धनबाद में बमबाजी,फायरिंग और आगजनी, रैयतों और कंपनी समर्थकों के बीच हिंसक झड़प,एसडीपीओ सहित कई घायल…
धनबाद।झारखण्ड के धनबाद जिला के मधुबन थाना क्षेत्र में हिलटॉप कंपनी का परिसर रणक्षेत्र बन गया।गुरुवार को यहां रैयतों और कंपनी समर्थकों में हिंसक झड़प हुई। जिसमें दर्जनों राउंड फायरिंग और बमबाजी और आगजनी की घटना हुई है।इसके बाद इलाके में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। आउटसोर्सिंग कंपनी प्रबंधन द्वारा काम शुरू करने के विरोध में रैयतों ने यहां बवाल काटा है।बाघमारा एसडीपीओ सहित कई घायल है।
मधुबन थाना क्षेत्र के बीसीसीएल गोविंदपुर एरिया 3 अंतर्गत हिलटॉप आउटसोर्सिंग कंपनी का परिसर आज सुबह हिंसक झड़प का गवाह बना।बताया जाता है कि बुधवार को गिरिडीह सांसद के द्वारा कंपनी को काम न शुरू करने की चेतावनी दी गयी। लेकिन कंपनी द्वारा आज गुरुवार को काम शुरू करने पर रैयतों ने विरोध जताया, जिसके बाद यहां के हालात बिगड़ गए।दर्जनो राउंड गोली और बम चले हैं।इस घटना के बाद क्षेत्र में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।इस घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे।स्थिति को नियंत्रण में लाने की कोशिशें जारी हैं।
रैयतों का कहना है कि कंपनी के द्वारा उचित मुआवजा, पुनर्वास और रोजगार का वादा पूरा नहीं किया गया है। उन्होंने कंपनी पर रैयतों की मांगों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया।वहीं दूसरी ओर प्रशासन ने दोनों पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की है। इस घटना से क्षेत्र में दहशत का माहौल है और स्थानीय निवासियों में भय व्याप्त है।
दो पक्षों में हिंसक झड़प के दौरान दर्जनों राउंड गोली चली और बमबाजी की गई। इस घटना में एक ग्रामीण और बाघमारा एसडीपीओ पुरुषोत्तम कुमार सिंह जख्मी हो गए। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना मधुबन थाना क्षेत्र में हिलटॉप कंपनी परिसर की है।बीसीसीएल गोविंदपुर एरिया 3 अंतर्गत हिलटॉप आउटसोर्सिंग कंपनी का परिसर हिंसक झड़प का गवाह बना। कंपनी द्वारा बाउंड्री वॉल का काम शुरू करने पर रैयतों ने विरोध जताया, जिसके बाद हालात बिगड़ गए।
रैयतों और अवैध कोयला खनन करने वालों के बीच झड़प हो गई। दोनों पक्षों ने दर्जनों राउंड गोलियां और बम चलाए। ग्रामीणों ने दूसरे पक्ष की 15 से ज्यादा बाइक को आग के हवाले कर दिया। घटना के बाद क्षेत्र में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।
बता दें कि कुछ दिनों पहले गिरिडीह सांसद सीपी चौधरी ने कंपनी प्रबंधन के साथ बातचीत के दौरान स्पष्ट किया था कि रैयतों की मांग पूरा किए बिना काम शुरू न किया जाए।इसके बावजूद गुरुवार को आउटसोर्सिंग कंपनी ने काम शुरू कर दिया,जिससे रैयत भड़क उठे और विरोध तेज हो गया।