अनिल टाइगर को रास्ते से हटाने के लिए जमीन माफिया देवब्रत ने रची थी साजिश…सुपारी देकर शूटरों से करा दी हत्या…
राँची। राजधानी राँची के कांके थाना क्षेत्र में बीते दिनों हुए चर्चित हत्याकांड का राँची पुलिस ने गुरुवार को खुलासा कर दिया है।मामले में अबतक कुल पांच लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।राँची पुलिस की माने तो कांके इलाके में 10 एकड़ जमीन को लेकर भाजपा नेता अनिल टाइगर की हत्या की गई है। जमीन को लेकर अनिल टाइगर की हत्या की साजिश रची गई और सुपारी देकर हत्याकांड को अंजाम दिलवाया गया।
राँची पुलिस के अनुसार कांके थाना क्षेत्र स्थित चामगुरु में एक 10 एकड़ जमीन को लेकर जमीन माफिया देवव्रत नाथ शाहदेव और भाजपा अनिल टाइगर के बीच विवाद चल रहा था। विवादित जमीन पर जमीन माफिया कब्जा करना चाहता था, लेकिन ग्रामीण इसका विरोध कर रहे थे।जबकि अनिल टाइगर ग्रामीणों के साथ मिलकर विवादित जमीन पर हो रहे कब्जे के खिलाफ काम कर रहे थे। मुख्य साजिशकर्ता जमीन माफिया देवव्रत नाथ शाहदेव का दावा था कि 10 एकड़ जमीन उसकी है, लेकिन अनिल उक्त जमीन का कब्जा नहीं होने दे रहे थे।मामले को सुलझाने के लिए कई बार देवव्रत नाथ शाहदेव और अनिल महतो के बीच वार्ता भी हुई थी, लेकिन हर वार्ता विफल रही।
इसी बीच साल 2023 के अगस्त माह में देवव्रत नाथ शाहदेव द्वारा विवादित भूमि पर चहारदीवारी का निर्माण कर जबरन दखल कब्जा किया जा रहा था। उस दौरान अनिल टाइगर ने स्थानीय ग्रामीणों के सहयोग से देवब्रत नाथ शाहदेव के द्वारा किए जा रहे दखल-कब्जा का विरोध किया गया। मामले को लेकर उस समय जमीन माफिया ने विवादित भूमि के केयर टेकर दिलीप कुमार मुंडा के माध्यम से कांके थाना में अनिल महतो सहित 08 नामजद और 40-50 अन्य के विरुद्ध मारपीट, तोड़फोड़ करने और रंगदारी की मांग करने के आरोप में एफआईआर भी दर्ज करायी थी। इस घटना के बाद भी कई बार जमीन माफिया के द्वारा अपने सहयोगियों के माध्यम से विवादित जमीन पर दखल कब्जा करने और उसकी बिक्री करने का प्रयास किया गया, लेकिन हर बार अनिल टाइगर के विरोध की वजह से जमीन पर कब्जा करने में सफल नहीं हो पा रहा था।
पुलिस की माने तो इस बीच दिसंबर 2023 में देवव्रत नाथ शाहदेव के पक्ष में हरमू निवासी विनोद कुमार नामक व्यक्ति ने और अनिल टाइगर ने विवाद के समाधान के विनोद कुमार के घर बैठक की थी।बैठक के दौरान अनिल टाइगर ने प्रति डिसमील 50 हजार रुपये की दर से 4.5 करोड़ रुपये देने की मांग रखी थी और आश्वासन दिया था कि पैसे देने के बाद स्थानीय जोतकार आपका विरोध नहीं करेंगे, लेकिन बैठक के दौरान ही देवव्रत नाथ शाहदेव और अनिल टाइगर के बीच रुपये लेनदेन के बिंदु पर समझौता नहीं हो पाया और दोनों के बीच कहासुनी हुई।देवव्रत नाथ शाहदेव ने अनिल महतो को धमकी देते हुए उनपर बंदूक तान दिया।जिसके परिणामस्वरूप समझौता खटाई में पड़ गया।
