पलामू जेल से दिनेश गोप को इलाज के लिए लाया गया रिम्स

 

राँची।पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप को इलाज के लिए पलामू जेल से रिम्स लाया गया। उल्लेखनीय है कि बीते दिनों दिनेश गोप को बेहतर इलाज के लिए हाईकोर्ट ने रिम्स में शिफ्ट करने का निर्देश दिया था। हाईकोर्ट ने सरकार को बेहतर इलाज के लिए रिम्स में शिफ्ट करने और राज्य सरकार को इसके लिए उठाए गए कदम की जानकारी देने का निर्देश दिया था।इस मामले में 27 मार्च को अगली सुनवाई होनी है।जिसके बाद मंगलवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दिनेश गोप रिम्स लाया गया।ट्रामा सेंटर में दिनेश गोप का इलाज होगा।

मंगलवार को कड़ी सुरक्षा में दिनेश गोप को पलामू सेंट्रल जेल से रिम्स में शिफ्ट किया गया है। दिनेश गोप को हाथ में समस्या थी और नक्सल दस्ते में शामिल रहने के दौरान गोली लगी थी।नक्सली संगठन में रहने के दौरान जिस हाथ में गोली लगी थी वहां समस्या होने लगी। दिनेश गोप को हाथ के इलाज के लिए रिम्स में भर्ती करवाया गया है।पलामू सेंट्रल जेल के प्रभारी जेलर आशीष कुमार ने बताया कि हाथ में समस्या को लेकर दिनेश गोप को रिम्स भेजा गया है।हाथ में फ्रैक्चर की जानकारी थी।इस दौरान कुछ न्यूरो से संबंधित मामला भी सामने आया।सबसे पहले दिनेश गोप के बेहतर इलाज के लिए रिम्स मेडिकल बोर्ड ने देवघर एम्स भेजने की अनुशंसा की थी।सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि न्यूरो सर्जन रिम्स में उपलब्ध हैं। इसलिए रिम्स में दिनेश गोप का बेहतर इलाज संभव है।

बता दें कि झारखण्ड पुलिस और एनआइए की संयुक्त टीम ने दिनेश गोप को नेपाल से मई 2023 में गिरफ्तार किया था। इसके बाद उसे राँची जेल भेज दिया गया था।पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप को बीते 16 सितम्बर 2024 राँची से पलामू जेल में शिफ्ट किया गया था।गोप राँची जेल में बंद रहकर भी वह कारोबारियों से लेवी मांगने का काम कर रहा था। जिसके बाद जेल प्रशासन ने उसे दूसरे जेल में शिफ्ट करने का निर्णय लिया था।

दिनेश गोप के खिलाफ झारखण्ड, बिहार और ओड़िशा में 102 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं

दिनेश गोप के खिलाफ झारखण्ड, बिहार और ओड़िशा में हत्या, अपहरण, धमकी, जबरन वसूली और पीएलएफआइ के लिए धन जुटाने से संबंधित 102 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं।झारखण्ड पुलिस द्वारा दिनेश गोप पर 25 लाख और एनआइए की ओर से पांच लाख… कुल 30 लाख इनाम घोषित था। एनआइए ने 22 मई 2023 को दिनेश गोप को कोर्ट में पेश किया था और 14 दिनों की रिमांड की मांग की थी।अदालत ने दिनेश गोप को आठ दिनों के रिमांड पर एनआइए को सौंपा था। पूछताछ के दौरान एनआइए ने दिनेश गोप की निशानदेही पर कई हथियार और गोलियां बरामद किये थे।

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