गिरिडीह में पुलिस पर चालक की हत्या का आरोप…पैसे न देने पर चालक की पिटाई,ग्रामीणों का थाना के सामने प्रदर्शन
गिरिडीह।झारखण्ड के गिरिडीह जिले के ताराटांड़ थाना क्षेत्र में ताराटांड़ जंगल में बोरिंग गाड़ी चालक की मंगलवार देर रात हत्या कर दी गई है। परिजनों ने हत्या का आरोप ताराटांड़ थाना की पुलिस गश्ती दल पर लगाया है। शव के पेट पर पिटाई के निशान है। इधर, आक्रोशित परिजन और ग्रामीणों ने थाना के सामने शव रख प्रदर्शन किया।
मृतक की पहचान नावाटांड़ निवासी 42 वर्षीय संजय दास के रूप में की गई। वो बोरिंग गाड़ी के ड्राइवर था। मृतक के परिजन बालेश्वर रविदास ने बताया कि मंगलवार की देर रात संजय गिरिडीह में कहीं बोरिंग करने जा रहा था।वह रात लगभग 10 बजे ताराटांड़ जंगल पहुंचा तो वहां उसे ताराटांड़ पुलिस की गश्ती दल ने रोक लिया और पैसों की मांग की। पैसे नहीं देने पर उन्होंने संजय की बेरहमी से पिटाई कर दी और बाद में बेहोश हो जाने पर बोरिंग गाड़ी में लिखे नंबर पर संपर्क कर गाड़ी के मालिक को इसके बारे में जानकारी दी।
बालेश्वर रविदास के अनुसार, बोरिंग गाड़ी में संजय के साथ एक अन्य सहयोगी भी था। पुलिस ने उसकी भी पिटाई की, पर वह किसी तरह जान बचा कर भाग निकला। इधर, बोरिंग गाड़ी के मालिक मौके पर पहुंचे और घायल संजय को अस्पताल ले आए। यहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
बालेश्वर रविदास ने बताया कि ताराटांड़ पुलिस की पेट्रोलिंग पार्टी द्वारा लगातार अवैध वसूली की जाती है। यही वसूली में पैसे नहीं दिए जाने के कारण संजय को मार दिया गया है।
इधर सदर डीएसपी जितवाहन ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। जो आरोप लगा है, वो कितना सही है। इस पर बगैर जांच के कुछ भी बोलना उचित नहीं। मौत कैसे हुई, ये पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद स्पष्ट कहा जा सकता है। पूरे मामले की जांच के बाद ही सच का पता चलेगा।
इधर भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि गांडेय विधानसभा क्षेत्र के ताराटांड थाना अंतर्गत गश्ती पुलिस दल द्वारा बोरिंग गाड़ी के चालक संजय दास की बेरहमी से पिटाई किए जाने के कारण उनकी मृत्यु हो गई, जो अत्यंत दुखद और निंदनीय है।पुलिस द्वारा आम नागरिकों पर इस प्रकार का बर्बर बल प्रयोग कानून का दुरुपयोग है। इससे पूर्व भी पुलिसिया अत्याचार के कारण ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं।गिरिडीह पुलिस संबंधित गश्ती दल के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में हत्या का मामला दर्ज कर कठोर कार्रवाई करें, ताकि कानून के रक्षक को भक्षक बनने से रोका जा सके।गिरिडीह डीसी पीड़ित परिजनों को उचित मुआवजा उपलब्ध कराएं।