अवैध घुसपैठियों का खुलेगा राज:ईडी की रिमांड पर गिरफ्तार दो बांग्लादेशी सहित चार आरोपी…कोर्ट से पांच दिनों का मिला रिमांड…
राँची।झारखण्ड में प्रवर्तन निदेशालय की जोनल ऑफिस राँची के टीम द्वारा बंगाल से गिरफ्तार किए गए दो बांग्लादेशी नागरिकों सहित चार लोगों से अगले पांच दिनों तक पूछताछ करेगी। ईडी की विशेष अदालत ने चारों आरोपियों से पूछताछ के लिए रिमांड को मंजूर कर लिया है। रिमांड की अवधि पांच दिनों के लिए मंजूर किया गया है।बता दे कि बांग्लादेशी घुसपैठियों को बॉर्डर पार करके और फर्जी नागरिकता के कागजात तैयार करा कर भारत मे लाने की साजिश मामले में गिरफ्तार रॉनी मंडल (बांग्लादेशी नागरिक) उम्र लगभग 47 वर्ष, संदीप चौधुरी (बांग्लादेशी नागरिक) उम्र लगभग 40 वर्ष, पिंटू हल्दर उम्र लगभग 40 वर्ष और पिंकी बसु मुखर्जी उम्र 41 वर्ष को 14 नवंबर को ईडी की विशेष अदालत में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया था।चारों आरोपियों को अदालत में पेश करने के बाद ईडी ने आरोपियों से पूछताछ के लिए 7 दिनों का रिमांड मांगी थी। हालांकि अदालत ने पांच दिनों का रिमांड मुकर्रर किया है।
बांग्लादेशी घुसपैठ केस में ईडी की जांच में कई चौकाने वाले खुलासे हुए हैं।ईडी ने अपनी जांच में 42 से अधिक बांग्लादेशियों को चिन्हित किया है, जो बंगाल में फर्जी पहचान बनाकर रह रहे और बांग्लादेशियों से लगातार संपर्क में थे।ईडी ने कोर्ट को यह जानकारी दी है की सभी आरोपी लगातार देह व्यापार और भारत विरोधी गतिविधियों के लिए अवैध तरीके से बांग्लादेश की सीमा पार करा घुसपैठियों के लिए आधार कार्ड और पासपोर्ट तब बनवाते थे।
ईडी ने कोर्ट को बताया है की गिरफ्तार बांग्लादेशी नागरिक रॉनी मंडल और संदीप चौधरी साल 2019 से बंगाल के नॉर्थ 24 परगना में रह रहे थे।रॉनी ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अपना भारतीय पासपोर्ट भी बनवा रखा था।ईडी ने कोर्ट को बताया है कि रॉनी के मोबाइल 9007934310 की सीडीआर से खुलासा हुआ है कि 42 बांग्लादेशी नागरिकों के मोबाइल से लगातार रॉनी की बातचीत हुई है।इसमें से कई नंबर धारियों से मनीषा राय नाम की महिला ने भी बात की थी, जो लड़कियों को देह व्यापार में उतारने वाली गिरोह से जुड़ी है। गिरफ्तार पिंटू हलधर के मोबाइल की सीडीआर में भी बांग्लादेशी नागरिकों से लगातार बातचीत की पुष्टि हुई है, वहीं पिंटू व मनीषा भी लगातार बांग्लादेशी नागरिकों के संपर्क में रहे हैं।
12 नवंबर को ईडी के रँची यूनिट की छापेमारी के क्रम में रॉनी के पास से दो पासपोर्ट के साथ साथ अवैध हथियार और पांच लाख रुपये मिले थे।ईडी को भारत सरकार के द्वारा जारी एक शोकॉज नोटिस भी रॉनी के पास से मिला था। रॉनी बांग्लादेशी पासपोर्ट पर भारत आया था, लेकिन बाद में उसने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भारतीय पासपोर्ट बनवा लिया।फर्जी दस्तावेजों के जरिए भारतीय नागरिकता की आड़ में वह बांग्लादेशी घुसपैठ कराता था, इसके बाद घुसपैठियों को अवैध धंधे में लगाया जाता था।
ईडी ने अपने रिमांड पीटिशन में बताया है कि 31 मई 2024 की रात निपा अख्तर खुशी और झुमा को काम दिलाने के नाम पर बांग्लादेश से जंगल वन के रास्ते भारत भेजा गया था।कोलकाता लाए जाने के बाद मनीषा राय नाम की महिला ने उनकी मदद की। इसके बाद कार से उसे राँची के बाली रिसॉर्ट भेजा गया। यहां चार बांग्लादेशी लड़कियों निपा अख्तर, हासी अख्तर उर्फ हासी विश्वास, झुमा और परवीन को एक ही कमरे में रखा गया था। सभी से देह व्यापार कराने के लिए यहां लगाया गया था, लेकिन जब निपा को भनक लगी तो वह भाग कर 3 जून की रात पुलिस के समक्ष चली गई।इसके बाद पुलिस ने छापेमारी की।
छापेमारी के बाद चार जून को राँची के बरियातू थाने में केस दर्ज किया गया था।ईडी ने इसी केस के आधार पर ईसीआईआर दर्ज कर जांच शुरू की।ईडी ने बताया है कि बॉली रिसार्ट में मनीषा राय के नाम पर कमरा बुक किया गया था।जांच के क्रम में बांग्लादेशी युवतियों के नाम पर बनाए गए फर्जी आधार कार्ड बरामद किए गए थे। जांच के क्रम में ईडी ने पाया कि गिरफ्तार पिंकी बसु मुखर्जी ने अपने नाम पर जारी सिम बांग्लादेशी झुमा, मिम, लीजा चौधरी, नेता मांझी को दिए थे।एक सिम पिंटू हलधर के नाम पर भी जारी हुआ था।
जांच के क्रम में ईडी ने पिंकी बसु मुखर्जी के मोबाइल नंबर का सीडीआर निकाला।इसके बाद खुलासा हुआ कि पिंकी बांग्लादेश के जनातुल मोउ, बेलाल पाकेज, पोलास वाइ, मुसकुर, मो असगर अली, अल अमीन पोतखल, अरमान मिंयाजी के संपर्क में थी। बांग्लादेशी नेक्सस के जरिए वह लड़कियों को भारत में प्रवेश कराया जाता था।इसके बाद पिंकी मनीषा राय के जरिए लड़कियों को बंगाल, झारखण्ड के अलग अलग शहरों में देह व्यापार के लिए भेजती थी।