हजारीबाग:पिता और भाई ने सुपारी देकर बेटा और बहू की हत्या करायी थी,आधा दर्जन गिरफ्तार…

हजारीबाग।झारखण्ड के हजारीबाग जिले के इचाक थाना क्षेत्र के परासी स्थित इचाक बाजार में संचालित दिल्ली कोचिंग सेंटर के संचालक दंपती राहुल और उसकी पत्नी पूजा की हत्या पिता और भाई ने ही सुपारी देकर करायी थी।खबर के अनुसार राहुल के पिता ईश्वर मेहता और भाई बबलू कुमार ने अपराधियों को छह लाख रुपये देकर दोनों की हत्या 15 जून की रात करायी थी।मृतक के पिता ने ही पूरी घटना की साजिश रची थी।उन्होंने बाहर के अपराधियों को सुपारी देकर अपने व्यवसाय स्थल इचाक बुलाया। पोस्ट ऑफिस रोड स्थित व्यासायिक भवन में दोनों की हत्या करा दी। घटना को अंजाम देने में छह लोग शामिल थे।दंपती की हत्या के मामले में इचाक पुलिस ने मृतक के पिता ईश्वर मेहता, भाई बबलू कुमार और एक चालक समेत पांच लोगों को हिरासत में लिया है।पुलिस इस मामले में आज खुलासा कर सकती है। पकड़े गये आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस अन्य अपराधियों की गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी कर रही है।घटना का मास्टरमाइंड भाई बबलू की निशानदेही पर इचाक पुलिस ने अब तक अपराध में संलिप्त पांच लोगों को हिरासत में लिया है।जबकि अन्य की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस छापामारी कर रही है।

कुरहा गांव निवासी राहुल कुमार अपनी पत्नी पूजा के साथ परासी स्थित अपने चाचा के हिस्से के कमरे में रहकर दिल्ली कोचिंग सेंटर चलाता था।उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से आये मृतका पूजा के पिता राममूरत यादव ने कहा कि राहुल को उसके पिता और भाई पैतृक संपत्ति से बेदखल कर दिया था।पैतृक संपत्ति को लेकर मृतक के पिता और भाई से विवाद चल रहा था।राहुल के परिवार के लोग शादी करने पर मेरी बेटी पूजा से तिलक दहेज की मांग की थी। राहुल द्वारा मना करने के कारण बाप-बेटा ने मिलकर मेरी बेटी व राहुल की हत्या कर दी। साक्ष्य छुपाने के उद्देश्य से ईश्वर महतो ने दो दिन पूर्व हसेल गांव से अपनी जमीन की घेराबंदी करने के नाम पर टेम्पो से श्मशान घाट तक लकड़ी लाया था।घटना को अंजाम देने के बाद उसी लकड़ी से अपना बेटा व बहु के शव को जला दिया।

पुलिस के मुताबिक बाहर से आये दो अपराधियों ने मृतक के भाई बबलू और पिता ईश्वर मेहता के साथ मिलकर पहले पूजा यादव के गले पर चाकू से वार कर उसकी हत्या की। इसके बाद राहुल को चाकू से गोद कर मार डाला। साक्ष्य छुपाने के लिए हत्या के बाद अपराधियों ने लहू लुहान शव को कपड़े से लपेट कर दोनों शव को परासी के करोंजा टोला श्मशान घाट में 15 जून की रात को ही जला दिया।