साहिबगंज पहुँची सीबीआई की टीम,पत्थर व्यवसायियों सहित कई पदाधिकारियों की उड़ी नींद…
साहिबगंज ।सीबीआई की टीम गुरुवार की सुबह साहिबगंज पूरी टीम के पहुँच गई है। वनांचल एक्सप्रेस से सीबीआई की टीम यहां पहुंची है।इसको लेकर उपायुक्त को पहले ही सूचना दी गयी है।सीबीआई यहां अवैध खनन और परिवहन मामले की जांच करेगी।इससे पहले उपायुक्त ने बुधवार की सुबह पुराना सर्किट हाउस के प्रथम फ्लोर पर चार कमरा को बुक कराने का आदेश दिया है।जिसको लेकर सर्किट हाउस के केयर टेकर के द्वारा साफ सफाई व एसी ठीक कराया गया।सीबीआई की टीम सुबह पहुंचने के साथ नींबू पहाड़ की जांच करने जा सकती है।इसके अलावा संबंधित लोगों से पूछताछ भी कर सकती है। सीबीआई के आने की खबर के बाद जिला में एक बार फिर हड़कंप मच गया है। क्योंकि इसको लेकर खनन करने वाले कारोबारियों और पदाधिकारी से पूछताछ की जा सकती है।
गौरतलब है कि बीते 18 अगस्त को झारखण्ड हाइकोर्ट ने साहेबगंज में अवैध खनन की जांच सीबीआई से कराने का आदेश दिया था। अदालत ने सीबीआई को पीई दर्ज कर एक महीने में प्रारंभिक जांच पूरी करने को कहा है।इसके बाद प्रारंभिक जांच में मिले तथ्यों के आलोक में आगे की कार्रवाई करने का आदेश दिया है।साथ ही विजय हांसदा द्वारा गलत दावा पेश कर याचिका वापस लेने की कार्रवाई की जांच का भी आदेश दिया है।न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी ने विजय हांसदा की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया. हांसदा ने झूठे दावों के सहारे अपनी याचिका वापस लेने की कोशिश की थी। अदालत ने 17 अगस्त को इस आवेदन को खारिज कर दिया था। साथ ही याचिका वापस कराने की कोशिश में पर्दे के पीछे किसी के होने की आशंका जतायी थी।
इसके पूर्व ईडी भी जांच कर रही है, इस मामले में कई लोगों को जेल पहुंचा चुकी है ।जिसमें मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा, बच्चू यादव, पत्थर व्यवसायी भगवान भगत, कृष्णा साह सहित अन्य लोग शामिल हैं। इस मामले में विजय हांसदा भी ईडी का गवाह है, जो जिरवाबाड़ी के नींबू पहाड़ पर अवैध खनन मामले में मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा सहित 14 लोगों के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर किया था।इसके अलावा ईडी के गवाह को धमकाने के मामले में जिला सदर डीएसपी राजेंद्र दूबे से भी ईडी ने पूछताछ की थी।जिसमें उन्होंने अपनी गलती पर माफी मांगी है। ईडी ने एक बार 4 सिंतबर को राजेंद्र दूबे को राँची जोनल कार्यालय बुलाया है इस मामले में सीबीआई भी उनसे पूछताछ कर सकती है। अवैध खनन और परिवहन मामले में झारखण्ड हाई कोर्ट ने सीबीआई को जांच का जिम्मा सौपा है।