आयकर छापेमारी:साहू ग्रुप ऑफ कंपनीज के दस्तावेजों की जांच में बड़ा हेरफेर,शराब बिक्री से आने वाले कैश का बड़ा हिस्सा नहीं होता था कंपनी के एकाउंट में जमा
–आयकर की टीम सेल एकाउंट और बैंक एकाउंट का खंगाल रही है डिटेल्स, टैक्स चोरी का बड़ा मामला आ रहा है सामने, एसेस्मेंट के बाद लग सकता है बड़ा पेनाल्टी
राँची।कांग्रेस सांसद धीरज साहू के ठिकानों पर आयकर की टीम ने छह दिसंबर को छापेमारी की थी। इस छापेमारी में आयकर की टीम ने ओडिशा के अलग अलग ठिकानों से 354 करोड़ रुपए नगद जब्त किए थे। जिनकी गिनती पूरी हो चुकी है। अब साहू ग्रुप अॉफ कंपनीज के बैंक एकाउंट और सेल एकाउंट को आयकर विभाग की टीम खंगाल रही है। आयकर की टीम को यह जानकारी मिली है कि दोनों एकाउंट में बड़ी हेराफेरी हुई है। आयकर सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शराब की बिक्री से आए कैश को कंपनी के बैंक एकाउंट में जमा नहीं कराया जा रहा था। नगद आने वाली बड़ी राशि को जमा किया जा रहा था। जो आयकर के छापेमारी में ओडिशा में मिले। कंपनी के एकाउंट में इसलिए जमा नहीं किया जा रहा था ताकि कर की चोरी की जा सके। अब आयकर की टीम इस बात का एसेस्मेंट कर रही है कि कितनी राशि की कर चोरी की गई। इधर नौवें दिन भी आयकर की छापेमारी जारी रही। राँची स्थिति रेडियम रोड आवास में आयकर की टीम ने गुरुवार को भी दस्तावेजों को खंगाला।
विगत पांच वर्षों के ट्रांजेक्शन का डिटेल्स खंगाल रही है आईटी टीम
साहू ग्रुप अॉफ कंपनीज के विगत पांच वर्षों के ट्रांजेक्शन का डिटेल्स आयकर की टीम खंगाल रही है। अबतक जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार साहू समूह की कंपनियों पर बड़ा पेनाल्टी आयकर लगा सकती है। क्योंकि अबतक जो छापेमारी में 354 करोड़ रुपए नगद मिले है उसके भी आय का स्रोत और इतनी बड़ी राशि क्यों जमा कर रखी गई थी इसका जवाब आयकर को नहीं मिला है। डिटेल्स खंगालने के लिए 20 से अधिक एक्सपर्ट को लगाया गया है। अबतक आयकर की टीम ने नगद के अलावा, बड़ी मात्रा में जेवरात, फिक्स्ड डिपॉजिट और शेयर के कागजात भी बरामद किए है। उनका भी आकलन आयकर की टीम कर रही है।
आय को स्रोत नहीं बताया तो बन सकता है मनी लाउंड्रिंग का मामला हो सकती है ईडी की इंट्री
आयकर की टीम ने साहू ग्रुप के अलग अलग ठिकानों से अबतक 354 करोड़ रुपए नगद जब्त किए है। आयकर ने साहू ग्रुप से इस नगदी के संबंध में जानकारी मांगी है। अब अगर संतोषजनक जवाब देने में कंपनी विफल होती है तो नकदी को मनी लाउंड्रिंग रोकथाम कानून के तहत काला धन माना जाएगा। इस मामले में ईडी की भी इंट्री हो सकती है।