झारखण्ड के सीनियर अधिकारी के परिचित से साइबर ठगी,अधिकारी के आवाज में फोन करके इलाज के नाम पर दो लाख रुपये ठग लिए…

 

राँची।साइबर अपराधी हर दिन नए नए पैतरे अजमा कर किसी न किसी के खाते से पैसे उड़ा ले रहे है।लेकिन इस बार तो साइबर अपराधियों ने बड़ा दुःसाहस दिखाते हुए झारखण्ड के एक सीनियर अधिकारी की आवाज की कॉपी कर उनके रिश्तेदार से दो लाख की ठगी कर ली।बता दें मुरारी लाल मीणा झारखण्ड के सीनियर आईपीएस अधिकारी हैं। फिलहाल वे रेल डीजी के पद पर कार्यरत हैं, उनके तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार एक अज्ञात व्यक्ति के द्वारा उनके एक मित्र को एक उनकी आवाज में फोन करके इलाज के नाम पर दो लाख रुपये ठग लिए गए।उन्होंने बताया कि उनके एक परिचित को एक अनजान नंबर से फोन किया गया।फोन पर बात करने वाले शख्स की आवाज हूबहू उनसे मिलती हुई थी।उनकी आवाज सुन कर उनके परिचित को एक बार भी ऐसा नहीं लगा की फोन पर बात करने वाला कोई दूसरा नहीं है।

फोन करने वाले शख्स ने कहा कि घर मे कोई गंभीर रूप से बीमार है इसलिए वे उनके द्वारा बताए जा रहे बैंक खाते में तुरंत दो लाख रुपये आरटीजीएस कर दे।सीनियर अधिकारी के परिचित को लगा की वे उन्हें शायद मेडिकल इमरजेंसी है इसलिए उन्होंने तुरंत दो लाख रुपए आरटीजीएस कर दिए।लेकिन जब पीड़ित ने उनसे बात की तब उन्हें यह पता चला की पैसे तो उन्होंने मांगे ही नहीं हैं।फिलहाल मामले में साइबर सेल तफ्तीश कर रही है

साइबर अपराधियों के द्वारा जिस तरह से डीजी रेल की आवाज की कॉपी करके उनके करीबी से ठगी की गई है, उसे देखते हुए जानकर बताते हैं कि इसके लिए वॉइस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग किया गया है। इंटरनेशनल साइबर पीस कमेटी के अध्यक्ष विनीत कुमार ने बताया कि यह मामला वॉइस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़ा हुआ है। अगर किसी व्यक्ति के पास मात्र 3 सेकंड का आपका ऑडियो क्लिप हो तो आपकी आवाज की नकल तैयार की जा सकती है।