ग्रामीण चिकित्सक के पुत्र का अपहरण:एसपी ने 1 डीएसपी,2 इंस्पेक्टर और 6 थानेदारों के साथ करीब 150 जवानों के साथ जंगल में की घेराबंदी,12 घंटे के अंदर अपहृत युवक को सकुशल किया बरामद…
गिरिडीह।झारखण्ड के गिरिडीह जिले में देवरी के ग्रामीण चिकित्सक के पुत्र का अपहरण हो गया। अपहरण फिरौती के लिए की गई। हालांकि अपहरण की घटना के 12 घंटे के अंदर गिरिडीह एसपी दीपक कुमार शर्मा की टीम ने अपहृत को सकुशल बरामद कर लिया।एसपी दीपक कुमार शर्मा से मिली जानकारी के अनुसार,गुरुवार की रात दुकान बंद कर अपने घर जा रहे डॉक्टर के पुत्र का अपहरण कर लिया गया।अपहरण की यह घटना बिहार से सटे गिरिडीह जिले के देवरी थाना इलाके के चतरो बाजार से की गई। फिरौती के लिए हुए इस अपहरण की जानकारी मिलते ही गिरिडीह एसपी दीपक कुमार शर्मा की टीम ने त्वरित कार्रवाई की। गिरिडीह एसपी के निर्देश पर गठित छह पुलिस अधिकारियों की टीम ने घेराबंदी की औऱ ताबड़तोड़ छापेमारी शुरू कर दी।पुलिस ने ऐसी घेराबंदी किया कि अपहरणकर्ता जिस ओमनी वाहन से अपहरण की घटना को अंजाम दिया था उस वाहन को छोड़कर अपराधियों को भगाना पड़ा और अंततः पुलिस ने युवक को सकुशल बरामद कर लिया। जिस युवक की बरामदगी की गई है उसका नाम पंकज दास है जो चतरो का रहनेवाला है।
अपहृत युवक का बाइक
दरअसल,गुरुवार की रात गिरिडीह के एसपी दीपक कुमार शर्मा को चतरो से फोन आया। फोन करनेवाले ने खुद का नाम लक्ष्मण दास बताया। एसपी को यह बताया कि वह ग्रामीण चिकित्सक है और उसका दुकान चतरो बाजार में है। रात लगभग 9 बजे उसका पुत्र पंकज दास दुकान बंद कर बाइक से घर आ रहा था।इसी बीच उसके पुत्र का बाइक समेत अपहरण कर लिया गया है और फिरौती की मांग की जा रही है। मामले को एसपी दीपक कुमार शर्मा ने गंभीरता से लेते हुए तुरंत ही युवक को सकुशल बरामद करने के लिए आगे की कार्रवाई शुरू की।एक तरफ युवक का डिटेल लेते हुए टेक्निकल टीम को एक्टिव किया गया।वहीं मुफ्फसिल थाना प्रभारी सह पुलिस निरीक्षक श्याम किशोर महती, जमुआ सर्किल के इंस्पेक्टर प्रमोद सिंह, देवरी थाना प्रभारी सोनू साहू, जमुआ थाना प्रभारी मणिकांत, धनवार थाना प्रभारी नंदू पाल, हीरोडीह थाना प्रभारी धर्मेंद्र कुमार की तीन डीएसपी के नेतृत्व में अलग अलग टीम बनायी गई।सभी छह टीम को पुलिस बल के साथ युवक को सकुशल बरामद करने और अपराधियों को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया गया। इसके अलावा एसपी ने अपने क्यूआरटी को भी क्षेत्र में भेजा और पूरे मामले की मॉनिटरिंग शुरू की।
बताया जाता है कि एसपी की टीम पूरे मामले की तफ्तीश में जुट गई थी। इसी बीच अपराधियों के उस सहयोगी को खोज लिया गया जो फिरौती के लिए अपहृत के पिता को फोन कर रहा था।उसे हिरासत में लिया गया। इस बीच पता चला कि अपहरण करने के बाद युवक को मुफ्फसिल थाना इलाके के कुरुमडीहा के जंगल में रखा गया है।ऐसे में डेढ़ सौ जवानों के साथ पुलिस अधिकारियों ने जंगल की घेराबंदी की।अधिकारी और जवान जंगल के अंदर दाखिल हो गए।जंगल के हरेक कोना को खंगाला जाने लगा। इस बीच रात गुजर गई और उजाला हो गया।
इसी मारुति वैन से अपरहण हुआ था
इसी दौरान देवरी थानेदार सोनू और जमुआ थानेदार की नजर एक बाइक पर सवार दो संदिग्ध पर पड़ी।दोनों जिस बाइक पर सवार थे वह बाइक अपहृत का प्रतीत हुआ। ऐसे में दोनों थानेदार ने बाइक की तरफ मूव किया दोनों संदिग्ध बाइक समेत भगाने लगे।ऐसे में दोनों थानेदार ने भी दौड़ लगा दी।पुलिस के तेवर को देखकर दोनों संदिग्ध बाइक छोड़कर भाग निकले। पुलिस ने बाइक को जब्त किया तो यह साफ हो गया कि बाइक अपहृत पंकज की ही है।
दोनों संदिग्ध के भागने के बाद यह साफ हो गया कि दोनों पुलिस की रेकी कर रहे थे। ऐसे में कुरुमडीहा के अलावा पेशम के इलाके की तरफ भी पुलिस पदाधिकारी के साथ लगभग डेढ़ सौ जवानों को भेजा गया। पूरे इलाके को सील करते हुए पूरे जिला में एक साथ वाहनों की जांच शुरू कर दी गई। ऐसे में अपराधियों को लगा कि लोग पकड़े जायेंगे।अब अपराधियों के पास जान बचाकर भागने के अलावा कुछ दूसरा रास्ता नहीं बचा था। ऐसे में सुबह करीब 10 बजे बिरनी थाना क्षेत्र के पेशम में अपहृत को छोड़कर अपराधी भाग निकले।
एसपी के नेतृत्व गिरिडीह पुलिस ने 12 घंटे की कड़ी मेहनत कर न सिर्फ अपहृत पंकज को सकुशल बरामद कर लिया बल्कि जिस ओमनी वाहन से घटना को अंजाम दिया उसे भी जब्त कर लिया।कहा जाए तो पुलिस की सक्रियता से न सिर्फ अपराधियों की योजना असफल हो गई।बल्कि युवक को सकुशल बरामद कर लिया गया।
इधर एसपी दीपक कुमार शर्मा ने बताया कि गुरुवार की रात ग्रामीण चिकित्सक के पुत्र पंकज दास का अपहरण हुआ था। अपहरण फिरौती के लिए किया गया था लेकिन सूचना मिलते ही गिरिडीह पुलिस की टीम ने तुरंत ही कार्रवाई की और बगैर फिरौती दिए ही युवक को बरामद कर लिया गया।इस घटना को अंजाम देने वाले सभी अपराधियों की पहचान कर ली गई है। सभी को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।