दरवाजा खुलते ही सन्न रह गए लोग….एक ही परिवार के चार लोगों ने की आत्महत्या !

 

सरायकेला।झारखण्ड के सरायकेला-खरसावां जिले के आदित्यपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत गम्हरिया के चित्रगुप्त नगर में चार मौतों से क्षेत्र में सनसनी फैल गई है।घटनाक्रम के अनुसार एक ही परिवार के चार सदस्यों ने घर में आत्महत्या कर ली, जिसमें पति-पत्नी समेत दो बेटियां शामिल हैं। मौके पर पहुंची पुलिस ने सभी शवों को कब्जे में ले लिया और घटना की जांच शुरू कर दी।

मिली जानकारी के अनुसार गम्हरिया चित्रगुप्त नगर निवासी कृष्ण कुमार ने पत्नी समेत दो नाबालिग बेटियों के साथ घर में आत्महत्या कर ली है।मृतक कृष्ण कुमार टाटा स्टील गम्हरिया में सीनियर ऑफिसर के पद पर कार्यरत थे। घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि पूरा परिवार 2 दिनों से घर में बंद था। कोई बाहर नहीं निकला रहा था। इस बीच, पिता समेत पड़ोसियों को एक अजीब सी दुर्गंध आ रही थी।जिसके बाद आदित्यपुर थाना को सूचना दी गई।

जहां शुक्रवार देर शाम आदित्यपुर थाना पुलिस मृतक कृष्ण कुमार के घर पहुंची तो दरवाजा अंदर से बंद पाया। पुलिस ने दरवाजा तोड़कर घर में प्रवेश किया तो देखा कि कृष्ण कुमार ने अपनी पत्नी समेत बेटियों के साथ आत्महत्या कर ली है।मृतकों में कृष्ण कुमार( 40) के अलावा पत्नी डॉली देवी (35) बड़ी बेटी पूजा (13) और छोटी बेटी मैया (4) शामिल हैं। सभी शवों को कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई की जा रही है।आज पोस्टमार्टम होगा।

इधर, घटना की जानकारी मिलने पर गम्हरिया सीओ अरविंद वेदिया भी मौके पर पहुंचे।इस दौरान जांच के क्रम में पता चला कि मृतक कृष्ण कुमार कैंसर से पीड़ित थे। जिसके चलते पूरा परिवार डिप्रेशन में चल रहा था। वहीं, मौके पर पहुंचे आदित्यपुर थाना प्रभारी विनोद तिर्की ने बताया कि एक परिवार के चार सदस्यों ने आत्महत्या की है। जिसकी जांच पुलिस द्वारा की जा रही है।

मामले में मृतक कृष्ण कुमार के पिता गोविंद तिवारी ने बताया कि कुछ दिन पहले कृष्ण कुमार को बुखार लगा था। इसके बाद जमशेदपुर टीएमएच अस्पताल में उनका इलाज शुरू हुआ। जहां जांच के दौरान पता चला कि वह कैंसर से पीड़ित है। जिसके बाद कृष्ण कैंसर के इलाज के लिए मुंबई टाटा मेमोरियल अस्पताल गया। वहां डॉक्टरों द्वारा कीमोथेरेपी देने की बात कही गई।

पिता ने आगे बताया कि मुंबई जाने के बाद कृष्ण कुमार से उनकी फोन पर बात हुई थी। जिसमें उसने बताया था कि टाटा मेहरबाई अस्पताल में भी कीमोथेरेपी से इलाज संभव है। इसलिए वह 19 मई को वापस लौट रहा है।यहां आने के बाद सबकुछ सामान्य चल रहा था। वह ऊपरी मंजिल पर अपनी पत्नी के साथ रहता था। जबकि कृष्ण कुमार अपने परिवार के साथ निचली मंजिल पर रहता था।गुरुवार शाम तक सब कुछ सही था, लेकिन शुक्रवार सुबह से सन्नाटा पसरा हुआ था। जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई।

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