हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, अंतरिम जमानत याचिका खारिज….
राँची/नई दिल्ली।झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से दायर अंतरिम जमानत याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया।भूमि घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सोरेन राँची की जेल में बंद हैं। हेमंत सोरेन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट में दलील दी।मामले की सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दलील दी कि अगर हेमंत सोरेन को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी जाती है तो जेल में बंद सभी नेता जमानत की मांग करेंगे।हेमंत सोरेन ने अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दिए जाने के शीर्ष अदालत के आदेश का हवाला दिया था। उन्होंने अपने लिए भी इसी तरह की राहत देने का अनुरोध किया था।सोरेन के खिलाफ जांच राँची में 8.86 एकड़ जमीन से संबद्ध है, जिस बारे में ईडी का आरोप है कि इसे उन्होंने अवैध तरीके से हासिल किया है।इससे पहले मंगलवार को भी सुप्रीम कोर्ट में उनकी याचिका पर सुनवाई हुई थी।न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की अवकाशकालीन पीठ ने मामले की आगे की सुनवाई के लिए बुधवार का दिन निर्धारित किया था।
कोर्ट ने किया सवाल?
उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को सोरेन से पूछा कि कथित भूमि घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में उनके खिलाफ ईडी की शिकायत पर निचली अदालत के संज्ञान लेने के बाद क्या संवैधानिक अदालत उनकी गिरफ्तारी की वैधता की पड़ताल कर सकती है। पीठ ने सोरेन के वकील से पहले यह बताने को कहा कि नियमित जमानत के लिए उनकी अर्जी खारिज होने के बाद लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए उन्हें अंतरिम जमानत कैसे दी जा सकती हैम सोरेन के वकीलों ने अदालत के सवालों का जवाब देने के लिए बुधवार तक का वक्त मांगा था।
ईडी ने किया याचिका का विरोध
ईडी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल एस वी राजू ने सोरेन की अंतरिम जमानत अर्जी का विरोध करते हुए दलील दी कि उनका मामला दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से अलग है, जिन्हें आम चुनाव में प्रचार करने के लिए 10 मई को अंतरिम जमानत दी गई थी। उन्होंने कहा कि निचली अदालत ने सोरेन के खिलाफ प्रथम दृष्टया एक मामला पाये जाने के बाद चार अप्रैल को अभियोजन की शिकायत का संज्ञान लिया था।
सोरेन की अर्जी की विचारणीयता पर प्रारंभिक आपत्ति जताते हुए ईडी ने कहा, इस मामले की तुलना दूसरे मामले (केजरीवाल के मामले) से नहीं की जा सकती. अन्यथा, हर दिन कोई न कोई गिरफ्तारी को चुनौती देने आएगा और आपराधिक कार्यवाही ठप हो जाएगी। यह भानुमति का पिटारा खोल देगा। ईडी ने कहा कि केजरीवाल के मामले के विपरीत, सोरेन को 16 मार्च को लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा से काफी पहले 31 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था।
कपिल सिब्बल की चूक का खामियाजा हेमंत सोरेन ने भुगता ! नहीं कर पाएंगे चुनाव प्रचार
हेमंत सोरेन की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए SC ने इस बात पर नाराजगी जाहिर कि याचिकाकर्ता ने कोर्ट के सामने सारे तथ्य नहीं रखे। कोर्ट ने सवाल किया जब सोरेन ने SC को रुख किया गया था तब कोर्ट को इस बात की जानकारी क्यों नहीं दी गई कि ज़मानत की अर्जी स्पेशल कोर्ट के सामने पेंडिंग है और निचली अदालत पहले ही चार्जशीट पर संज्ञान ले चुकी है। कोर्ट ने कहा कि हमे आपके मुवक्किल की नीयत सही नहीं लगती। आप दो दो जगह क़ानूनी राहत के विकल्प खोज रहे थे। अगर हमे पता होता कि आपकी अर्जी कहीं और ही पेंडिंग है तो हम ऐसी सूरत में आपको याचिका को सुनवाई के लिए मंज़ूर ही नहीं करते।इसके बाद कपिल सिब्बल ने सफाई दी कि इसमे मेरे मुवक्किल की ग़लती नहीं है।ये मेरी अपनी ग़लती है. हमारा मकसद किसी तरह से कोर्ट को गुमराह नहीं था।