झारखण्ड:ग्रामीण विकास विभाग में कोड वर्ड में चलता था कमीशन का खेल….एच, एम, एस, टीसी, सीइ का मतलब …..

 

राँची।झारखण्ड सरकार के ग्रामीण विकास विभाग में हुई कमीशनखोरी मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को मंत्री, आप्त सचिव के बाद अब किसी मनीष की तलाश है।ईडी को संजीव लाल और जहांगीर आलम के घर से करोड़ों रुपयों के साथ कमीशन की पैसों के बंटवारे और उसके हिस्सेदारों का ब्योरा भी मिला है।इस ब्योरे में कमीशन की रकम में हिस्सा लेनेवालों के नाम के बदले कोड वर्ड का इस्तेमाल किया है। हिस्सेदारों के लिए एच (ऑनरेबल मिनिस्टर), एम (मनीष), एस (संजीव लाल), टीसी (टेंडर कमेटी), सीइ (चीफ इंजीनियर) जैसे कोड वर्ड का इस्तेमाल किया गया है।ईडी ने जांच में मिले इन तथ्यों से संबंधित कुछ सबूत बतौर नमूना पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश की अदालत में पेश किया है।

कमीशनखोरी व मनी लाउंडरिंग के आरोप में गिरफ्तार संजीव लाल और जहांगीर आलम के रिमांड की अवधि 21 मई को समाप्त हो गयी। इस कारण प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को दोनों अभियुक्तों को पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश के आवासीय कार्यालय में पेश किया। इसके बाद दोनों अभियुक्तों को राँची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा जेल भेज दिया गया।ईडी ने अभियुक्तों को पेश करते वक्त न्यायालय को जांच में मिले तथ्यों की भी जानकारी दी। साथ ही इससे संबंधित कुछ सबूत भी पेश किया। ईडी की ओर से संजीव लाल के घर से एक्सेल शीट मिला है।इस एक्सेल शीट में योजना का नाम, ठेकेदार का नाम, टेंडर की कुल राशि, कुल कमीशन और इसमें मंत्री की हिस्सेदारी का विस्तृत ब्योरा दर्ज है।


इस शीट के क्रमांक 75 पर बोकारो प्रमंडल के भस्की पंचायत के जोरिया गांव में तालाब से जुड़ी योजना का नाम है। 282.177 लाख रुपये का यह काम अशरफ कंस्ट्रक्शन को मिला है।टेंडर की राशि में कुल कमीशन 8.40 लाख रुपये होने का उल्लेख है।

एक्सेल शीट के पहले पेज पर मंत्री का कमीशन 2.73 करोड़ रुपए

एक्सेल शीट के इस पहले पन्ने पर मंत्री का कुल कमीशन 2.73 करोड़ रुपये दर्ज है।ईडी द्वारा इससे पहले कोर्ट को यह जानकारी दी जा चुकी है कि बीरेंद्र राम ने मंत्री आलमगीर आलम को तीन करोड़ रुपये बतौर कमीशन देने की बात स्वीकार की थी।

संजीव लाल के घर से एक्सेल शीट मिला है, इसमें योजना, ठेकेदार का नाम, टेंडर की कुल राशि, कमीशन और मंत्री की हिस्सेदारी का ब्योरा दर्ज है।
कमीशनखोरी और उसके बंटवारे से संबंधित पेज कोर्ट में पेश
ईडी ने कोर्ट में कमीशनखोरी और बंटवारे से संबंधित दो और पेज कोर्ट में पेश किया है।इसमें से एक पेज में सबसे ऊपर एलओए 1970.05 करोड़ रुपये लिखा है। जांच में पता चला कि एलओए का अर्थ लेटर ऑफ अलॉटमेंट है. इसके क्यूईडी और डीटी शब्द लिखा है. इसके बाद राशि का उल्लेख किया गया है।

कोड वर्ड का पता लगाने में जुटे हैं ईडी के अधिकारी

इन दोनों कोड वर्ड का पता लगाने की कोशिश की जा रही है।इस पन्ने पर एम यानी मनीष का 4.22 और एच एम (ऑनरेबल मिनिस्टर) के आगे 7.30 लिखा है. ईडी को इस बात का अनुमान है कि मनीष नामक किसी व्यक्ति का कमीशन 4.22 करोड़ और मंत्री का 7.30 करोड़ रुपये है।

विभाग में हर स्तर के अधिकारी का तय था कमीशन

इसी पेज में किसी उमेश के नाम के आगे 1.75 करोड़ रुपये और कमेटी यानी टेंडर कमेटी के आगे 27.5 लाख रुपये लिखा हुआ है। इससे यह पता चलता है कि विभाग में हर स्तर के अधिकारियों का कमीशन तय था और उसका बंटवारा भी उसी के अनुरूप किया जाता है।इसी पेज में ऑफिस के आगे 3.465 करोड़ लिखा है। ईडी का अनुमान है यह कार्यालय के अन्य लोगों के बीच बंटे कमीशन का ब्योरा है।

तीसरे पन्ने में विभागवार कमीशन का लिखा है हिसाब

ईडी की ओर से कोर्ट में पेश किये गये तीसरे पन्ने में विभागवार कमीशन का हिसाब लिखा हुआ है। इसी में संजीव लाल ने अपनी हिस्सेदारी के लिए अपना शब्द का इस्तेमाल किया है। इस पन्ने में एसपीएल यानी स्पेशल डिवीजन के आगे 52 और तिथि 25-9-2023 लिखा है।ईडी को इस बात का अनुमान है कि स्पेशल डिवीजन के माध्यम से लागू योजनाओं में कमीशन की यह राशि मिली है।इसी तरह आरइओ ( रुरल इंजीनियरिंग ऑर्गनाइजेशन) से 30 सितंबर 2023 को रुपये मिलने का उल्लेख किया गया है। हालांकि 49.35 के आगे लाख या करोड़ नहीं लिखा है। इसी तरह तीसरे पन्ने में अपने लिए यानी संजीव लाल के लिए दो जगह कमीशन में हिस्सेदारी का उल्लेख है।एक जगह 40 और दूसरी जगह 25 का उल्लेख किया गया है। इसी पन्ने के अंत में राजीव जी से 30 और 60 मिलने का उल्लेख है. राजीव जी का अर्थ ठेकेदार राजीव सिंह से है।जहांगीर के घर से मिले 32.20 करोड़ रुपये में से 10 करोड़ रुपये राजीव के माध्यम से ही पहुंचे थे।दस्तावेज में लिखे अन्य कोड वर्ड का पता लगाने की काम जारी है।