दो IG,एक DIG और एक AIG सहित चार IPS और दो एडिश्नल एसपी के ठिकानों पर सीबीआई का छापा,सीबीआई की 60 जगहों पर छापेमारी से देश में मचा हड़कंप
छत्तीसगढ़।सीबीआई की छापेमारी ने आज पूरे देश में हड़कंप मचा दिया है। देश में पहली बार हुआ है, जो चार IPS और दो एडिश्नल एसपी सहित पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों के ठिकानों पर एक साथ छापेमारी हुई है। सीबीआई ने अपने बयान में बताया है कि चार राज्यों के 60 से ज्यादा ठिकानों पर कार्रवाई चल रही है।दरअसल, पूरा मामला छत्तीसगढ़ में महादेव सट्टा एप घोटाले से जुड़ा है। जांच में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कई ठिकानों पर छापेमारी की। इस कार्रवाई की छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव, पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा सहित चार आईपीएस अधिकारियों तक पहुंच गई है। CBI ने रायपुर, भोपाल, कोलकाता और दिल्ली समेत 60 से अधिक स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया।
CBI की इस कार्रवाई में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ-साथ कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और नौकरशाहों के ठिकानों पर छापे मारे गए। जिन अधिकारियों के खिलाफ जांच चल रही है, उनमें शामिल हैं:
•डॉ. आनंद छाबड़ा – उस समय रायपुर और इंटेलिजेंस आईजी, वर्तमान में आईजी ट्रेनिंग।
•आरिफ शेख – उस समय रायपुर के एसएसपी, वर्तमान में आईजी सीएएफ।
•प्रशांत अग्रवाल – उस समय रायपुर एसपी, वर्तमान में डीआईजी।
•डॉ. अभिषेक पल्लव – उस समय दुर्ग एसपी, वर्तमान में एआईजी।
•संजय ध्रुव – उस समय एडिशनल एसपी दुर्ग।
•अभिषेक माहेश्वरी – उस समय एडिशनल एसपी रायपुर और क्राइम एएसपी।
CBI की टीम ने रायपुर स्थित अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) अभिषेक माहेश्वरी के घर भी छापा मारा,लेकिन घर पर कोई मौजूद न होने के कारण उसे सील कर दिया गया।
महादेव सट्टा एप 2016 में छत्तीसगढ़ के तीन युवकों—सौरभ चंद्राकर, अतुल अग्रवाल और रवि उप्पल—द्वारा लॉन्च किया गया था। इस ऑनलाइन सट्टा प्लेटफॉर्म पर क्रिकेट, फुटबॉल, बैडमिंटन, टेनिस और अन्य खेलों के अलावा चुनाव परिणामों पर भी दांव लगाए जाते थे। धीरे-धीरे यह एप अवैध जुआ गतिविधियों का केंद्र बन गया। इसके प्रमोटर फिलहाल दुबई में हैं और जांच एजेंसियों को उन पर लोक सेवकों को ‘सुरक्षा धन’ के रूप में मोटी रकम देने का संदेह है।
CBI की इस कार्रवाई के बाद रायपुर स्थित भूपेश बघेल के निवास पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान एक अज्ञात व्यक्ति तीन बैग, पेन ड्राइव और हार्ड डिस्क लेकर उनके घर पहुंचा, जिसे कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अंदर जाने से रोक दिया। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी झड़पें भी हुईं।इसके अलावा, भिलाई स्थित बघेल के बंगले के बाहर भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई। पुलिस ने चारों ओर बैरिकेट्स लगाए और समर्थकों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बल तैनात किए।
इस छापेमारी के बाद प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि उन्हें छापे की पूरी जानकारी नहीं है, लेकिन CBI एक स्वतंत्र एजेंसी है और जहां भी गड़बड़ी होती है, वहां कार्रवाई करती है। दूसरी ओर, कांग्रेस नेताओं ने इस कार्रवाई को राजनीतिक साजिश करार दिया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने सोशल मीडिया पर लिखा कि भाजपा सरकार विपक्ष को दबाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।AICC ने भी मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस इस दमनकारी नीति से डरने वाली नहीं है। पार्टी ने इसे ‘सत्य की लड़ाई’ करार दिया और कहा कि अन्याय की हार निश्चित है।CBI की इस कार्रवाई ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल मचा दी है। आने वाले दिनों में इस मामले में और खुलासे हो सकते हैं, जिससे प्रदेश की राजनीतिक सरगर्मी और बढ़ सकती है। अब देखना होगा कि इस घोटाले की जांच में और कौन-कौन से नाम सामने आते हैं और क्या इस मामले में कोई बड़ा खुलासा होता है।