Act, 1951) की धारा 8 का हवाला देते हुए बताया कि राहुल गांधी की अयोग्यता आठ साल के लिए होगी, ऐसा दो साल कारावास की सजा के कारण होगा और बाकी छह साल उनकी रिहाई के बाद गिने जाएंगे, जैसा कि कानून में निर्धारित है। दो वर्ष या उससे ज्यादा की जेल अवधि कानून के तहत अयोग्यता का प्रावधान करती है। विशेषज्ञ ने कहा, ”वह आठ साल की कुल अवधि के लिए अयोग्य हो जाते हैं जब तक कि कोई एक हायर कोर्ट उनकी दोषसिद्धि पर रोक नहीं लगाता है।”
क्या वायनाड सीट पर होगा उपचुनाव?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक,विशेषज्ञ ने यह भी बताया कि तकनीकी रूप से चुनाव आयोग केरल की वायनाड सीट पर उपचुनाव भी करा सकता है क्योंकि वर्तमान लोकसभा का कार्यकाल अगले वर्ष जून में किसी समय समाप्त होगा।इसमें एक साल से ज्यादा का वक्त है।सदन की शेष अवधि अगर एक वर्ष से कम होती है तब विधानसभा या संसदीय उपचुनाव टाले जाते हैं। उन्होंने कहा कि चूंकि अदालत ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को सजा के खिलाफ अपील दायर करने के लिए 30 दिन की अवधि दी है, ऐसे में चुनाव आयोग उपचुनाव पर फैसला लेने के लिए उसका इंतजार कर सकता है।बता दें कि लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, राहुल गांधी की संसद सदस्यता 23 मार्च से प्रभावी है।