Ranchi:ऑरिजिनल सर्टिफिकेट चोरी करने के मामले में चुटिया थाना में मामला दर्ज,सर्टिफिकेट चोरी कर एक केस मामले में आरोपी द्वारा समझौता कराने का दबाब बनाया जा रहा है।
पहले एक युवक को सुसाइड करने पर मजबूर किया,अब रिसर्च स्कॉलर के सर्टिफिकेट जो चुराए थे वह नहीं दे रहे है आरोपी, कह रहा है पहले सुसाइड करने वाले के परिवार से कराओ समझौता तब देंगे सारा ओरिजनल सर्टिफिकेट, प्राथमिकी दर्ज
24 जून को चुटिया के राजनगर में किराए के घर में रहने वाले मुकेश नाम के युवक ने अपने दुकान मालिक के प्रताड़ना की वजह से वीडियो बना कर ली थी खुदकुशी, उसी दिन दुकान संचालक के लोगो ने रिसर्च स्कॉलर पंकज के चुरा लिए थे सभी ऑरिजनल सर्टिफिकेट
रिसर्च स्कॉलर पंकज को 10 अक्टूबर तक डा श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय राँची और दो नवंबर तक बिहार यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर करना है आवेदन, सर्टिफिकेट नहीं होने की वजह से आ रही है परेशानी
राँची। 24 जून 2020 को चुटिया थाना क्षेत्र का राजनगर में किराए के घर में रहने वाला एक 23 साल का युवक मुकेश कुमार जो एक प्लाइवुड की दुकान में काम करता था अपने दुकान मालिक सुबोध शर्मा के झूठे आरोप की उसने 10 लाख का गबन किया है इस प्रताड़ना से तंग आकर खुदकुशी कर ली थी। खुदकुशी करने से पहले 24 जून को दिन में सुबोध शर्मा ने अपने लोगो को मुकेश के घर में भेजा था कि उसे उठा कर लाए। मुकेश को उठाने आए उन लोगो ने उसे तो साथ ले ही गए, उसके सामने रहने वाले एक रिसर्च स्कॉलर युवक पंकज कुमार के सारे ऑरिजनल सर्टिफिकेट भी चुरा कर ले गए थे। जिसमें पंकज के मैट्रिक से लेकर पीएचडी तक के सर्टिफिकेट, उसके सेमिनार के सर्टिफिकेट आदि थे। अपने सर्टिफिकेट वापस करने के लिए पंकज ने आरोपियों से कई बार संपर्क किए। लेकिन उन लोगो ने उसे कहा कि वे तब सर्टिफिकेट वापस करेंगे जब वह इस मामले में मुकेश के घर वालों से उनका समझौता कराएगा। अब ऑरिजनल सर्टिफिकेट नहीं होने की वजह से पंकज का कैरियर पूरी तरह से दाव पर लग गया है। पंकज ने इसके लिए कई बार पुलिस के वरीय पदाधिकारियों से मुलाकात की। लेकिन पुलिस ने भी इस मामले में कोई मदद नहीं की। पुलिस ने पंकज को सलाह दिया कि वह उनके विरुद्ध अपने सर्टिफिकेट चोरी करने का एक एफआईआर दर्ज करा दे। इसके बाद पंकज जब सब तरह से थक हार गए तो उन्होंने चुटिया थाना में पांच अक्टूबर को आरोपी सुबोध शर्मा, कृष्णा शर्मा, पियूष टंडन और कमांडो के विरुद्ध अपने ओरिजनल सर्टिफिकेट चोरी होने की प्राथमिकी दर्ज कराई है।
पंकज का यही था कसूर की वह मुकेश के कमरे के सामने रहता था
पंकज ने बताया कि वह मूल रूप से गया का रहने वाला है। 24 जून को सुसाइड करने वाले मुुकेश का वह पड़ोसी ही नही था उससे काफी अच्छी पहचान भी थी। सुसाइड वाली घटना से पहले 10 जून को पंकज अपने गांव गया चला गया था, क्योंकि उसके एक रिश्तेदार को कैंसर हो गया था। 24 जून की रात जब मुकेश के सुसाइड की खबर पंकज को मिली तो उसे यह भी जानकारी मिली कि आरोपी सुबोध शर्मा जिसकी प्रताड़ना की वजह से मुकेश ने फांसी लगाई थी उसके लोगो ने उसके सारे सर्टिफिकेट भी अपने साथ ले गए है। इसके बाद पंकज परेशान हो गया। अपने रिश्तेदार का इलाज कराने के बाद वह रांची तो आ गया, लेकिन अपने सर्टिफिकेट के लिए परेशान रहा। पंकज पर पूरे परिवार की जिम्मेदारी है। इसलिए वह रांची में रहकर तैयारी कर रहा था। अब सर्टिफिकेट के नहीं मिलने से उसे लग रहा है कि उसकी परेशानी बढ़ जाएगी। कुछ सर्टिफिकेट तो डुप्लीकेट निकल जाएंगे। लेकिन कई ऐसे सर्टिफिकेट भी है जिनके डुप्लीकेट नहीं निकल सकते।
आरोपी सुबोध शर्मा को भी नहीं पकड़ सकी थी पुलिस
मुकेश के सुसाइड के बाद उसका एक वीडियो वायरल हुआ था, जो उसने सुसाइड के कुछ देर पहले बनाया था। मुकेश ने उसमें आरोप लगाया था कि उसके दुकान संचालक सुबोध शर्मा ने उसपर 10 लाख रुपए गबन का झूठा आरोप लगाया था। तीन लाख रुपए देने के लिए वह दबाव बना रहा था। 24 जून को उसके लोग उसे घर से उठा कर ले गए थे। उसके साथ जमकर मारपीट किए थे। फिर कहा था कि शाम तक पैसे नहीं दिए तो अंजाम बुरा होगा। इसके बाद मुकेश घर आकर पंकज के ही कमरे में गया था और उसने फांसी लगा ली थी। घटना के बाद आरोपी दुकान संचालक सुबोध शर्मा फरार हो गया था। उसे चुटिया पुलिस पकड़ तक नहीं सकी थी। इसके बाद कोर्ट से उसकी गिरफ्तारी पर रोक लग गई थी। इस मामले में आज भी पीड़ित परिवार इंसाफ के लिए लड़ रहा है।