झारखण्ड में महिला पुलिसकर्मियों को मिलेगा बराबरी का हक, चालक-सार्जेंट पद पर भी होगी तैनाती,दो दिवसीय महिला पुलिस कांफ्रेंस सम्पन्न…

 

राँची।झारखण्ड पुलिस के पहले महिला पुलिस कॉन्फ्रेंस का समापन हो गया है।इस दौरान मुख्यमंत्री और डीजीपी ने यह आश्वासन दिया है कि पुलिस में महिलाओं को बराबर की भागीदारी मिलेगी। जल्द ही राज्य में थानों में महिला ड्राइवर और महिला मुंशी भी दिखाई देंगी।दो दिनों तक हुए महिला पुलिस कॉन्फ्रेंस में महिला पुलिस कर्मियों ने अपनी दर्जनों समस्याएं सामने रखी।जिसमें वीकली ऑफ, आठ से रात आठ बजे तक ड्यूटी तय करना, शौचालय की व्यस्था, जिला ट्रांसफर होने पर स्कूल कॉलेज में नामांकन की सुविधा, महिला पुलिसकर्मियों के लिए अलग से ट्रांसफर पोस्टिंग पॉलिसी बनाने, प्रत्येक जिला में महिलाओं को महिला थाना के अलावा सामान्य थाना में भी थाना प्रभारी के रूप में पदस्तापित करने, इसके लिए प्रत्येक जिला में अनुपात निश्चित करना, थानों में महिला पुलिस पदाधिकारी, महिला मुंशी और महिला चालक की तैनाती करने, काम और निजी जीवन में बैलेंस बढ़ाने के लिए ट्रेनिंग कराने, महिला प्रशिक्षण केंद्रों की संख्या बढ़ाने, साथ-साथ महिला पुलिसकर्मियों के मामलों की सुनवाई के लिए विशेष कमेटी बनाने जैसी मांग शामिल रही। वहीं कॉन्फ्रेंस में महिला पुलिसकर्मियों ने मांग की है कि उनकी ट्रेनिंग को टेक्निकल बनाया जाए, साथ ही उन्हें कमांडो ट्रेनिंग भी दी जाए।

महिला पुलिस कांफ्रेंस के समापन में पहुंचे राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बड़े ही संजीदगी के साथ महिला पुलिसकर्मियों के द्वारा जो समस्याएं बताई गई उसे सुना। मुख्यमंत्री के अनुसार हर हाल में महिलाओं को पुलिस में आगे लाना जरूरी है।वे चाहते हैं कि महिला पुलिसकर्मियों की संख्या राज्य में 50% तक हो। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि महिला पुलिस की समस्याओं पर सरकार और विभाग गंभीर है। महिलाएं सिर्फ पुलिस विभाग ही नहीं बल्कि हर क्षेत्र में समान काम करने की क्षमता रखती हैं। कुछ जगहों पर गैप है उसे पाटने की जरूरत है।मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला पुलिस कर्मियों की कई तरह की समस्याएं हैं उसे भी दूर किया जाएगा।

वहीं डीजीपी अनुराग गुप्ता ने इस मौके पर कहा कि पुलिस विभाग पुरुष प्रधान है, इस मिथ्या को तोड़ने का प्रयास करेंगे।उसे लेकर ही महिला कंप्यूटर ऑपरेटर और थाने की मुंशी में महिलाओं को प्रतिनयुक्त की जा रही है।महिला पुलिस कर्मियों के ट्रांसफर/ प्रमोशन/ पति -पत्नी की पोस्टिंग एक साथ हो, साथ ही वही वैसी महिला पुलिसकर्मी जिसकी सर्विस 02 वर्ष बच गई है।उन्हें गृह जिला में प्राथमिकता में प्रतिनियुक्ति दी जाएगी। वही सेक्सुअल ह्रासमेंट पर पुलिस महकमा गंभीर है और इस तरह के मामले में कड़ी से कड़ी सजा दिलाने का काम करेंगे।