Jharkhand:पूर्व महाधिवक्ता अजित कुमार अब करेंगे पूर्व विधायक योगेंद्र साव के केस की बहस,कभी योगेंद्र साव के जमानत का विरोध करते थे पूर्व महाधिवक्ता अजित कुमार,अब उसी केस में जमानत के लिए बने पैरवीकार
राँची।झारखण्ड के पूर्व महाधिवक्ता अजित कुमार अब करेंगे पूर्व विधायक योगेंद्र साव के केस की बहस। कभी अजित कुमार इसी केस में सरकार की ओर से बहस करते थे, जब वे महाधिवक्ता थे।आम तौर पर न्यायिक सेवा में यह माना जाता है कि जो वकील या जज किसी एक पक्ष से पैरवी कर चुके हैं उसी केस में दूसरे पक्ष से अधिवक्ता पैरवी नही करते या जज बन जाने के बाद उस केस की सुनवाई से जज खुद को अलग हो जाते हैं। ऐसा आए दिन सुप्रीम कोर्ट-हाईकोर्ट में देखने-सुनने में आता रहता है।
क्या है मामला
राज्य के पूर्व महाधिवक्ता अजित कुमार राज्य सरकार की तरफ से योगेंद्र साव के खिलाफ बड़कागांव थाना कांड संख्या 228/16 जिसमें चार लोगों की मौत हुई थी, उस केस में जमानत का विरोध करते थे।क्योकि वे तत्कालीन सरकार के महाधिवक्ता थे। लेकिन सरकार बदलने के बाद पूर्व महाधिवक्ता अजित कुमार, योगेंद्र साव के तरफ से जमानत के लिए पैरवी कर रहे है,जिस मामले (बड़कागांव थाना कांड संख्या 228/16) में कभी जमानत का विरोध करते थे। योगेंद्र साव का सुप्रीम कोर्ट से दो बार जमानत रद्द होने के बाद हाईकोर्ट के जस्टिस रंगोंन मुख्खोपध्याय की अदालत में जमानत की सुनवाई चल रही है। 25 सितंबर को सुनवाई में पूर्व महाधिवक्ता अजित कुमार भी शामील हुए थे।जिसमें कोर्ट द्वारा लोवर कोर्ट से योगेंद्र साव के ट्रायल का स्टेटस रिपोर्ट मांग किया गया है।
अब उठ रहा है सवाल क्या सुप्रीम कोर्ट के शर्त का उल्लंघन कर हाईकोर्ट पहुंचे योगेंद्र साव ?
कहा जा रहा है कि कोर्ट ने इस केस में योगेंद्र साव-निर्मला देवी और उनके पुत्र अंकित राज इस शर्त पर जमानत दी थी कि बड़कागांव कांड संख्या 228/16 से जुड़े गवाह और संबंधित किसी व्यक्ति को प्रभावित नही करेंगे। लेकिन इस मामले में सीधे जमानत का विरोध करने वाले पूर्व महाधिवक्ता अजित कुमार को ही अपना पैरवीकार बनाकर जमानत के लिए हाईकोर्ट पहुंच गए हैं। चर्चा है कि योगेंद्र साव की बेटी अम्बा प्रसाद विधायक है और सत्ताधारी दल में शामिल हैं और उनके पुत्र अंकित राज और पूर्व विधायक निर्मला देवी बाहर हैं। उन लोगों द्वारा प्रभाव का इस्तेमाल कर अजित कुमार को जमानत की पैरवी के लिए राजी किया गया है।