अनिल टाइगर के द्वारा देवब्रत नाथ शाहदेव के विवादित भूमि का अवैध कब्जा किये जाने के प्रयासों का लगातार विरोध किये जाने से देवब्रत नाथ शाहदेव काफी नाराज था और जमीन पर दखल-कब्जा नहीं होने और उसकी बिक्री नहीं हो पाने के कारण उसे आर्थिक नुकसान भी हुआ था। देवव्रत को जब लगा कि जब तक अनिल टाइगर जिंदा रहेगा तब तक वह जमीन पर कब्जा नहीं कर पाएगा। इसके बाद ही उसने अनिल टाइगर की हत्या की साजिश रच डाली।
पुलिस के अनुसार अनिल की हत्या के लिए देवव्रत ने अपराधी अभिषेक सिंह उर्फ सूरज सिन्हा से संपर्क साधा और उसे अनिल की हत्या की सुपारी दी।अनिल की हत्या करने के लिए सूरज ने देवब्रत से मोटी रकम की मांग की।फिर सूरज सिन्हा ने राँची के एक होटल में ही दोनों शूटरों अमन सिंह और रोहित वर्मा को बुलाया और अनिल की तस्वीरों के साथ-साथ उसकी हर तरह की जानकारी दोनों से साझा की। जिसके दोनों शूटरों ने सूरज के साथ रकम तय की।प्लान अनुसार घटना को अंजाम देने के लिए सभी अपराधी टेलीग्राम, व्हाट्सएप और जंगी एप के माध्यम से लगातार एक-दूसरे के संपर्क में रहे। घटना को अंजाम देने के लिए अभिषेक सिन्हा उर्फ सूरज सिन्हा के द्वारा यूपीआई ट्रांजेक्शन के माध्यम से शूटर सहित अन्य अपराधियों को पहली किस्त के तौर पर 50 हजार रुपये फोन पे के माध्यम से उपलब्ध कराया।हालांकि जिस दिन घटना को अंजाम दिया गया था उस दिन सूरज ने 10 हजार रुपये दोनों शूटर को दिया था।
पुलिस के अनुसार,अनिल टाइगर की हत्या के लिए दोनों शूटरों ने लगभग एक सप्ताह तक उनके हर मूवमेंट पर नजर रखा घटना के दिन यानी 26 मार्च को अनिल महतो दोपहर में जब सदर स्थित अपने आवास से निकले तो बाइक से शूटर रोहित वर्मा ने उसका पीछा किया और इसकी सूचना दूसरे शूटर अमन सिंह को दी।सदर से लेकर कांके तक पहुंचने के दौरान दोनों शूटरों को कई बार अनिल टाइगर पर गोली चलाने का मौका भी हाथ लगा था, लेकिन वह रास्ते में गोली नहीं चला पाए।
इसी बीच अनिल टाइगर जब कांके स्थित एक होटल में बैठकर अपने मोबाइल को देख रहे थे उसी दौरान दोनों अपराधी खाना खाने के बहाने होटल में पहुंच गए।इस दौरान रोहित ने गोली चलाने से मना कर दिया।जिसके बाद अमन ने अपने बैग में रखे पिस्टल को निकाला और अनिल के सिर में सटाकर गोली मार दी।जिसकी वजह से उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
हत्याकांड को अंजाम देने के बाद रोहित वर्मा को ग्रामीणों की सहायता से पकड़ लिया लेकिन फिर भागने के दौरान पुलिस के द्वारा एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि अमन फरार होने में कामयाब हो गया। हत्या को अंजाम देकर अमन सबसे पहले कपड़ा बदलकर ओरमांझी पहुँचा और फिर वहां से बस में बैठकर बिहटा फरार हो गया।बाद में टेक्निकल सेल की मदद से अमन को पटना से पहले गिरफ्तार किया गया।
अनिल हत्याकांड का मुख्य साजिशकर्ता देवव्रत नाथ शाहदेव फिलहाल फरार चल रहा है।वहीं हत्या को अंजाम देने के लिए सुपारी लेने वाला सूरज सिन्हा भी फरार है।पुलिस ने बताया की जल्द ही दोनों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।